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15 Feb 2025, Sat

मोदी को देखते ही टीवी चैनल बदल लेने का दावा करने वाली अखबार की कटिंग फर्जी है

सोशल मीडिया में अखबार की एक कटिंग वायरल है। इस कटिंग में दावा किया गया है कि एक सर्वे से पता चलता है कि भारत में 70 फीसद लोग मोदी को देखना नहीं चाहते हैं। लोग तुंरत ही टीवी बदल लेते हैं।

कांग्रेस नेता सूरज ने लिखा, ‘EVM हटाओ, लोकतंत्र बचाओ’

दिव्या कुमारी ने लिखा, ‘मुझे तो जिस दिन मोदी की शक्ल टीवी पर दिख जाती है तो पूरा मूड खराब हो जाता है। इसीलिए आजकल टीवी बन्द ही रखते है सिर्फ क्रिकेट के दिनों मे ही टीवी चालू करते है।’

राजेन्द्र व्यास ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘क्या आप भी इनमें से एक हो हां या ना’

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने देखा कि अखबार की कटिंग में सर्वे एजेंसी का जिक्र नहीं है। अखबार की कटिंग किस मीडिया संस्थान की है, यह भी नहीं बताया गया है।

अखबार की कटिंग से सम्बंधित कीवर्ड्स को गूगल सर्च करने पर इस सम्बन्ध में शिवसेना(यूबीटी) के मुखपत्र सामना की वेबसाईट पर वायरल अखबार की कटिंग की हुबहू नकल मिली। इस वेबसाइट के लेख में भी सर्वे किसने, कब और कहाँ किया.. इसका भी कोई जिक्र नहीं है।

इसके अलावा हमे इंडिया टुडे की वेबसाइट पर सितम्बर, 2016 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक 70 फीसदी युवा 2019 में नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री चुनने के पक्ष में हैं, वहीं करीब 64 फीसदी महिलाएं मोदी को दोबारा पीएम के रूप में देखना चाहती हैं। यह सर्वेक्षण न्यूज एप इनशॉर्ट्स ने मार्केटिंग एजेंसी इपसॉस के सहयोग से किया।

सर्वे के मुताबिक, नरेंद्र मोदी को दोबारा सत्ता में लाने के सवाल पर 63,141 उपयोगकर्ताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी। 70 फीसदी ने ‘हां’, 17 फीसदी ने ‘नहीं’ तथा 13 फीसदी ने ‘पता नहीं’ में जवाब दिया। यह सर्वेक्षण एप पर ही किया गया। इनशॉर्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) तथा सह-संस्थापक अजहर इकबाल ने कहा, “शासन, राजनीति, व्यापार, करियर व प्रौद्योगिकी, उद्देश्य पर युवा शहरी भारत का दृष्टिकोण पेश कर हम काफी प्रसन्न हैं।” सर्वेक्षण में आधे से अधिक (57 फीसदी) प्रतिभागी देश के कुछ राज्यों में शराबबंदी के पक्ष में हैं।

दावासर्वे में बताया गया है कि मोदी को देखते ही 70 फीसद लोग टीवी बदल लेते हैं।
हकीकतअखबार की कटिंग से यह स्पष्ट नहीं है कि सर्वे किसने किया है। साथ ही इस कटिंग में मीडिया संस्थान भी नहीं बताया गया है। इस सर्वे पर कोई प्रमाणिक मीडिया रिपोर्ट नही है।

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