यूपी के संभल में 24 नवंबर, 2024 को जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा हुई। इसमें 4 लोग गोली लगने से मारे गए। 25 से ज्यादा पुलिस-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी घायल हुए। इस बीच सोशल मीडिया पर सीसीटीवी कैमरा तोड़ने का एक वीडियो वायरल है। इसे संभल दंगो का बताते हुए दावा किया जा रहा है कि यूपी पुलिस कैमरे तोड़ रही है।
शमी ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश की महान सम्भल पुलिस,, जब मुस्लिम इलाकों के दंगे फसाद करवाने होते हैं तो पहले CCTV कैमरे को तोड़ दिया जाता है,, फ़िर खुद दंगा फसादियों का साथ देते हैं, और आरोप मुसलमानो पर लगाकर निकल लेते हैं,, सिस्टम सरकार वैसे भी मुसलमानो की ताक में बैठी है।’
उत्तर प्रदेश की महान सम्भल पुलिस,, जब मुस्लिम इलाकों के दंगे फसाद करवाने होते हैं तो पहले CCTV कैमरे को तोड़ दिया जाता है,, फ़िर खुद दंगा फसादियों का साथ देते हैं, और आरोप मुसलमानो पर लगाकर निकल लेते हैं,, सिस्टम सरकार वैसे भी मुसलमानो की ताक में बैठी है।
— Shami Y (@IamMSYA) December 5, 2024
Islamophobia In India pic.twitter.com/UhqbrOJioG
तौहीद खान ने लिखा, ‘आप खुद देख ले कैसे सम्भल की पुलिस अपना दहशत छुपाने के लिए कैमरे तोड़ रही है इन पुलिस वालों पर कार्यवाई की जगह प्रमोशन और पुरस्कार से नवाजा जा रहा है’
आप खुद देख ले कैसे सम्भल की पुलिस अपना दहशत छुपाने के लिए कैमरे तोड़ रही है इन पुलिस वालों पर कार्यवाई की जगह प्रमोशन और पुरस्कार से नवाजा जा रहा है #Sambhal #sambhalmosque pic.twitter.com/l0fHKhZRGj
— Tauheed Khan (@1314Tauheed) December 9, 2024
इसके अलावा फलाने भाऊ, खान सर पैरोडी ने भी इस वीडियो को संभल का बताया है।
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने वायरल वीडियो के अलग अलग स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें 27 फरवरी 2020 को Editorji की वेबसाइट पर इस वीडियो से संबंधित एक रिपोर्ट मिली।

इस रिपोर्ट मुताबिक वीडियो सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों का है। जिसमें दिल्ली पुलिस के जवानों को कथित तौर पर खुरेजी खास में हिंदुस्तान पेट्रोलियम गैस स्टेशन के बाहर एक खंभे पर सीसीटीवी कैमरा तोड़ते हुए देखा गया था।
दावा | हकीकत |
संभल दंगे में पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए। | वायरल वीडियो का संभल हिंसा से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो साल 2020 का है। |