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5 Feb 2025, Wed

क्या सैनिक की समाधि बनाये जाने का ब्राह्मण विरोध कर रहे हैं?

सोशल मीडिया में एक पोस्ट काफी वायरल है। लोग दावा कर रहे हैं कि सेना के एक जवान की मौत के बाद उसका परिवार समाधि स्थल बनाना चाहता है लेकिन ब्राह्मण समाज के लोग इसका विरोध कर रहे हैं। इस मामले में लोग जातिगत रंग दे रहे हैं।

ब्रजेश कुमार प्रजापति ने लिखा, ‘भारतीय सेना में तैनात रहे अमर शहीद राजेश कुमार #प्रजापति जी के समाधि स्थल व प्रतिमा स्थापना को लेकर ब्राह्मण समाज के लोग जमकर विरोध कर रहे हैं… उत्तर प्रदेश में जातीय भेदभाव चरम पर… क्या प्रजापति हिन्दू नहीं हैं??? बीते दिनों ग्राम परवेज़ नगर अफ़ग़ाना, थाना – बिसौली, जिला- बदायू के निवासी राजेश कुमार प्रजापति जी दिनांक 24-11-2024 को लंबी बीमारी के दौरान शहीद हो गए थे, जिनका अंत्येष्टि परवेज नगर की ग्राम सभा के भूमि पर कराया गया। अमर शहीदों का अपमान नहीं सहेगा देश का नौजवान’

अजय प्रजापति ने लिखा, ‘क्या_प्रजापति_हिन्दू_नहीं राजेश कुमार #प्रजापति जी के समाधि स्थल व मूर्ति स्थापना को लेकर ब्राह्मण समाज के लोग जमकर विरोध कर रहे हैं! बीते दिनों ग्राम परवेज़ नगर अफ़ग़ाना के निवासी राजेश कुमार #प्रजापति जी दिनांक 24-11-2024 को लंबी बीमारी के दौरान शहीद हो गए थे, जिसको लेकर उनकी अंत्येष्टि परवेज नगर की ग्राम सभा के भूमि पर कराया गया। इस समय सभी प्रजापति समाज को साथ आना होगा यह एक समाज एवं पूरे राष्ट्र का मामला है!’

सत्येन्द्र प्रजापति ने लिखा, ‘शहीद की मूर्ति स्थापना और समाधि स्थल को बनाने पर ब्राह्मण समाज का विरोध क्यों??! बीते दिनों ग्राम परवेज़ नगर अफ़ग़ाना के निवासी राजेश कुमार #प्रजापति जी दिनांक 24-11-2024 को लंबी बीमारी के दौरान शहीद हो गए थे, जिसको लेकर उनकी अंत्येष्टि की ग्राम सभा के भूमि पर कराई गई।’

इंदर बजरंगी ने लिखा, ‘राजेश कुमार प्रजापति जी के समाधि स्थल व मूर्ति स्थापना को लेकर ब्राह्मण समाज के लोग जमकर विरोध कर रहे हैं! बीते दिनों ग्राम परवेज़ नगर अफ़ग़ाना के निवासी राजेश कुमार प्रजापति जी दिनांक 24-11-2024 को लंबी बीमारी के दौरान शहीद हो गए थे, जिसको लेकर उनकी अंत्येष्टि परवेज नगर की ग्राम सभा के भूमि पर कराया गया। इस समय सभी प्रजापति समाज को साथ आना होगा यह एक समाज एवं पूरे राष्ट्र का मामला है!’

क्या है हकीकत? अपनी पड़ताल में अपनी सम्बन्धित कीवर्ड्स को गूगल सर्च किया। इस दौरान में हिंदुस्तान की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। 25 नवम्बर 2024 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश के जनपद के बिसौली में परवेज नगर गांव के निवासी सैनिक राजेश कुमार की इलाज के दौरान लखनऊ के एम्स अस्पताल में मौत हो गई। गांव के लोगों ने बताया कि राजेश कुमार असम में तैनात थे। राजेश की ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत खराब हुई थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां राजेश की रविवार को मौत हो गई।

वहीं अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि सैनिक राजेश कुमार का गांव में ही ससम्मान अंतिम संस्कार किया गया। सैनिक के परिजनों को गांव की आबादी के नजदीक गाटा संख्या 1363 पर मृतक सैनिक को शहीद मानकर प्रेरणा स्थल का निर्माण कराना शुरू कर दिया। इसका गांव के दर्जन भर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया, जिससे निर्माण कार्य रुक गया। इस मामले में शहीद सैनिक के पिता राजेश कुमार के पिता रामजीमल ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा दी है।

इस मामले में दूसरे पक्ष का कहना है कि गांव के खलिहान की जमीन पर अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा। एसडीएम राशि कृष्णा ने बताया कि गाटा संख्या 1363 खलिहान के लिए आरक्षित है। इसलिए उस पर अन्य कोई निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जा सकती।

इस प्रकरण में 31 जनवरी 2025 को प्रकाशित अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक सैनिक की समाधि बनवाने को लेकर दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक हुई। घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों को कोतवाली बुलाया। एसडीएम राशि कृष्णा ने खलियान की जमीन पर किसी तरह के निर्माण न करने की हिदायत दी।

वहीं इस मामले में गांव के एक पक्ष अमित शर्मा से बात की। अमित ने बताया कि हम सेना के जवान का सम्मान करते हैं, हम उसकी समाधि के खिलाफ नहीं हैं। सैनिक का अंतिम संस्कार खलिहान की सरकारी भूमि हुई थी। उस वक्त भी प्रशासन ने दूसरे पक्ष को इस बात को समझाया था लेकिन परिवार की जिद और सैनिक का सम्मान का भाव रखते हुए दाह संस्कार की प्रक्रिया होने दी गयी थी। अब परिवार उस जगह समाधि बनाना चाहता है। वहां गांव का प्राचीन मंदिर हैं, बारात घर है। वहां एक प्राचीन बरगद का पेड़ भी है। यह किसी की निजी सम्पत्ति नहीं हैं। गांव की सभी जातियों के लोगों की शादी इस बारात घर में होती है, सभी लोग मंदिर में पूजा करते हैं। परिवार से यह कहा गया है कि ग्राम समाज की दूसरी जगह जहाँ भी चाहे समाधि बना सकता है। हमे समाधि से कोई आपत्ति नहीं है।

हमने इस मामले में बिसौली इंस्पेक्टर विशाल प्रताप सिंह से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया है कि सैनिक का अंतिम संस्कार खलिहान की भूमि पर हुआ था। यह सरकारी भूमि है। वहां प्राचीन मंदिर और अन्य निर्माण भी हैं। कल दोनों पक्षों को समझाया गया है, सैनिक परिवार से यह भी कहा गया है कि अगर वो दो दूसरी जगह समाधि स्थल बनाना चाहते हैं तो इस पर आपत्ति नहीं है।

अपनी पड़ताल में हमने तहसीलदार विजय शुक्ला से भी सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि सैनिक परिवार का अंतिम संस्कार खलिहान की भूमि पर हुआ था। यहाँ अस्थाई तौर पर यज्ञ होता है। खलिहान की भूमि को किसी के नाम पर दर्ज नहीं किया जा सकता है। भारतीय सेना के जवान और मानवता का ध्यान रखते हुए खलिहान की भूमि पर अंतिम संस्कार करने की इजाजत दी थी लेकिन यहाँ पक्का निजी निर्माण नहीं किया जा सकता इसीलिए सैनिक के परिजनों को दूसरी जगह समाधि स्थल बनाने का सुझाव दिया गया है। खलिहान की सरकारी भूमि पर कोई निर्माण नहीं होगा।

दावा सेना के जवान राजेश कुमार प्रजापति के समाधि स्थल बनाये जाने का ब्राह्मण विरोध कर रहे हैं।
हकीकतराजेश कुमार प्रजापति का अंतिम संस्कार गांव की सरकारी खलिहान की भूमि पर हुआ था। इस जमीन पर एक प्राचीन मंदिर है, साथ ही यहाँ बारात घर और अस्थाई यज्ञशाला है। खलिहान की सरकारी भूमि कोई निजी निर्माण नहीं हो सकता। सैनिक के समाधि स्थल के लिए दूसरी जगह भूमि मुहैया करने की बात कही गयी है।

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