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12 Mar 2025, Wed

राजस्थान में बैरवा समाज की शादी में डीजे बंद करवाने की घटना में आरोपी अनुसूचित वर्ग से हैं

बीते दिनों से सोशल मीडिया में एक खबर वायरल है। लोग दावा कर रहे हैं कि राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट उपखंड में चांदसेन गांव में जातिवादियों ने बैरवा समाज की बारात में डीजे नहीं बजने दिया। जातिगत हमले बढ़ते जा रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।

यूपी के नगीना से सांसद चन्द्र शेखर आजाद ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘राजस्थान के जिला दौसा के ग्राम चांदसेन में बैरवा समाज की बारात में डीजे बजाने पर योजनाबद्ध तरीके से किया गया हमला न केवल जघन्य अपराध है, बल्कि समाज में गहरी जड़ें जमा चुके जातिवाद और प्रशासनिक निष्क्रियता का क्रूर प्रमाण भी है। घर में घुसकर महिलाओं-बच्चों पर हमला करना, संपत्ति तोड़फोड़ करना और खुलेआम धमकियां देना इस बात का सबूत है कि असामाजिक तत्वों के मन में कानून का कोई भय नहीं है।’

सैनी ने लिखा, ‘दौसा में दलितों पर सामाजिक अत्याचार बैरवा समाज की बारात निकासी में डीजे बज रहा था, इसे बंद कराने के लिए कुछ जातिवादी लोगों ने लाठी, डंडो व सरिया से मारपीट कर दी जिसमें 4 जने घायल हैं, @DausaPolice अपराधियों पर कार्यवाही करे।’

निशु आजाद ने लिखा, ‘बैरवा समाज की बारात निकासी में डीजे बज रहा था ,इसे बंद करने की बात पर विवाद कर कुछ लोगों लाठी डंडे सरिए से मारपीट कर दी जिससे 4 जन घायलों हो गए। आखिर दलितों के घोड़ी चढ़ने बारात ले जाने से इतना नफरत क्यों घोड़ी इनकी बहन है क्या।’

इसके अलावा बाबा, हिमांशी वर्मा, पीसी विद्यार्थी ने भी इस पोस्ट किया है।

क्या है हकीकत? अपनी पड़ताल में हमने इस मामले से सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया तो दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में पीड़ित परिवार ने एसडीएम विजेंद्र मीणा और डीएसपी दिलीप मीणा को ज्ञापन सौंपा है। पीड़ितों ने बताया कि 2 फरवरी की रात करीब 9 बजे जब ताराचंद, हेमराज और शांति देवी एक बारात की निकासी देख रहे थे, तभी कुछ लोगों ने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। पुलिस को सूचना दी गई लेकिन वह मौके पर आकर सिर्फ जानकारी लेकर लौट गई। इसके बाद रात करीब 12 बजे भागीरथ मीणा, राजा मीना और रिंकू मीणा 7-8 लोगों के साथ लाठी-डंडे और धारदार हथियारों से लैस होकर आए और ताराचंद बेरवा के घर में घुसकर मारपीट की।

इसके बाद हमने लालसोट उपखंड के चांदसेन गांव के सरपंच उमेश कुमार मीणा से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि इस घटना में आरोपी पड़ोसी गांव के मीणा समाज से हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना की उन्हें इससे ज्यादा जानकारी नहीं है, इसके बाद उन्होंने हमे पीड़ित पक्ष का मोबाइल नम्बर दिया।

इस नम्बर पर कॉल करने पर हमारी बात ताराचंद बैरवा के भाई हीरालाल बैरवा से हुई। उन्होंने बताया कि घटना वाली रात गांव में लक्ष्मण बैरवा की दो पोतियों की शादी थी। वो हमारे घर करीबन एक किलोमीटर दूर रहते हैं। रात में एक लड़की की बारात तो ठीक से डीजे बजाते हुए निकल गयी। जब दूसरी लड़की की बारात निकल रही थी, तब हम लोग बारात देख रहे थे। इसी दौरान दूसरे गांव के कुछ लोग आ गए, उन्होंने डीजे बंद करने को कहा। हमने उन्हें ऐसा करने से मना किया, इस दौरान सूचना पर पुलिस भी आ गयी। तब वो चले गए।

हीरालाल बैरवा ने हमे यह भी बताया कि यह पूरा विवाद शादी वाले लड़की के परिवार से नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि आरोपी पक्ष ने डीजे बंद करने को क्यों कहा था। वो रात में गांव में क्यों कैसे आ गए। इस सम्बन्ध में हमने लक्ष्मण बैरवा से भी सम्पर्क किया है, उनका जवाब आते ही अपडेट किया जाएगा।

दावा राजस्थान में जातिवादियों ने बैरवा समाज की बारात में डीजे नहीं बजने दिया। जातिगत हमले बढ़ते जा रहे हैं।
हकीकतइस प्रकरण में आरोपी और पीड़ित अनुसूचित वर्ग से हैं। साथ ही यह विवाद शादी वाले परिवार से नहीं हुआ था।

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