चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक को पत्र भेजा
है। सीएमओ का यह पत्र वायरल होने के बाद डीएम-सीएमओ के बीच विवाद चर्चा में
आ गया है।
शुक्रवार की शाम डीएम वैभव श्रीवास्तव ने स्वास्थ्य
सेवाओं और कोविड-19 की व्यवस्था को लेकर कैंप कार्यालय में जिले के
अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। सीएमओ डा. संजय शर्मा द्वारा स्वास्थ्य
महानिदेशक को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि मीटिंग में सीडीओ अभिषेक
गाेयल, सीएमओ डॉ.संजय कुमार शर्मा, एसडीएम सदर शालिनी प्रभाकर, डॉ.बीरबल,
डॉ शम्स रिजवान, डॉ.राधाकृष्णन आदि शामिल हुए थे। इसी दौरान कोविड-19 के
अस्पतालों के भोजन व्यवस्था प्रभारी डॉ. मनोज शुक्ला की गैरमौजूदगी का मसला
उठा।
की पत्नी कैंसर रोग से ग्रस्त हैं। उनकी डायलिसिस होनी थी। फोन पर ही
उन्हें पत्नी के इलाज के लिए जाने की इजाजत दे दी गई। इसी बात को लेकर डीएम
वैभव श्रीवास्तव ने उनसे अपमान की भाषा में बात की। उन्होने भरी मीटिंग
में खाल तक खिंचवाने धमकी भी दे दी। उन्होने ‘गधा’ तक कह दिया।
सीएमओ
का कहना है कि मीटिंग में ये बातें सुनकर मेरी तबीयत बिगड़ गई और मैं वहां
से चला आया। उन्होंने महानिदेशक से इस प्रकरण में उचित कार्रवाई का आग्रह
किया है। सीएमओ ने इन परिस्थितियों में काम कर पाने में असमर्थता जताई थी,
जिस पर स्वास्थ्य महानिदेशक का कहना है कि इस मामले में कोई भी फैसला शासन
स्तर पर लिया जाएगा।