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18 Apr 2025, Fri

हाथरस प्रकरण: मेडिकल रिपोर्ट के बाद FSL रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं, जानिए पूरा घटनाक्रम

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में कथित तौर पर सामूहिक गैंगरेप का शिकार 22 वर्षीय युवती ने दिल्ली में दम तोड़ दिया। अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती युवती को हालत गंभीर होने के बाद सोमवार को ही दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया था। युवती की मौत की खबर से पूरे हाथरस सहित देश के अलग अलग हिस्सों में लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।

वहीं इस मामले में युवती की मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि नही हुई। मेडिकल रिपोर्ट के बाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट भी सामने आ गई है जिसमे रेप की पुष्टि नहीं हुई है।

एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘युवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले की चोट और उसके कारण हुए ट्रॉमा को मौत का कारण बताया गया है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी प्राप्त हो गई है। इसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जो सैंपल इकट्ठे किए गए थे, उसमें किसी तरह का स्पर्म या शुक्राणु नहीं पाया गया है।’

प्रशांत कुमार ने आगे कहा, ‘इससे स्पष्ट होता है कि कुछ लोगों के द्वारा प्रदेश में गलत तरीके से जातीय तनाव पैदा करने के लिए इस तरह की चीजें कराई गईं। पुलिस ने शुरू से इसमें त्वरित कार्रवाई की है। अब हम आगे की विधिक कार्रवाई करेंगे। ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जो प्रदेश में सामाजिक सद्भाव बिगाड़ना चाहते थे और जातीय हिंसा को भड़काना चाहते थे।’

हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के गाँव से 14 सितम्बर को एक युवती की शिकायत का मामला सामने आया था। इस शिकायत से जुड़े अलग अलग चार वीडियो में परिवार ने अपनी बात कही है।

यह वीडियो 14 सितंबर को युवती के साथ जानलेवा हमले के तुरंत बाद बाद का है। पीड़िता ने वीडियो में बताया कि संदीप ने जबर्दस्ती करने की कोशिश की जब मना किया तो उसने हाथों से गला दबा दिया। पीडिता कहती है कि पापा मेरे सीधे-सादे हैं, यह मेरा रोज(खेत में मजदूरी) का काम है। इस वीडियो में पीड़िता की माँ भी बता रही है कि लड़की के पास में थी।

दूसरा वीडियो भी 14 सितंबर का है जब लड़की को अस्पताल ले जाया गया था युवती के साथ जानलेवा हमले के तुरंत बाद बाद का है। पीड़िता ने वीडियो में बताया कि वो घास छीलने गयी थी, संदीप ने जबर्दस्ती करने की कोशिश की जब मना किया तो गला दबा दिया। पीडिता ने यह भी बताया कि आरोपी लड़के पक्ष से उनकी रंजिश चल रही है।

तीसरे वीडियो में पीड़िता की मां घटना के बारें बता रही हैं, वीडियो 14 सितम्बर का है। मां बोल रही है कि गांव में मामूली बात पर विवाद हुआ था। बेटी घास लेने गयी थीं, वहीं मारपीट हो गयी। संदीप ने पीछे से आकर बाल खींचे और गला दबाया दिया। माँ ने कहा कि हमले में केवल एक ही लड़का था, जिसका नाम संदीप और पिता का नाम गुड्डू है। पीडिता की माँ ने यह भी बताया उनकी आरोपी पक्ष से रंजिश चल रही है।

यह वीडियो भी 14 सितम्बर का है, अस्पताल पहुँचने पहले कोतवाली में लड़की की माँ ने बयान दिया है। इस वीडियो में लड़की की बयान देते हुए कहती है कि हम दोनों घास काट रहे थे, हम दोनों आगे पीछे साथ थे। लड़के का नाम संदीप है।

यह वीडियो 22 सितम्बर का मेडिकल कॉलेज का है। इसमें पीड़िता के ऑक्सीजन लगी दिख रही है। पीड़िता कह रही है कि जिस दिन उसको चोट लगी थी उस दिन उसका बलात्कार हुआ था, उसकी मम्मी को देखकर लोग भाग गए थे।

लड़की द्वारा बयान बदलने के सवाल पर उसकी माँ कहती हैं, ‘जब हम उसे बाजरा में से निकाल के ले गए, वो पूरी तरह बेहोशी की हालत में थी, तब उसने एक का ही नाम बताया था फिर एक घंटे बाद बेहोश हो गई। चार दिन बाद सुध आई तो पूरी बात बताई कि चार लड़के थे।’

इस शिकायत में भाई ने कहा है कि उसकी बहन अपनी माँ से कुछ ही दूर घास काट रही थी। संदीप ने जान से मारने की नियत से उसकी बहन का गला दबाया, जब वो चिल्लाई तो माँ ने आवाज दी जिसके बाद संदीप भाग गया।

वहीं घटना के अगले दिन 15 सितम्बर को दैनिक अखबार हिंदुस्तान और अमर उजाला में इस प्रकरण की खबर प्रकाशित हुई थी। इस खबर में भी बलात्कार या गैंगरेप जैसी कोई बात सामने नहीं आती, साथ ही हत्या की कोशिश का आरोप एक ही युवक पर है।

इस मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप भी है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर के मुताबिक, ’14 सितंबर को सुबह लगभग साढ़े नौ बजे पीड़िता अपनी माँ और भाई के साथ थाने आईं थीं। पीड़िता के भाई ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि मुख्य अभियुक्त ने हत्या की मंशा से उसका गला दबाया है। साढ़े नौ बजे मिली इस सूचना पर हमने साढ़े दस बजे एफ़आईआर कर ली थी।’

14 सितंबर को हुए इस कथित गैंगरेप के मामले में पुलिस ने एफ़आईआर की धाराओं को चार बार बदला है। सबसे पहले पुलिस ने लड़की के बयान के मुताबिक ही 14 सितम्बर को हत्या की कोशिश 307 और एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद पीडिता ने 19 सितम्बर को छेड़छाड़ की बात कही तो धारा 354 जोड़ी गयी इसेक बाद पीड़िता ने 22 सितम्बर सामूहिक बलात्कार की बात कही तो पुलिस ने 354 की बजाए सामूहिक बलात्कार की धारा 376D लगा दी। वहीं दिल्ली के अस्पताल में 29 सितंबर को पीड़िता की मौत के बाद पुलिस ने हत्या की धाराएँ भी जोड़ ली और धारा 307 को 302 में तरमीम कर दिया गया।

आरोपितों का प्रोफाइल

इस मामले में पहला आरोपी संदीप है। संदीप ने इसी वर्ष 12वीं की परीक्षा दी थी, लेकिन फेल हो गया। 19 वर्षीय संदीप ने कुछ महीने दिल्ली में कोरियर कंपनी में काम भी किया था। लेकिन खर्च अधिक होने के कारण एक महीने पहले घर लौट आया था। दूसरा आरोपी 19 वर्षीय लवकुश गांव में रहता है। अविवाहित है और आठवीं तक ही पढ़ाई की है। परिवार के काम में हाथ बंटाता था। पिता रामवीर सिंह मेहनत मजदूरी करते हैं। तीसरा आरोपी 28 वर्षीय रवि है। उसके तीन बच्चे हैं। एक बेटा व दो बेटियां हैं। कोल्ड स्टोर पर मजदूरी करता था। 10वीं पास है। रोज 300-400 रुपये कमाता था। आखिरी आरोपी रामकुमार है। 25 वर्षीय रामकुमार उर्फ रामू पुत्र राकेश ने 12वीं की पढ़ाई की है। उसकी शादी हो चुकी है। एक बेटा और एक बेटी है। वह चंदपा में मिल्क प्लांट में काम करता था। 300 रुपये रोज मजदूरी मिलती थी।

रामकुमार के पिता राकेश कहते हैं कि लड़की के परिवार से 19 साल पहले विवाद रह चुका है। इस घटना में आरोपित चार लड़को में से तीन एक ही परिवार के हैं, पुराने विवाद में परिवार से दो लोग जेल भी गए थे। लड़की ने पहले दिन केवल संदीप का नाम लिया था लेकिन बाद में उनके बेटे को भी इस मामले में घसीट लिया गया। उनका बेटा 14 सितम्बर को आगरा रोड स्थित दूध के प्लांट पर था, वहां के रजिस्टर में उसकी मौजूदगी भी दर्ज है। उसके बावजूद भी उन्हें फंसाया जा रहा है।

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