पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं। इन नतीजों में ममता बनर्जी की पार्टी को बहुमत मिला है। लेकिन इसके साथ ही राज्य में अलग अलग जगहों से हिंसा के मामले सामने आ है। इसके साथ ही हिंसा से जोड़कर सोशल मीडिया में कुछ पुरानी तस्वीरें और वीडियो भी वायरल किए जा रहे हैं।
भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय सोशल मीडिया इंचार्ज प्रीति गांधी ने एक वीडियो चुनाव परिणाम के बाद जश्न का बताकर साझा किया है। इस वीडियो में कुछ हाथों में हथियार लेकर नाचते हुए नजर आ रहे हैं। एक ट्विटर यूजर यूजर बरखा त्रेहान ने इस वीडियो को पश्चिम बंगाल हिंसा से जोड़कर साझा किया है। भाजपा दिल्ली के जनरल सेक्रेटरी कुलजीत सिंह चहल ने भी वीडियो ट्वीट किया इस वीडियो को कॉलमिस्ट शेफाली वैद्य और फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने भी ट्वीट किया है जिसे बाद में हटा लिया गया।
क्या है हकीकत?
पड़ताल में वीडियो का अलग अलग एंगेल से स्क्रीनशॉट लेकर रिवर्स सर्च करने यह वीडियो यूट्यूब पर मिलता है, इस वीडियो को पिछले साल 27 सितम्बर को अपलोड किया गया है हालाँकि यह वीडियो किस संदर्भ में अपलोड किया गया था, इसकी जानकारी नहीं है लेकिन यह स्पष्ट है कि वीडियो पश्चिम बंगाल की वर्तमान हिंसा का नहीं हैं।
पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद एक तस्वीर वायरल है। एक ट्विटर यूजर प्रिया ने तस्वीर को चुनाव परिणाम के बाद हुई हिंसा की बताकर ट्वीट की है।
एक यूजर अमन ने तस्वीर ट्वीट करते हुए पश्चिम बंगाल में टीएमसी चुनने के
लिए लोगों को धन्यवाद कहा है।
क्या है हकीकत?
इस तस्वीर को रिवर्स में सर्च करने पर
पता चलता है कि तस्वीर दो साल पुरानी है। बेबसाईट द स्टेट्समैन के आर्टिकल
में इस तस्वीर को 15 मई 2019 को प्रकाशित किया गया है। एबीपी न्यूज ने इस
तस्वीर को 14 मई 2019 को अपने आर्टिकल में प्रकाशित किया है।
खबर के मुताबिक अमित शाह के रोड शो के दौरान बीजेपी और टीएमसी के
कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे। इसी दौरान ईश्वर चंद्र विद्यासागर की
मूर्ति भी तोड़ी गई थी।
सोशल मीडिया में एक और तस्वीर वायरल है, इसे भी पश्चिम बंगाल की हिंसा से
जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा तमिलनाडु के अध्यक्ष निर्मल कुमार ने दो
तस्वीरें साझा की हैं। उन्होंने लिखा है कि 5 से ज़्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं
की मौत हो चुकी है।
एक यूजर प्रियांक कश्यप ने तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं की स्थिति भयावह है।
क्या है हकीकत?
इस तस्वीर का रिवर्स सर्च करने से पता चला कि ये 3 साल पुरानी तस्वीर है। हिंदुस्तान टाइम्स में 30 मार्च 2018 में एक आर्टिकल में यह तस्वीर प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। यह तस्वीर उसी वक्त की है।
इसके अलावा एक वीडियो वायरल है जिसमे कुछ लोग पुलिस वाहन और पुलिसकर्मियों पर हमला करते हुए दिखते हैं। एक ट्विटर यूजर आदित्य ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा, ‘पुलिस इन इस्लामिक टीएमसी गुंडों से खुदकी रक्षा नहीं कर पा रही है, इन आतंकवादियों के सामने सेना को तैनात करना चाहिए।’ अरुणेश नाम के ट्विटर यूज़र ने भी इस वीडियो को साझा किया है।
क्या है हकीकत?
पड़ताल में यह वीडियो कनक न्यूज़ पर मिला। यह 13 जनवरी 2021 को अपलोड हुआ था
जिसके मुताबिक ओडिशा के भद्रक शहर में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत
से नाराज़ स्थानीय लोगों ने पुलिस पर हमला किया था।
इस सम्बन्ध में
14 जनवरी 2021 की द न्यू इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट प्रकाशित हुई है
जिसके मुताबिक, गांव में पुलिस के डर से 22 वर्षीय लड़के की मौत हो गई थी।
पुलिस गांव में बापी महालिक नामक व्यक्ति के साले अशोक मलिक से किसी पुराने
केस के सिलसिले में पूछताछ करने के लिए पहुंची थी। बापी अपने घर पर पुलिस
देखकर डर गया और वहां से भाग गया था। पुलिस से बचने के लिए बापी तालाब
तालाब में कूद गया जिसमें डूबकर उसकी मौत हो गई थी। इस घटना के बाद
गांववालों ने बापी का शव रास्ते पर रखकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और
गांववालों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।