सोशल मीडिया में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो वायरल है, इस वीडियो के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित इंडिया गेट कुल 95300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं। इनमें से 61395 मुसलमान, 8050 सिख, 14480 पिछड़े, 10777 दलित, 598 सवर्ण और 0 संघियों के नाम हैं।
आयशा खान ने लिखा, ‘दिल्ली के इंडिया गेट पर कुल 95,300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम है –मुसलमान : 61945 –सिख : 8050 –पिछड़े : 14480 –दलित : 10777 –सवर्ण : 598 –संघी : 00 :- और कुछ बेशर्म लोग मुसलमानों को गद्दार कहते हैं, जबकि खुद उनका इतिहास अंग्रेजों की मुखबिरी करते गुजरी है।’
दिल्ली के इंडिया गेट पर कुल 95,300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम है
— Ayesha Khan (@ayesha_khan41) January 26, 2025
–मुसलमान : 61945
–सिख : 8050
–पिछड़े : 14480
–दलित : 10777
–सवर्ण : 598
–संघी : 00
:- और कुछ बेशर्म लोग मुसलमानों को गद्दार कहते हैं, जबकि खुद उनका इतिहास अंग्रेजों की मुखबिरी करते गुजरी है।@Chandnii__ @66Hai_ pic.twitter.com/V62p6dWgJM
कांग्रेस समर्थक एक यूजर ने लिखा, ‘दिल्ली इंडिया गेट पर सबसे अधिक मुसलमान स्वतंत्रता सेनानियों के नाम दर्ज़ हैं जबकि संघी भाजपाई ज़ीरो हैं संघियों का योगदान शून्य है सब जगह’
दिल्ली इंडिया गेट पर सबसे अधिक
— मेरी पहचान कांग्रेस (@dikshit4512) December 25, 2024
मुसलमान
स्वतंत्रता सेनानियों के नाम दर्ज़ हैं
जबकि संघी भाजपाई ज़ीरो हैं
संघियों का योगदान शून्य है सब जगह pic.twitter.com/REe9DAhu9M
हाजी रंगरेज ने लिखा, ‘दिल्ली के इंडिया गेट पर कुल 95,300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम है –मुसलमान : 61945 –सिख : 8050 –पिछड़े : 14480 –दलित : 10777 –सवर्ण : 598 –संघी : 00 :- और कुछ बेशर्म लोग मुसलमानों को गद्दार कहते हैं, जबकि खुद उनका इतिहास अंग्रेजों की मुखबिरी करते गुजरी है।’
दिल्ली के इंडिया गेट पर कुल 95,300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम है
— Haji Mehardeen Rangrez ( औवैसी का परिवार ) (@HajiRangrez786) January 26, 2025
–मुसलमान : 61945
–सिख : 8050
–पिछड़े : 14480
–दलित : 10777
–सवर्ण : 598
–संघी : 00
:- और कुछ बेशर्म लोग मुसलमानों को गद्दार कहते हैं, जबकि खुद उनका इतिहास अंग्रेजों की मुखबिरी करते गुजरी है।@Chandnii__
क्या है हकीकत? पड़ताल के लिए हमने गूगल पर कीवर्ड से इंडिया गेट के बारे में सर्च किया। इस सम्बन्ध में दिल्ली टूरिज्म की वेबसाइट पर लिखा है कि नई दिल्ली में 42 मीटर ऊंचा इंडिया गेट है। इसकी आधारशिला 1921 में हिज रॉयल हाइनेस, ड्यूक ऑफ कनॉट ने रखी थी। इसे एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था। यह उन 70 हजार भारतीय सैनिकों को याद करता है, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी थी। स्मारक में 13,516 से अधिक ब्रिटिश और भारतीय सैनिकों के नाम हैं, जो 1919 के अफगान युद्ध में शहीद हुए थे।
वहीं कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन की वेबसाइट पर भी शहीदों के नाम की सूची के साथ ही स्मारक की भी जानकारी दी गई है। कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन का उद्देश्य दो विश्व युद्धों में शहीद हुए लोगों को सम्मानित करना था। यह संगठन स्मारक के रखरखाव के माध्यम से उनके नामों को अभिलेखित करता है। द कॉमनवेल्थ ऑफ़ नेशन 50 से ज्यादा राज्यों का एक संगठन है, जो राज्य पहले ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन थे।
इसकी वेबसाईट पर लिखा है कि दिल्ली मेमोरियल अविभाजित भारत के सभी 70 हजार सैनिकों के लिए एक राष्ट्रीय स्मारक के रूप में है, जिनकी मृत्यु 1914-1921 के दौरान हुई थी। इनमें से अधिकांश भारत की सीमाओं से बाहर शहीद हुए थे। स्मारक पर करीब 13,300 राष्ट्रमंडल सैनिकों के नाम अंकित हैं। इनमें से अधिकांश उत्तर-पश्चिम सीमा पर या उससे बाहर और तीसरे अफगान युद्ध के दौरान लड़ते हुए शहीद हुए थे। लिस्ट में 13,300 शहीदों के नाम हैं। इनकी डिटेल कुछ सेक्शन में लिखी गई है। इनमें नाम, रैंक, सर्विस नंबर, यूनिट, रेजीमेंट, कंट्री ऑफ सर्विस, शहीद होने की तारीख लिखी है। सूची में यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया के जवानों के नाम भी शामिल हैं।
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य बात है कि मृतकों की संख्या में विसंगति है। दिल्ली पर्यटन की वेबसाइट पर यह संख्या 13,516 है मगर CWGC की वेबसाइट के मुताबिक मृतकों की संख्या 13,300 है लेकिन किसी भी मामले में यह संख्या 95,300 के करीब नहीं है।
इसके अलावा इंडिया गेट की तस्वीर ध्यान से देखने पर पता चला कि इस पर लिखा है,
To the dead of the Indian armies who fell and are honoured in France and Flanders Mesopotamia and Persia East Africa Gallipoli and elsewhere in the near and the far-east and in sacred memory also of those whose names are recorded and who fell in India or the north-west frontier and during the Third Afgan War.
![](https://factmyths.com/wp-content/uploads/2025/01/image-23.png)
इसका अर्थ है कि भारतीय सेना के शहीदों के लिए, जो फ्रांस और फ्लैंडर्स मेसोपोटामिया और पर्सिया पूर्वी अफ्रीका गैलीपोली और अन्य जगहों पर शहीद हुए और उनकी पवित्र स्मृति में भी, जिनके नाम दर्ज हैं, जो भारत में या उत्तर-पश्चिमी सीमा और तीसरे अफगान युद्ध में शहीद हुए।
दावा | इंडिया गेट कुल 95300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं। इनमें से 61395 मुसलमान हैं। |
हकीकत | इंडिया गेट पर ब्रिटिश भारत के 13,516 सैनिकों के नाम हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे अफगान युद्ध में अपनी जान गंवाई थी। इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम का कोई जिक्र नहीं है बल्कि ब्रिटिश सेना के लिए लड़ते हुए जान गंवाने वाले जवानों के नाम दर्ज हैं। |