सोशल मीडिया में गृहमंत्री अमित शाह का एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में अमित शाह कहते हैं कि अम्बेडकर का नाम लेना फैशन हो गया है, इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। इस वीडियो के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि अमित शाह ने डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर का अपमान किया है। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह वीडियो एडिटेड है।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘देखिए कैसे अमित शाह जी संसद में बाबा साहेब अंबेडकर का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं। इन बीजेपी वालों को इतना अहंकार हो गया कि ये किसी को कुछ नहीं समझते। हाँ अमित शाह जी। बाबा साहेब इस देश के बच्चे-बच्चे के लिए भगवान से कम नहीं हैं। मरने के बाद स्वर्ग का तो पता नहीं, लेकिन बाबा साहेब का संविधान ना होता तो आप लोग तो दबे, कुचले, गरीबों और दलितों को इस धरती पर जीने ही ना देते। बाबा साहेब का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। जय भीम’
देखिए कैसे अमित शाह जी संसद में बाबा साहेब अंबेडकर का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं। इन बीजेपी वालों को इतना अहंकार हो गया कि ये किसी को कुछ नहीं समझते।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 18, 2024
हाँ अमित शाह जी। बाबा साहेब इस देश के बच्चे-बच्चे के लिए भगवान से कम नहीं हैं। मरने के बाद स्वर्ग का तो पता नहीं, लेकिन बाबा साहेब का… pic.twitter.com/vxJfdDw9mj
कांग्रेस पार्टी ने लिखा, ‘अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.” अमित शाह ने बेहद घृणित बात की है. इस बात से जाहिर होता है कि BJP और RSS के नेताओं के मन में बाबा साहेब अंबेडकर जी को लेकर बहुत नफरत है. नफरत ऐसी कि उनके नाम तक से इनको चिढ़ है. ये वही लोग हैं जिनके पूर्वज बाबा साहेब के पुतले फूंकते थे, जो ख़ुद बाबा साहेब के दिए संविधान को बदलने की बात करते थे. जब जनता ने इन्हें सबक सिखाया तो अब इन्हें बाबा साहेब का नाम लेने वालों से चिढ़ हो गई है. शर्मनाक! अमित शाह को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए.’
"अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर..
— Congress (@INCIndia) December 17, 2024
इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता."
अमित शाह ने बेहद घृणित बात की है.
इस बात से जाहिर होता है कि BJP और RSS के नेताओं के मन में बाबा साहेब अंबेडकर जी को लेकर बहुत नफरत है.
नफरत… pic.twitter.com/zXkefmGkLI
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने लिखा, ‘अभी यह फैशन चल गया है अंबेडकर अंबेडकर अंबेडकर नाम लेने का इतना नाम अगर भगवान का लेते तो स्वर्ग मिल जाता” : अमित शाह बाबा साहेब का यह अपमान सिर्फ़ और सिर्फ़ वो आदमी कर सकता है जिसको उनके संविधान से चिढ़ है और जिसके पुरखों ने शोषितों वंचितों के मसीहा बाबासाहेब के पुतले जलाये थे आख़िर इन संघियों को बाबासाहेब के नाम तक से इतनी तकलीफ़, इतनी घृणा क्यों है?’
“अभी यह फैशन चल गया है अंबेडकर अंबेडकर अंबेडकर नाम लेने का
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) December 17, 2024
इतना नाम अगर भगवान का लेते तो स्वर्ग मिल जाता” : अमित शाह
बाबा साहेब का यह अपमान सिर्फ़ और सिर्फ़ वो आदमी कर सकता है जिसको उनके संविधान से चिढ़ है
और जिसके पुरखों ने शोषितों वंचितों के मसीहा बाबासाहेब के पुतले जलाये… pic.twitter.com/1CLVEJDtRi
कुश ने लिखा, ‘माननीय गृह मंत्री जी सुन लीजिए बाबा साहेब अंबेडकर का नाम कोई फ़ैशन नहीं बल्कि अंबेडकर ब्रांड है जिसने सभी नेताओं को उनका नाम जपने पर मजबूर कर दिया है. बाक़ी दलितों, वंचितों, ग़रीबों, महिलाओं का भला भगवान का नाम जपने से नहीं बल्कि बाबा साहेब अंबेडकर का नाम जपने से हुआ है.’
माननीय गृह मंत्री जी सुन लीजिए बाबा साहेब अंबेडकर का नाम कोई फ़ैशन नहीं बल्कि अंबेडकर ब्रांड है जिसने सभी नेताओं को उनका नाम जपने पर मजबूर कर दिया है. बाक़ी दलितों, वंचितों, ग़रीबों, महिलाओं का भला भगवान का नाम जपने से नहीं बल्कि बाबा साहेब अंबेडकर का नाम जपने से हुआ है. pic.twitter.com/mDuFkvZQzR
— The Kush Voice (@Kush_voice) December 17, 2024
वामपंथी कृष्णकान्त ने लिखा, ‘अमित शाह को लगता है कि डॉ अंबेडकर का नाम लेना फैशन है! असल में ये संघी किसी के नहीं हैं। सरदार पटेल की प्रतिमा के बीच में टॉयलेट बनवा दिया। नेहरू और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को पानी पी पी कर गरियाते हैं। भगत सिंह की विचारधारा वालों को अर्बन नक्सल बोलते हैं। अब अंबेडकर भी इनके निशाने पर हैं।’
अमित शाह को लगता है कि डॉ अंबेडकर का नाम लेना फैशन है!
— Krishna Kant (@kkjourno) December 18, 2024
असल में ये संघी किसी के नहीं हैं। सरदार पटेल की प्रतिमा के बीच में टॉयलेट बनवा दिया। नेहरू और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को पानी पी पी कर गरियाते हैं। भगत सिंह की विचारधारा वालों को अर्बन नक्सल बोलते हैं।
अब अंबेडकर भी… pic.twitter.com/Aa1KjxsbjK
संजय सिंह ने लिखा, ‘बाबा साहब अम्बेडकर से अमित शाह, मोदी और पूरी बीजेपी कितनी नफ़रत करती है…बाबा साहब का नाम सुनकर ऐसी घृणा….देश जवाब देगा अमित शाह जी जरूर जवाब देगा।’
बाबा साहब अम्बेडकर से अमित शाह, मोदी और पूरी बीजेपी कितनी नफ़रत करती है…बाबा साहब का नाम सुनकर ऐसी घृणा….देश जवाब देगा अमित शाह जी जरूर जवाब देगा। pic.twitter.com/Hbz5NDbwQs
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) December 18, 2024
तेजस्वी यादव ने लिखा, ‘बाबा साहेब अंबेडकर के चाहने वालों को स्वर्ग नहीं स्वर ही अवश्य चाहिए। संविधान के शिल्पकार के प्रति ऐसी घृणित सोच 𝐁𝐉𝐏 और 𝐑𝐒𝐒 की पाठशाला से ही पनपती है।…’
बाबा साहेब अंबेडकर के चाहने वालों को स्वर्ग नहीं स्वर ही अवश्य चाहिए। संविधान के शिल्पकार के प्रति ऐसी घृणित सोच 𝐁𝐉𝐏 और 𝐑𝐒𝐒 की पाठशाला से ही पनपती है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 17, 2024
देश के 𝟏𝟎𝟎 करोड़ से अधिक वंचित, उपेक्षित, उत्पीड़ित, शोषित, उपहासित, दलित, पिछड़े, गरीब, अल्पसंख्यक एवं समता, समाजवाद,… pic.twitter.com/Tsn8sjJkbA
इसके अलावा हंसराज मीणा, प्रियंका देशमुख, मेदुसा, प्रियांशु कुशवाहा ने भी इस वीडियो को शेयर किया है।
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमे वायरल वीडियो ससंद टीवी के यूट्यूब चैनल पर मिला। इस वीडियो में 59 मिनट 55 सेकेंड्स पर अमित शाह ने कहा कि मै आज देश की जनता को कहना चाहता हूँ कि देश के दो राज्यों में धर्म के आधार पर आरक्षण अस्तित्व में हैं, यह गैर संबैधानिक है। संविधान सभा की कोई भी डिबेट, आरक्षण के प्रावधान करने वाले आर्टिकल की पढ़ लीजिए। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं हो सकता है। आरक्षण पिछड़ापन के आधार पर हो सकता है। मगर दोनों राज्यों में जब कांग्रेस की सरकार थी तो धर्म के आधार पर आरक्षण दिया गया। सुप्रीम कोर्ट में यह रुक जाता है क्योंकि 50 प्रतिशत की सीमा है। वो ओबीसी का कोई कल्याण नहीं चाहते हैं, 50 फीसद की सीमा बढ़ाकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं। धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहते हैं।
अमित शाह ने आगे कहा कि मैं आज कहना चाहता हूँ कि जब तक भाजपा का एक भी सदस्य है धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होने देंगे। यह संविधान विरोधी है। मैं संविधान सभा के रिकोर्ड से कहना चाहता हूँ कि जवाहर लाल ने कहा कि मैं ये देखकर सचमुच आश्चर्यचकित हूँ कि नियुक्ति में आरक्षण को कितना बढ़ा रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि ये बिलकुल अच्छा है। ऐसा लगता है कि दो जातियों के छोड़ सभी को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर देंगे। सरकारी सेवा में आरक्षण पर नेहरु ने कहा कि मैं इस बात पर चिंतित हूँ कि सरकारी सेवा पर नियुक्ति के लिए जिस तरह बहुत सारी जातियों के प्रस्ताव आते हैं, यह बहुत बुरी प्रवृति हैं। इससे सरकारी कामकाज, आमतौर पर विकास और सार्वजानिक जीवन में गिरावट आएगी। अमित शाह ने कहा कि ये इनके विचार हैं, आज तक नहीं बदले हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा संविधान यूसीसी की बात करता है। हमारा संविधान हर जाति, हर धर्म के लिए समान कानून के लिए पक्षधर है। लेकिन यूसीसी नहीं आया क्योंकि इस देश के पहले प्रधानमंत्री मुस्लिम पर्सनल लॉ लेकर आए। मैं कांग्रेस पार्टी से पूछना चाहता हूँ कि क्या पंथनिरपेक्ष राष्ट्र में सभी धर्मों के लिए एक कानून होना चाहिए या नहीं। क्या आप मुस्लिम पर्सनल लॉ का समर्थन करते हैं? इससे बड़ा छलावा नहीं हो सकता। इन्होने कोड बिल भी लाया। हम तो नहीं चाहते कि हिन्दू न्याय शाश्त्र के आधार पर इस देश का कानून बने, अभी के जीवन के मूल्यों के आधार पर कानून बने। नगर हिन्दू कोड बिल में एक भी पुरानी हिन्दू न्याय व्यवस्था कोई नामोनिशान नहीं हैं। हिंदुओ को बुरा न लगे इसीलिए मुस्लिम पर्सनल लॉ दिया तो सामान्य कानून कानून को हिन्दू कोड बिल लॉ दिया।
अमित शाह ने आगे कहा कि खडगे और जयराम नरेश कह रहे हैं कि पर्सनल लॉ का अधिकार मिले तो हमे आपत्ति नहीं हैं तो पूरा शरिया लागू कीजिये। क्रिमिनल में क्यों शरिया निकाल दिया, चोरी करने पर हाथ काट दोगो? महिला के साथ अपराध पर पत्थर से मार दोगे? देशद्रोही को सूली चढाओगे? तो विवाह-निकाह के लिए पर्सनल लॉ तो क्रिमिनल शरिया क्यों नहीं? अगर उनको देना ही है तो पूरा दे दीजिए। इन्होने तुष्टीकरण की शुरुआत यही से की है। अम्बेडकर, लोहिया, मुंशी, कामत सबने इसका विरोध किया है। इस देश की सुप्रीम कोर्ट ने 11 बार यूसीसी लाने का आग्रह किया लेकिन आप नहीं ला सकते। तुष्टीकरण से ऊपर नहीं उठ सकते। अमित शाह ने कहा कि हमने ही उत्तराखंड में यूसीसी लाने का काम किया है। हम देश के सभी राज्यों में यूसीसी लाएंगे।
इसके बाद अमित शाह ने कहा कि अभी अम्बेडकर अम्बेडकर अम्बेडकर एक फैशन हो गया। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। अमित शाह ने कहा कि हमे तो आनन्द है कि अम्बेडकर का नाम लेते हैं। अम्बेडकर का नाम अभी सौ बार ज्यादा लो लेकिन साथ में अम्बेडकर जी के प्रति आपका भाव क्या है, ये मैं बताता हूँ।
अमित शाह ने कहा कि मैं अम्बेडकर जी ने देश को पहली केबीनेट से इस्तीफा क्यों दे दिया? अम्बेडकर ने कई बार कहा कि देश की अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ व्यव्हार से मैं अस्तुष्ट हूँ, सरकार की विदेशनीति से मै असहमत हूँ और आर्टिकल 370 से मैं असहमत हूँ। अम्बेडकर को आश्वासन दिया गया लेकिन यह पूरा नहीं हुआ और उन्होंने इस्तीफा दे दिया।अमित शाह ने आगे बताया कि अम्बेडकर के मंत्रीमंडल छोड़ने पर जवाहर लाल नेहरु ने कहा अम्बेडकर के जाने से मंत्रीमंडल कमजोर नहीं होता है। खडगे जी कह रहे हैं कि नाम लेने से क्या आपत्ति है? जिसका विरोध करते हो, उसका वोट के लिए नाम लेना कितना उचित है? क्योंकि अब अम्बेडकर को मानने वाले पर्याप्त संख्या में हैं इसीलिए आप अम्बेडकर अम्बेडकर कर रहे हो।
अमित शाह ने कहा कि मुंबई एक मेयर ने अम्बेडकर के जन्मस्थान पर स्मारक बनाने के लिए पत्र लिखा था लेकिन कांग्रेस ने इसका विरोध किया। देश में अम्बेडकर का स्मारक नही बना लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई तो उनके जन्मस्थान मऊ, लन्दन में जहाँ वो पढ़ते वहां स्मारक बना, नागपुर में जहां उनकी शिक्षा-दीक्षा हुईं वहां बना, दिल्ली में उनके परनिर्माण स्थल पर बना और मुम्बई ने चैत्यभूमि में भी बन रहा है। हमने पांच तीर्थ बनाएं। मैं मानता हूँ कि अम्बेडकर के सिद्धातों पर नहीं चलना है लेकिन वोट के लिए गुहार लगा देना। हमने 14 अप्रैल को राष्ट्रीय समरसता दिवस घोषित किया, 26 नवम्बर को संविधान दिवस घोषित किया, उस वक्त भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया।
दावा | अमित शाह ने बाबा साहेब अम्बेडकर का अपमान किया। |
हकीकत | अमित शाह ने अपने संबोधन में बताया कि बाबा साहेब का नाम लेने की बजाए उनके विचारों को अपनाना चाहिए लेकिन कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ वोटबैंक के लिए उनका नाम लिया है। |