सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में छत्रपती शिवाजी महाराज की प्रतिमा नजर आ रही है, इस वीडियो के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हर्षवर्धन बैंस की प्रतिमा को हटाकर शिवाजी की प्रतिमा लगा दी गयी है।
सत्येन्द्र प्रताप ने लिखा, ‘अभी एक महीने पहले महाराजा हर्षवर्धन बैस जिन्होंने कुम्भ मेले की शुरुआत की थी ,उनकी प्रतिमा सौन्दरीयकर्ण के नाम पे रातों रात मेला क्षेत्र से हटाकर 2 km दूर CMP चौराहे पर लगा दी गयी थी लेकिन उसी मेला क्षेत्र में शिवाजी की प्रतिमा स्थापित की गई है | आखिर कोई बात सकता है कि जिस राजा ने कुम्भ मेले की शुरुआत की उसकी प्रतिमा मेले क्षेत्र से बाहर लेकिन जिनका मेले से कोई लेना देना नही उनकी प्रतिमा मेले क्षेत्र के अंदर है’
अभी एक महीने पहले महाराजा हर्षवर्धन बैस जिन्होंने कुम्भ मेले की शुरुआत की थी ,उनकी प्रतिमा सौन्दरीयकर्ण के नाम पे रातों रात मेला क्षेत्र से हटाकर 2 km दूर CMP चौराहे पर लगा दी गयी थी लेकिन उसी मेला क्षेत्र में शिवाजी की प्रतिमा स्थापित की गई है | आखिर कोई बात सकता है कि जिस राजा… pic.twitter.com/YuaY0045Y6
— Satendra Pratap (@SatendraPr42678) December 30, 2024
द ट्राईवल वोइस ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘सम्राट हर्षवर्धन बैंस की मूर्ति संगम कुंभ क्षेत्र से 500 मीटर दूर स्थापित की गयी है और मुख्य आकर्षण के रूप में छत्रपति शिवाजी का स्टैच्यू दिख रहा है। प्रयागराज और कुम्भ के मेले में सम्राट हर्ष की अपनी एक स्टोरी है जो कुम्भ में उनके योगदान को बताती है की सम्राट हर्षवर्धन तबतक दान करते थे जब तक कि उनके पास से सबकुछ खत्म न हो जाए. यहां तक कि वह अपने राजसी वस्त्र भी दान कर देते थे.हमारी प्रॉब्लम ये है हमने इतिहास को किताबो में कभी ढंग से पढ़ा ही नहीं या कहे की पढ़ाया ही नहीं गया, खैर जो भी हो प्रयागराज कुम्भ में छत्रपति शिवाजी का स्टैच्यू एक सरप्राइज़ ही है क्यूंकि प्रयागराज कुम्भ से छत्रपति शिवाजी का ज्यादा लेना देना नहीं रहा है। कोई इनफार्मेशन इधर उधर हो करेक्ट कर देना।’
सम्राट हर्षवर्धन बैंस की मूर्ति संगम कुंभ क्षेत्र से 500 मीटर दूर स्थापित की गयी है और मुख्य आकर्षण के रूप में छत्रपति शिवाजी का स्टैच्यू दिख रहा है। प्रयागराज और कुम्भ के मेले में सम्राट हर्ष की अपनी एक स्टोरी है जो कुम्भ में उनके योगदान को बताती है की सम्राट हर्षवर्धन तबतक दान… pic.twitter.com/nWdIOsAU4n
— The Tribal Voice 🇮🇳 (@tribalvoice99) December 29, 2024
तान्या सिंह सेंगर ने लिखा, ‘पहले लद्दाख में मेजर शैतान सिंह भाटी जी का स्मारक तोड़ा गया, फिर प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन बैस जी की मूर्ति को एक जगह से हटा कर दूसरे जगह शिफ्ट किया गया। और अब दोनों जगह (लद्दाख और प्रयागराज में) मराठा शिवाजी की मूर्ति स्थापित की गई। ये संयोग है या प्रयोग?’
पहले लद्दाख में मेजर शैतान सिंह भाटी जी का स्मारक तोड़ा गया, फिर प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन बैस जी की मूर्ति को एक जगह से हटा कर दूसरे जगह शिफ्ट किया गया।
— Tanya Singh Sengar~ तान्या सिंह सेंगर🇮🇳 (@TanyaSinhSengar) December 30, 2024
और अब दोनों जगह (लद्दाख और प्रयागराज में) मराठा शिवाजी की मूर्ति स्थापित की गई।
ये संयोग है या प्रयोग? pic.twitter.com/CcwesfQQBQ
ठाकुर पूरन सिंह ने लिखा, ‘लद्दाख में मेजर शैतान सिंह भाटी जी का स्मारक तुड़वाकर, बॉर्डर के समीप शिवाजी की प्रतिमा लगी.. अब सम्राट हर्षवर्द्धन बैस जी की प्रतिमा का स्थानान्तरण कर प्रयागराज में शिवाजी की प्रतिमा लग गई, क्षत्रिय महापुरुषों के अपमान के साथ-साथ यह इन जगहो के मूल इतिहास,संस्कृति का भी अपमान है’
लद्दाख में मेजर शैतान सिंह भाटी जी का स्मारक तुड़वाकर, बॉर्डर के समीप शिवाजी की प्रतिमा लगी..
— Thakur Puran Singh (@puraansingh) December 29, 2024
अब सम्राट हर्षवर्द्धन बैस जी की प्रतिमा का स्थानान्तरण कर प्रयागराज में शिवाजी की प्रतिमा लग गई, क्षत्रिय महापुरुषों के अपमान के साथ-साथ यह इन जगहो के मूल इतिहास,संस्कृति का भी अपमान है pic.twitter.com/eIUpZg6O8H
द ठाकुर फोर्स ने लिखा, ‘लद्दाख में मेजर शैतान सिंह भाटी जी का स्मारक तुड़वाकर, बॉर्डर के समीप शिवाजी की प्रतिमा लगी… अब सम्राट हर्षवर्द्धन बैस जी की प्रतिमा का स्थानान्तरण कर प्रयागराज में शिवाजी की प्रतिमा लग गई, क्षत्रिय महापुरुषों के अपमान के साथ-साथ यह इन जगहो के मूल इतिहास,संस्कृति काभी अपमान है’
लद्दाख में मेजर शैतान सिंह भाटी जी का स्मारक तुड़वाकर, बॉर्डर के समीप शिवाजी की प्रतिमा लगी…
— The Thakur Force (@thethakurforce) December 29, 2024
अब सम्राट हर्षवर्द्धन बैस जी की प्रतिमा का स्थानान्तरण कर प्रयागराज में शिवाजी की प्रतिमा लग गई, क्षत्रिय महापुरुषों के अपमान के साथ-साथ यह इन जगहो के मूल इतिहास,संस्कृति काभी अपमान है pic.twitter.com/0RdE7AndQO
राजपूत ऑफ़ इंडिया ने लिखा, ‘वीर शिवाजी महाराज की जय हो 🙏 लेकिन हर्षवर्धन बैंस जी मूर्ति हटाकर हमने क्या साबित किया है यह बात समझ नहीं आ रही। दुनिया भर के लोग आयेंगे अब तो मौका था हर्षवर्धन बैंस जी के इतिहास को दुनिया को बताने का लेकिन @BJP4India ने उनकी मूर्ति हटवाकर बाहर कर दी।’
वीर शिवाजी महाराज की जय हो 🙏
— Rajput's Of INDIA (@rajput_of_india) December 30, 2024
लेकिन हर्षवर्धन बैंस जी मूर्ति हटाकर हमने क्या साबित किया है यह बात समझ नहीं आ रही।
दुनिया भर के लोग आयेंगे अब तो मौका था हर्षवर्धन बैंस जी के इतिहास को दुनिया को बताने का लेकिन @BJP4India ने उनकी मूर्ति हटवाकर बाहर कर दी।😢 pic.twitter.com/FSLFRIsb8W
एक दूसरे पोस्ट में राजपूत ऑफ़ इंडिया ने लिखा, ‘हर्षवर्धन बैंस जी की मूर्ति हटाकर छत्रपति शिवाजी की मूर्ति लगाकर BJP सरकार क्या दिखाना चाहती है। जिस महापुरुष का प्रयागराज से कोई लेना देना नहीं उसको दुनिया के सामने लाया जा रहा है जिसका इतिहास प्रयागराज से जुड़ा है उसकी मूर्ति हटाकर पीछे लगाई जा रही है। क्या हो रहा है ये सब’
हर्षवर्धन बैंस जी की मूर्ति हटाकर छत्रपति शिवाजी की मूर्ति लगाकर BJP सरकार क्या दिखाना चाहती है।
— Rajput's Of INDIA (@rajput_of_india) December 30, 2024
जिस महापुरुष का प्रयागराज से कोई लेना देना नहीं उसको दुनिया के सामने लाया जा रहा है जिसका इतिहास प्रयागराज से जुड़ा है उसकी मूर्ति हटाकर पीछे लगाई जा रही है।
क्या हो रहा है ये सब.. https://t.co/oufKFhVAf4 pic.twitter.com/N4F38A30wD
परमवीर राठौर ने लिखा, ‘अब सम्राट हर्षवर्द्धन बैस जी की प्रतिमा का स्थानान्तरण कर प्रयागराज में शिवाजी की प्रतिमा लग गई, क्षत्रिय महापुरुषों के अपमान के साथ-साथ यह इन जगहो के मूल इतिहास,संस्कृति का भी अपमान है’
अब सम्राट हर्षवर्द्धन बैस जी की प्रतिमा का स्थानान्तरण कर प्रयागराज में शिवाजी की प्रतिमा लग गई, क्षत्रिय महापुरुषों के अपमान के साथ-साथ यह इन जगहो के मूल इतिहास,संस्कृति का भी अपमान है
— Paramveer Rathore (@ParamveerS36404) December 30, 2024
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ओमकार सिंह राठौर ने लिखा, ‘जब तक राजा हर्षवर्धन जी के पास जो कुछ भी रहा महाकुंभ के लिए दान देते रहे और महाकुंभ के आयोजन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा ! लेकिन इस बार भाजपा सरकार ने उनकी मूर्ती महाकुंभ प्रवेश स्थान से हटा कर दुसरी जगह लगा दिया ये करके सरकार सम्राट हर्षवर्धन का अपमान किया हैं ! हम शिवाजी महाराज का सम्मान करते हैं लेकिन किसी का अपमान करके किसी को सम्मान देना सनातन संस्कृति नहीं रही हैं।’
जब तक राजा हर्षवर्धन जी के पास जो कुछ भी रहा महाकुंभ के लिए दान देते रहे और महाकुंभ के आयोजन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा ! लेकिन इस बार भाजपा सरकार ने उनकी मूर्ती महाकुंभ प्रवेश स्थान से हटा कर दुसरी जगह लगा दिया ये करके सरकार सम्राट हर्षवर्धन का अपमान किया हैं ! हम शिवाजी… pic.twitter.com/8MKglKpImK
— Onkar Singh Rathore (@OnkarSinghRat92) December 30, 2024
पार्थ सिंह ने लिखा, ‘सम्राट हर्षवर्धन की प्रतिमा बड़ी थी इसलिए स्थानांतरित कर दी गई पर ये शिवाजी की प्रतिमा प्रयागराज में क्यों लगाई जा रही जहां से उनका दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं था’
सम्राट हर्षवर्धन की प्रतिमा बड़ी थी इसलिए स्थानांतरित कर दी गई पर ये शिवाजी की प्रतिमा प्रयागराज में क्यों लगाई जा रही जहां से उनका दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं था
— Parth Singh (@tr_parth06) December 30, 2024
धीरज प्रताप सिंह ने लिखा, ‘प्रयागराज के कुम्भ मेला फाउंडर सम्राट हर्षवर्धन वैस है और भविष्य में भी रहेंगे। कुम्भ से सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति हटाकर छत्रपति शिवाजी की मूर्ति स्थापित करना ये नागपुर के एक संस्था की कूटनीति है। कुम्भ मेला और प्रयागराज में छत्रपति शिवाजी योगदान और इतिहास शून्य के बराबर है।’
प्रयागराज के कुम्भ मेला फाउंडर सम्राट हर्षवर्धन वैस है और भविष्य में भी रहेंगे।
— Dheeraj Pratap Singh (@Dheeraj68748234) December 30, 2024
कुम्भ से सम्राट हर्षवर्धन की मूर्ति हटाकर छत्रपति शिवाजी की मूर्ति स्थापित करना ये नागपुर के एक संस्था की कूटनीति है।
कुम्भ मेला और प्रयागराज में छत्रपति शिवाजी योगदान और इतिहास शून्य के बराबर है।
इसे भी पढ़िए: क्या लद्दाख में मेजर शैतान सिंह भाटी का स्मारक तोड़ा गया?
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने वायरल वीडियो में गौर किया तो इसमें एक शख्स वोयस ओवर देते हुए बता रहा है कि प्रयागराज में शिवाजी का स्टेचू लगा है। लेकिन हमे इस वीडियो के शुरूआती हिस्से में हाईवे पर एक साईन बोर्ड नजर आया। इस साइन बोर्ड पर महाराष्ट्र के शहर पुणे का नाम लिखा है। यानि यह साइन बोर्ड पुणे शहर की ओर जाने वाले रास्ते को बता रहा है।
इसके बाद हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल सर्च किया तो वायरल वीडियो हमे महाराष्ट्र के इन्स्टाग्राम यूजर ‘आपली सह्याद्री‘ की प्रोफाइल पर मिला। 22 दिसम्बर 2022 को उन्होंने इस वीडियो को छत्रपति संभाजी नगर का बताते हुए पोस्ट किया था। इस वीडियो में वायरल वीडियो वाला वोयस ओवर नहीं है।
पड़ताल के अगले क्रम में हमे शिवाजी का यह फोटो महाराष्ट्र के ‘छ.संभाजीमहाराज नगर‘ की इन्स्टाग्राम प्रोफाइल पर मिला। उन्होंने इस तस्वीर को 24 नवम्बर 2022 को पोस्ट किया था।
हमे यह फोटो औरंगाबाद डिजिटल न्यूज के फेसबुक पेज पर भी है। इस फोटो को नवम्बर 2020 को पोस्ट किया गया था। सितम्बर 2023 में महाराष्ट्र सरकार ने औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर कर दिया था।
इस सम्बन्ध में हमे गूगल मैप की मदद से पता चला कि वायरल वीडियो वाली शिवाजी की प्रतिमा महाराष्ट्र के संभाजीनगर में क्रांति चौक की है।
अपनी पड़ताल में हमे यह भी पता चलता है कि राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा को अक्टूबर 2024 में महाकुम्भ क्षेत्र के सबसे प्रमुख प्रवेशद्वार तिकोनिया चौराहे पर से हटाकर सीएमपी कॉलेज के सामने लगा दिया गया था। अलोपीबाग फ्लाईओवर के विस्तार के कारण प्रतिमा को हटाना पड़ा। सेना से पीछे जमीन मांगी गई। जब जमीन नहीं मिली तो प्रतिमा को हटा दिया गया। इससे पहले वर्ष 2019 के कुम्भ मेले के दौरान जब चौड़ीकरण हुआ तो राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा के घेरे को कम कर चौराहे को छोटा किया गया। अब जब नैनी ब्रिज की ओर अलोपीबाग फ्लाईओवर का विस्तार किया जा रहा है तो राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा को हटा दिया गया।
दावा | प्रयागराज के कुम्भ में राजा हर्षवर्धन की प्रतिमा को हटाकर शिवाजी की प्रतिमा को लगाया गया है। |
हकीकत | प्रयागराज कुम्भ में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा को नहीं लगाया गया है, वायरल वीडियो महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर का है। |