उत्तर प्रदेश के मेरठ में बीते दिनों एक शादी कार्यक्रम में विवाद सामने आया। लोगों का आरोप है कि मेरठ के कालन्दी गांव में दलितों की शादी में डीजे बजाने का ठाकुरों ने विरोध किया। अपनी दबंगई दिखाते हुए कहा उन्होंने कि इस गांव में डीजे सिर्फ ठाकुरों का बजेगा। इसके बाद उन्होंने दलित बरातियों के साथ मारपीट और लूटपाट की।
नगीना सांसद चन्द्र शेखर आजाद एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा, ‘मेरठ के कालिंदी गांव में दलित दूल्हे संजीव की बारात पर दबंगों ने हमला किया, जातिसूचक गालियां दीं, महिलाओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, दूल्हे के भाई का सिर फोड़ दिया और लाखों की लूटपाट भी की। यह सिर्फ एक शादी पर हमला नहीं, बल्कि जातिवादी सोच का वीभत्स चेहरा है, जो बहुजन समाज की खुशियों व सम्मान के जीवन को भी बर्दाश्त नहीं कर सकता। हमलावर खुलेआम धमकी दे रहे थे— “DJ सिर्फ हमारे यहां बजेगा!” क्या बहुजन समाज को शादी तक की आजादी नहीं है? क्या इस प्रदेश में दलित समाज को अपनी खुशियों को मनाने का हक नहीं?’
मेरठ के कालिंदी गांव में दलित दूल्हे संजीव की बारात पर दबंगों ने हमला किया, जातिसूचक गालियां दीं, महिलाओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, दूल्हे के भाई का सिर फोड़ दिया और लाखों की लूटपाट भी की।यह सिर्फ एक शादी पर हमला नहीं, बल्कि जातिवादी सोच का वीभत्स चेहरा है, जो बहुजन समाज की खुशियों… pic.twitter.com/kTPNBP2Jn4
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) March 1, 2025
यूपी कांग्रेस ने लिखा, ‘मेरठ में दबंगों ने दलितों की बारात पर हमला करके दूल्हे और अन्य बारातियों को बुरी तरह मारा-पीटा व लूट-पाट भी की। हमलावर दबंग DJ बजाने की बात पर हमला करके इतना उत्पात मचाये। उनका कहना था कि DJ बजाने का अधिकार दलितों को है ही नहीं। सत्ता संरक्षित गुंडों पर अभी तक पुलिस ने भी कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की है। योगी सरकार में दलितों का जीना मुहाल हो गया है। दलितों के साथ सत्ता संरक्षित गुंडे आये दिन अमानवीय सुलूक करते हैं लेकिन सत्ताधीश की आंख नहीं खुलती। दलितों को उनका हक दिलाने के लिए ही हम लड़ रहे हैं। किसी भी कीमत पर इस दलित परिवार को न्याय और दबंगों को सबक मिलना ही चाहिए।’
मेरठ में दबंगों ने दलितों की बारात पर हमला करके दूल्हे और अन्य बारातियों को बुरी तरह मारा-पीटा व लूट-पाट भी की। हमलावर दबंग DJ बजाने की बात पर हमला करके इतना उत्पात मचाये। उनका कहना था कि DJ बजाने का अधिकार दलितों को है ही नहीं।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) March 1, 2025
सत्ता संरक्षित गुंडों पर अभी तक पुलिस ने भी कोई… pic.twitter.com/Gqv6sEYeGH
तरुण जाटव ने लिखा, ‘कमजोर दलितों की बारात रोककर जोधा के भतीजे खुद को छतरी समझते हैं। ठाकुर का कुआं, खेत, होने के बाद गांव भी ठाकुरों का होने लगा है। मेरठ में अच्छे खासे दलित है और जोधा के भतीजों को उनकी ही भाषा में जवाब दो क्योंकि भतीजे ने कहा था जो जिस भाषा में समझेगा हम उसी भाषा में समझाएंगे।’
कमजोर दलितों की बारात रोककर जोधा के भतीजे खुद को छतरी समझते हैं।
— Tarun Jatav (@tarunjatav50) March 3, 2025
ठाकुर का कुआं, खेत, होने के बाद गांव भी ठाकुरों का होने लगा है।
मेरठ में अच्छे खासे दलित है और जोधा के भतीजों को उनकी ही भाषा में जवाब दो क्योंकि भतीजे ने कहा था जो जिस भाषा में समझेगा हम उसी भाषा में समझाएंगे। pic.twitter.com/nYfowjCwnd
बसावन इंडिया ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश रामराज्य मेरठ के सरधना कालिंदी गांव में दलित समाज की बारात पर दबंग ठाकुरों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया दलित दूल्हा संजीव कुमार ने बताया कि ठाकुर बिरादरी के गुण्डों ने बारात रोककर धमकी दी कि गांव के शादी में सिर्फ ठाकुरों के घर पर ही डीजे बजता है, तुम डीजे बन्द करो, जब बारात ने इसका विरोध किया, तो हमला कर दिया गया।’ आवेश गौतम ने लिखा, ‘ये ठाकुरों का गाँव है केवल ठाकुर के यहां डीजे बजता है मेरठ में ठाकुरों द्वारा दलितों को दौड़-दौड़कर पीटा गया और महिलाओं को भी मारा गया दूल्हे के भाई का सिर्फ फोड़ दिया और सोने की चेन कंगन 2 लाख रुपये ले गए. एक मामला ठंडा नहीं होता है तो दूसरा मामला आ जाता है, उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बिल्कुल ध्वस्त हो चुकी है आए दिन दलितों पर अत्याचार होते जा रहे हैं.’
उत्तर प्रदेश रामराज्य मेरठ के सरधना कालिंदी गांव में दलित समाज की बारात पर दबंग ठाकुरों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया दलित दूल्हा संजीव कुमार ने बताया कि ठाकुर बिरादरी के गुण्डों ने बारात रोककर धमकी दी कि गांव के शादी में सिर्फ ठाकुरों के घर पर ही डीजे बजता है, तुम डीजे बन्द करो,… pic.twitter.com/8F2m0JwABI
— बसावन इंडिया (@BasavanIndia) March 2, 2025
इसके अलावा सीमा, लक्ष्मण यादव, दलित टाइम्स, आवेश गौतम ने भी इस मामले को पोस्ट किया है।
क्या है हकीकत? पड़ताल में संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च करने पर हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। जिसके मुताबिक यह घटना मेरठ के कालिंदी गांव की है। मुजफ्फरनगर के भोकरहेड़ी गांव निवासी संजीव की शादी मेरठ के कालिंदी गांव निवासी युवती से तय हुई थी। शनिवार को संजीव बारात लेकर कालिंदी गांव पहुंचा। यहां गांव के दबंगों ने बारात पर हमला कर दिया। दूल्हे संजीव ने बताया कि आरोपियों ने जाति सूचक शब्द बोले, गालियां दीं। विरोध किया तो अपने गांव के अन्य साथियों को बुलाकर बारात पर हमला कर दिया। दबंगों ने मुझे भी बुरी तरह से पीटा। आरोप है कि मेरी सोने की 2 अंगूठी और एक ब्रेसलेट उतार लिया। मेरे चाचा के हाथ से बैग छीन लिया। उसमें दो लाख रुपए कैश था। हमलावरों ने कहा कि दलितों की कोई बारात नहीं आएगी यहां पर। हम ठाकुर हैं, ये ठाकुरों का गांव है। यहां केवल ठाकुरों की बारात चढ़ेगी, दलितों की नहीं। बारात में केवल ठाकुरों के यहां डीजे बजेंगे।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस वक्त बारात पर हमला हुआ, गांव के बाहर चाट विक्रेता दीपक खड़ा था। उसने बताया कि कुछ लोग यहां मेरे ठेले पर रुके चाट खाने लगे। इसी बीच पता नहीं क्या हुआ, दोनों में लड़ाई शुरू हो गई। उन लोगों ने मारा-पीटा और जातिसूचक शब्द भी कहे।
पड़ताल में आगे हमें लड़की के भाई राहुल की तरफ से दर्ज कराई एफआईआर की कॉपी मिली। एफआईआर में राहुल ने बताया कि एक मार्च को मेरी बहन की शादी थी। बारात दोपहर 12 बजे गांव के बाहर आकर रुकी। उसी समय गांव के चार युवक अक्षय, सचिन, छोटे उर्फ़ निशांत और तरुण अपनी गाड़ी से आये और बारातियों से गाली गलोच करते हुए पूछा कि कहां आये हो? बारातियों ने राहुल का नाम बताया तो उन्होंने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। बारातियों ने विरोध किया तो उन्होंने धारदार हथियार से हमला किया, जिसमें एक युवक बुरी तरह घायल हो गया। राहुल ने एफआईआर में यह भी बताया की चारों युवक नशे की हालत में थे। हालाँकि एफआईआर में डीजे और लूटपाट का कोई जिक्र नहीं है।
ग्राउंड रिपोर्ट: इस मामले में हमने OFI के साथ कालिंदी गांव पहुंचकर पड़ताल की। हमने गांव की प्रधान कविता सोम के पति नितिन सोम से मुलाकात की। मौजूदा प्रधान ठाकुर समाज से आते हैं, नितिन सोम ने बताया कि बारात गांव के बाहर आकर रुकी थी। वहीं पर एक चाट वाले का ठेला लगा था, जहां कुछ बाराती और बच्चे चाट खाने लगे। उसी वक्त अक्षय और उसके साथी स्कॉर्पियो से वहां से गुजर रहे थे, इस दौरान गाडी के चपेट में आने से कुछ बच्चे बच गए। इसी बात पर दोनों पक्षों में विवाद और मारपीट हुई। इसके बाद बाराती थाने पहुंच गए और वापस लौटने की बात करने लगे। घटना की जानकारी मिलते ही मैं भी थाने पहुंचा और बारातियों को समझा बुझाकर वापस गांव लेकर आया और अपने साथ पुलिस की मौजूदगी में शांतिपूर्वक तरीके से विवाह संपन्न कराया। उनकी गाडी को भी मैंने पुलिस थाने पहुंचवाया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दो अभी फरार हैं।
नितिन सोम ने हमें बताया कि इस प्रकरण में मुख्य आरोपी अक्षय ने बीते साल स्कोर्पियो गाडी खरीदी दी। वो शराबी प्रवर्ती का है, अपनी संगत के दोस्तों को साथ लेकर घूमता है। इन लोगों का अक्सर किसी न किसी से झगड़ा होता है। नितिन सोम ने बताया कि इस गाँव में सर्व समाज की बारात निकलती रही है। आज भी गांव में ठाकुर और दलित परिवार में शादी है, डीजे बजाने से किसी को कोई आपत्ति नहीं है।
इसके बाद हमारी मुलाकात गांव के पूर्व प्रधान राजकुमार के भाई रामभूल सोम से हुई। रामभूल भी ठाकुर समाज से हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में शामिल अक्षय से उसका परिवार समेत पूरा गांव उससे परेशान है। शराब के नशे में वह अपने दोस्तों के साथ स्कॉर्पियो में घूमता रहता है और लोगों से फालतू में उलझता है। गांव में ठाकुर दलितों की शादी में शामिल होते हैं और दलित भी ठाकुरों की शादी में आते हैं। गांव में आज ही महेंद्र वाल्मीकि के पोते की शादी का कार्यक्रम चल रहा है। हमारे गांव में राशन कोटे की दुकान भी एक सुनीता नाम की महिला के पास है, वो भी दलित समाज से आती हैं।
वहीं इस घटना में पीड़ित पक्ष लड़की के भाई सचिन ने हमें बताया कि करीबन साढ़े 12 बजे बारात आकर गांव के एक छोर आकर ठहर गयी थी। मैंने बारातियों को पानी पिलाया, उनका स्वागत किया और वापस घर आ गया। इसी दौरान झगड़ा हो गया, तब लड़कों ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। सचिन ने बताया की डीजे को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ। न ही किसी ने डीजे बजाने से रोका था। इस झगड़े के बाद लड़का पक्ष शादी तोड़ रहा था लेकिन गांव के प्रधान और पुलिस ने उन्हें मनाया। जहां तक सोने की चेन, अंगूठी और दो लाख नगद लूटने की बात है तो इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता। यह आरोप बारातियों ने लगाया है। फ़िलहाल पुलिस इस मामले में कार्रवाही कर रही है, किसी से शिकायत नहीं है।
क्या कहते हैं दलित समाज के लोग? कालिंदी गाँव में दलित समाज से गजेन्द्र सिंह प्रधान रह चुके हैं। हमारी बात गजेन्द्र सिंह के भाई हसन सिंह से हुई। उन्होंने बताया कि पूरे गांव में जैसी वाल्मीकि समाज की बारात ऐसी चढ़ती है, वैसी ठाकुरों की भी नहीं चढ़ती। लेकिन हमें ठाकुरों या किसी अन्य से ऐसी कोई दिक्कत नहीं हुई। अशोक कुमार ने बताया कि पिछले साल मैंने अपनी बेटी की शादी कराई है। हम दोनों ही एक दूसरे की शादी में आते जाते हैं। यह घटना गलत हुई है पर डीजे का विवाद नहीं है। गांव में सभी की शादी में डीजे बजाया जाता है।
65 वर्षीय भोपाल ने बताया कि मैं इतने सालों से इस गांव में रह रहा हूँ। अब तक मैंने ऐसी कोई घटना नहीं देखी जिसमें ठाकुरों ने हमारी बारात रोकी हो। डीजे का तो कोई विवाद नहीं है। यह लड़के(आरोपी) शराब के नशे में लोगों से झगड़ते रहते हैं। वहीं विजेंद्र कुमार, ब्रिज मोहन, कन्हैया और वीरपाल ने भी इन बातों पर अपनी सहमती जाहिर की।



हालाँकि दलित समाज से ही रमेश ने हमें बताया कि पिछले साल बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती निकाली गयी थी। ठाकुर वर्ग के इलाके में किसी ने एक पत्थर मारा था। हालाँकि हमे यह नहीं पता कि किसने इस हरकत को अंजाम दिया। रमेश ने कहा कि मैं बारात में मारपीट के मामले में आरोपियों पर सख्त कारवाई चाहता हूँ। इस घटना को किसी समाज से नहीं जोड़ रहा।
गांव में ही हमारी मुलाकत बसपा नेता केशपाल से हुई। उन्होंने बताया कि वो पार्टी से सिवलखास विधानसभा के बूथ अध्यक्ष हैं। केशपाल ने बताया कि घटना के दौरान वो गांव में नहीं थे लेकिन यह बात जरुर कह सकते हैं कि गांव में कभी इस तरह का कोई विवाद नहीं हुआ है। इस घटना में आरोपी अक्षय शराब के नशे में लोगों से झगड़ा करता है।
इसके बाद हमने घटनास्थल पर प्रत्यक्षदर्शी चाट का ठेला लगाने वाले दीपक कश्यप से मुलाकात की। दीपक ने बताया कि मैं अपना ठेला लेकर जा रहा था। वहीं पर एक बारात खड़ी थी। बारात में शामिल बच्चों ने चाट खरीदी और वो वहीं सड़क पर उसे खाने लगे। इसी दौरान स्कोर्पियो गाडी से बरातियों के बच्चे टकराने से बच गए। युवक गाडी तेज चला रहे थे। बरातियों में शामिल लोगों ने इसका विरोध किया, तब दोनों पक्षों में विवाद हुआ। मारपीट में एक बाराती का सिर फट गया, जिसके बाद स्कोर्पियो वाले लड़के भाग गए।
उत्तर प्रदेश के मेरठ में बीते दिनों एक शादी कार्यक्रम में विवाद सामने आया। लोगों का आरोप है कि मेरठ के कालन्दी गांव में दलितों की शादी में डीजे बजाने का ठाकुरों ने विरोध किया। अपनी दबंगई दिखाते हुए कहा उन्होंने कि इस गांव में डीजे सिर्फ ठाकुरों का बजेगा। इसके बाद उन्होंने दलित… https://t.co/HTB8QgHJvZ pic.twitter.com/y4ku6AWduO
— Vishal Maheshwari (@vishalPosts) March 4, 2025
हमने दीपक से पूछा कि क्या आरोपियों ने बारातियों को लेकर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया था। दीपक ने बताया कि जब विवाद के दौरान उन्होंने कहा था। हालाँकि दलितों-जाटवों का डीजे नहीं बजने देंगे या गांव में ठाकुरों का ही डीजे बजाया जाएगा.. इस तरह की कोई बात नहीं हुई थी, उस वक्त तो डीजे बज भी नहीं रहा था। वो लड़के तेज स्कोर्पियो चला रहे थे, जिससे बच्चे बच गए। इसी बात को लेकर झगडा हुआ।

घटना के दौरान दीपक का एक वीडियो भी सामने आया था। इस वीडियो में चाट के ठेले पास दीपक खड़ा है। वीडियो में एक युवक दीपक का बयान दर्ज करने के लिए कहता है कि तू अपनी बात पर अमल रहना। दीपक क्या हुआ था? जवाब में दीपक ने कहा कि बच्चे चाट खा रहे थे, तभी वो लड़के आए और झगडा हो गया। वीडियो में आगे दीपक ने जातिसूचक शब्दों पर तो अपनी सहमती दी लेकिन युवक ने जब कहा कि उन लड़कों ने बारात नहीं चढ़ने नहीं देंगे, घोड़ी नहीं चढ़ने देंगे.. इस पर मारपीट की। इस दौरान दीपक खामोश रहा।
1- मेरठ के सरधना के गांव कालिंदी में फिर से अनुसूचित जाति के जाटव समाज पर जातिवादी गुंडो ने हमला बोला और उनको जातिसूचक शब्दों के साथ अपमानित करते हुए पूरी बारात के साथ मारपीट की और बारात नहीं चढ़ने दी जैसा मथुरा में जिस घटना को जातिवादी गुंडो ने अंजाम दिया था। pic.twitter.com/2tB73qvmm8
— ROHIT AMBEDKAR BSP(बहन जी का परिवार) (@RohitAmbedkar89) March 2, 2025
हमने इस वीडियो के सम्बन्ध में दीपक से पूछा तो उन्होंने बताया कि घटना के वक्त एक युवक ने यह वीडियो बनाया था। वो बारात और घोड़ी चढ़ने से रोकने के सवाल पूछ रहा था। मैं चुप रहा था क्योंकि लड़ाई में ऐसी कोई बात ही नहीं हुई थी।
अपनी पड़ताल में हमारी मुलाकात अनिल कुमार से हुई। अनिल का घर घटनास्थल पर बने मंदिर के पास है। उन्होंने बताया कि गांव में बाहर से आने वाली सभी बारात यहाँ रूकती है। एक मार्च की दोपहर को भी बारात आई थी। उस दौरान मैं वहां मौजूद था। स्कोर्पियो सवार लड़के वहां पहुंचे तो कुछ बच्चे चपेट में आने से बच गए, जब उधर से लोगों ने इसका विरोध किया तो इन लड़कों ने बारातियों को पीटा था, फिर वहां से भाग गए। लेकिन डीजे बजाने के विरोध जैसी कोई बात नहीं थी।
प्रकरण में कुछ युवकों का विवाद हुआ है जिसमे मेडिकल करवाकर मुकदमा दर्ज किया गया है। दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है गाँव में स्थिति सामान्य है और बारात पर हमले की खबर गलत है। इस सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण महोदय की वीडियो बाईट ।#MeerutPolice#Uppolice pic.twitter.com/jqXvJO9Fox
— MEERUT POLICE (@meerutpolice) March 1, 2025
इस सम्बन्ध में एसपी देहात राकेश कुमार मिश्रा ने बयान जारी कर बताया है कि भोपा मुजफ्फरनगर से मेरठ में सरधना के कालिंदी गांव में आज बारात आई थी। बारात के कुछ लोग गांव के बाहर टिक्की, चाट के ठेलों के पास चाट खाने रुके थे। वहां गांव के ही दूसरे पक्ष के कुछ शरारती किस्म के लोग भी आ गए। वो स्कॉर्पियो में थे। उन लोगों की बारात के युवकों से किसी बात पर कहासुनी हुई और उन्होंने मारपीट की। मामले में दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। गाँव में स्थिति सामान्य है और बारात पर हमले की खबर असत्य व निराधार है।
दावा | मेरठ में ठाकुरों ने बारातियों के साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि इस गांव में ठाकुरों का डीजे बजेगा। दलित डीजे नहीं बजाएगा। ठाकुरों में लूटपाट की। |
हकीकत | मेरठ के कालन्दी गांव में शराब के नशे में युवकों ने झगड़ा किया। इस दौरान उन्होंने दलितों को डीजे बजाने का विरोध नहीं किया। न ही गांव में सिर्फ ठाकुरों की शादी में डीजे बजाने की बात की थी। इस मामले में लूटपाट के आरोप भी भ्रामक हैं। |