बदायूं। उत्तर प्रदेश के जनपद बदायूं में एक आंगनबाड़ी वर्कर ने पुलिस चौकी इंचार्ज समेत 7 लोगो पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था लेकिन जाँच में यह पूरा मामला फर्जी पाया गया है। दरअसल पोषाहार वितरण में गडबडी को लेकर जिन लोगों ने उसकी पोल खोली थी, वह उन्हीं को फंसाने का षड्यंत्र रच रही थी।
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला ने शेखूपूर पुलिस चौकी इंचार्ज, दो सिपाहियों समेत चौकी में मौजूद चार अन्य लोगों पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया। महिला का कहना है दो मार्च को वह अपने केंद्र पर पोषाहार वितरित कर रही थी। उसी दौरान गांव के कुछ लोग उसके केंद्र पर आ गए और दबंगई दिखाते हुए पोषाहार व उसके चार हजार रुपये लूट लिए। उसका रजिस्टर भी लोग ले गए। उसने हेल्पलाइन नंबर पर पुलिस को फोन करके घटना के बारे में अवगत कराया था। उस दौरान गांव के कुछ लोग भी आ गए थे तथा थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा था।महिला का कहना था इसके बाद वह शेखूपुर चौकी गई तथा तहरीर दी। पुलिस ने उसे बाद में आने को कहा था। इस पर वह चार मार्च को चौकी पहुंची, जहां पहले से आरोपी मौजूद थे। वे उसे पकड़कर चौकी के अंदर जबरन ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।, जिसमें चौकी इंचार्ज व सिपाही भी शामिल थे। इसके बाद उन्होंने उसे नौकरी लेने की भी धमकी दी। महिला ने इस बाबत घर पहुंचकर अपने पति को जानकारी दी तथा रविवार को एसएसपी को तहरीर दी।
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जब ये मामला चर्चा में आया तो पुलिस के होश उड़ गए। फिर पुलिस ने मामले की खोजबीन शुरू कर दी। सिविल लाइंस इंस्पेक्टर सुधाकर पांडेय के मुताबिक जब ये आंगनबाड़ी वर्कर अपने गांव की कुछ महिलाओं को पोषाहार वितरित कर रही थी, तभी अन्य महिलाओं ने आकर हंगामा किया था। इनमें मारपीट भी हुई। उसके पति ने एक महिला के साथ अभद्रता की। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और उसे जेल भेजा गया।
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इधर, गांव की एक महिला ने आंगनबाड़ी वर्कर पर पोषाहार घोटाले का आरोप लगाया। इस पर जिला प्रशासन द्वारा जांच कराई गई। इसमें कई महिलाएं ऐसी पाई गईं, जिन्हें पोषाहार मिला ही नहीं था। इसकी जांच सीडीपीओ उझानी तरुण वर्मा ने की। सीडीपीओ की जांच के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने गांव में पुष्टाहार का वितरण नहीं किया। वह कुछ ही लोगों को पुष्टाहार का वितरण करती हैं। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने सीडीओ से की थी। सीडीओ ने मामले की जांच सीडीपीओ को सौंपी थी। सीडीपीओ तरुण ने जांच की तो केवल सात लोगों ने कहा कि पुष्टाहार बंटा है, बाकी 68 लोगों ने कहा कि गांव में पुष्टाहार का वितरण हुआ ही नहीं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी अदीश मिश्रा ने मामले की जांच रिपोर्ट डीएम दीपा रंजन को सौंप दी। इस पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री का वेतन काटते हुये रिकवरी के आदेश पर डीएम से संस्तुति मांगी है। कार्यकत्री का अब वेतन कटेगा और रिकवरी के साथ अन्य कार्रवाई होगी। इसको लेकर अधिकारियों का कहना है आंगनबाड़ी इस कार्रवाई से बचने के लिये पुलिस व अन्य पर गैंगरेप का आरोप लगा रही है।