राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा जम्मू-कश्मीर में है। इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं कि हमने इतने लोग मार गिराए, लेकिन प्रमाण कुछ नहीं। केवल झूठ के पुलिंदे पर यह राज कर रहे हैं। दिग्विजय के बयान को पार्टी के नेता जयराम रमेश ने निजी बताया है, साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया है कि 2014 से पहले यूपीए सरकार ने भी सर्जिकल स्ट्राइक की थी। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि उनका दावा गलत है।
जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा कि आज वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा व्यक्त किए गए विचार कांग्रेस पार्टी के नहीं, उनके व्यक्तिगत विचार हैं। 2014 से पहले यूपीए सरकार ने भी सर्जिकल स्ट्राइक की थी। राष्ट्रहित में सभी सैन्य कार्रवाइयों का कांग्रेस ने समर्थन किया है और आगे भी समर्थन करेगी।
आज वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा व्यक्त किए गए विचार कांग्रेस पार्टी के नहीं, उनके व्यक्तिगत विचार हैं। 2014 से पहले यूपीए सरकार ने भी सर्जिकल स्ट्राइक की थी। राष्ट्रहित में सभी सैन्य कार्रवाइयों का कांग्रेस ने समर्थन किया है और आगे भी समर्थन करेगी।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 23, 2023
दावे की हकीकत: जब हमने जयराम रमेश के दावों की पड़ताल की तो इस सम्बन्ध में हमे अमर उजाला और इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मिली। इन रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू के आरटीआई कार्यकर्ता की ओर से मांगी गई सूचना के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि उसके पास सिर्फ एक ही सर्जिकल स्ट्राइक का आंकड़ा मौजूद है, जो उड़ी हमले के जवाब में 29 सितंबर, 2016 को सेना द्वारा की गई थी। जम्मू में रहने वाले रोहित चौधरी ने 2018 में आरटीआई दाखिल कर 2004 से 2014 के बीच सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जानकारी मांगी थी। मंत्रालय ने डीजीएमओ के जरिए उन्हें सेना की ओर से एक ही सर्जिकल स्ट्राइक करने का डाटा होने की जानकारी दी।
इंडियन एक्सप्रेस की प्रकाशित खबर |
पूर्व डीजीएमओ ने सर्जिकल स्ट्राइक की बात को नकारा था: कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार में 2012 से 2014 तक भारतीय सेना में डीजीएमओ रह चुके विनोद भाटिया ने भी यूपीए में सर्जिकल स्ट्राइक होने की बात को नकारा था। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा था कि यूपीए सरकार में सर्जिकल स्ट्राइक नहीं बल्कि क्रॉस-बॉर्डर ऑपरेशन हुए थे। जनरल भाटिया ने कहा था कि हमें सर्जिकल स्ट्राइक को एक सही फ्रेमवर्क से देखने की जरूरत है। पहली बार भारत ने आतंकवादियों को इतना करारा जवाब दिया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने ये भी कहा कि पहले किए स्ट्राइक को सर्जिकल स्ट्राइक नहीं कहा जा सकता, वे क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशंस थे। उन्हें बिना ज्यादा प्लानिंग के अंजाम दिया गया था।
निष्कर्ष: 2014 से पहले यूपीए सरकार में सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई थीं।