कांवड़ में गंगाजल लेकर अपने आराध्य देव भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्तों का सैलाब निकल पड़ा है। आस्था और अनुशासन के उल्लास में डूबी केसरिया कतार में बम भोले का जयघोष लगातार बुलंद हो रहा है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के संभल में दो युवको को पीटने का मामला सामने आया है। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया में लोग दावा कर रहे हैं कि दलित युवक कावंड देखने गए थे इसीलिए उन्हें पीटा गया।
सूरज कुमार बौद्ध ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘पहले दलित हिंदू मंदिर जाते थे तो मंदिर ‘अशुद्ध’ हो जाता था। अब तो वे कांवड़ यात्रा भी नहीं देख सकते हैं। इससे भी इनका धर्म भ्रष्ट हो जाता है। जिन दलितों को आज भी हिंदू होने का शौक है, उन्हें अपनी आंखें खोलकर ये खबर पढ़नी चाहिए। इसीलिए समझा रहा हूँ कि बौद्ध धर्म अपनाओ। अपना धर्म!’
पहले दलित हिंदू मंदिर जाते थे तो मंदिर 'अशुद्ध' हो जाता था। अब तो वे कांवड़ यात्रा भी नहीं देख सकते हैं। इससे भी इनका धर्म भ्रष्ट हो जाता है।
— Suraj Kumar Bauddh (@SurajKrBauddh) July 27, 2025
जिन दलितों को आज भी हिंदू होने का शौक है, उन्हें अपनी आंखें खोलकर ये खबर पढ़नी चाहिए। इसीलिए समझा रहा हूँ कि बौद्ध धर्म अपनाओ। अपना धर्म! pic.twitter.com/CSJoB4tMpx
इंडिया विथ कांग्रेस ने लिखा, ‘भयावह उत्तर प्रदेश के संभल में कांवड़ यात्रा देखने गए दो दलित युवकों को हिंदू भीड़ ने खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटा।’
#Horrific In Sambhal, Uttar Pradesh, two Dalit youths who had gone to watch the Kanwar Yatra were tied to a pole and brutally beaten by a Hindu mob. #DalitLivesMatter pic.twitter.com/k7knxpazvl
— India With Congress (@UWCforYouth) July 27, 2025
इसी तरह का दावा द दलित वोइस, अशोक बौद्ध ने भी किया है।
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने इस सम्बन्ध में गूगल सर्च किया तो दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। नखासा क्षेत्र के गांव नाठेर निवासी सुंदर और उसके भाई के साला शनि 22 जुलाई की रात को वे सुंदर की मां सुनीता की दवाई लेने के लिए बाइक पर निकले थे। दोनों को घटनास्थल ‘बढ़ई वाली बस्ती’ वाले गांव में डॉक्टर मनीष से दवाई लेनी थी लेकिन रात के अंधेरे में ग्रामीणों ने उन्हें चोर समझ लिया। उन्हें पकड़कर बिजली के खंभे से बांध दिया और बेल्ट, लाठी-डंडों से बेरहमी से पिटाई की। इस प्रकरण में सुनीता की शिकायत पर नंदकिशोर, भारत, डब्बू, भूरा और श्रीराम के बेटे समेत 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपियों पर BNS की विभिन्न धाराओं के साथ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
इसके बाद हमे इसी प्रकरण में अमर उजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक घटना 22 जुलाई की शाम करीब साढ़े सात बजे की है। इसमें गांव नाहरठेर निवासी सुंदर अपने भाई अमित के साले कैलादेवी थाना क्षेत्र के गांव नांगल निवासी शनी के साथ बाइक से जा रहा था। सुंदर की मां सुनीता ने दर्ज रिपोर्ट में बताया है कि उनका बेटा और दूसरे बेटे का साला कांवड़यात्रा देखने के लिए निकले थे। इसी दौरान भीड़ ने चोर होने का शोर मचाते हुए पकड़ लिया था। पूछताछ के दौरान जाति की जानकारी ली और दलित होने की जानकारी के बाद भीड़ टूट पड़ी। खंभे से बांधकर बुरी तरह पीटा। जिसमें शरीर से खून बहने लगा था। किसी तरह जान बची तो रिपोर्ट दर्ज कराई है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में जहाँ दवाई लेने जाने के दौरान चोरी के शक में मारपीट का जिक्र है, वहीं अमर उजाला में कावंड यात्रा देखने के दौरान चोरी के शक में मारपीट का जिक्र किया गया है। ऐसे में यहाँ दो अलग अलग बातें लिखी गयी हैं।
हमने इस सम्बन्ध में संभल के एक स्थानीय पत्रकार से सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि यह घटना 22 जुलाई की है। पीड़ित के गांव से बस्ती की दूरी करीबन तीन-चार KM है। इस मामले में दो अलग अलग शिकायतें दी गयी थी इसीलिए मीडिया में भी खबरों में समानता नहीं है। पत्रकार ने हमे पीड़ित सुंदर की माँ सुनीता की ओर से पहली शिकायत और दूसरी शिकायत के आधार पर दर्ज FIR की कॉपी उपलब्ध करवाई। साथ ही घटना का वीडियो भी दिया।
सुनीता ने 22 जुलाई की घटना के तीन दिन बाद 25 जुलाई को पुलिस को सौंपी अपनी पहली शिकायत में बताया है कि रात करीबन साढ़े सात बजे सुंदर और शनि ‘बढ़ई वाली बस्ती’ में डॉ. मनीष से दवाई लेने गए थे। वहां 50-60 अज्ञात लोगों ने बच्चों को खम्भे से बांधकर पीटा। जब मैं वहां बचाने पहुंची तो मेरे साथ भी गाली-गलौच, मारपीट की गयी।

जबकि 26 जुलाई को सुनीता ने बताया कि सुंदर और शनि कावंड देखने गया था, जब वो कावंड देखकर घर वापस आ रहा था तब ‘बढ़ई वाली बस्ती’ में कुछ लोगों ने चोर चोर कहकर उनको पकड़ लिया। उनको खम्भे में बांधकर मारपीट की गयी। आरोपियों ने बच्चों से उनका नाम-जाति पूछी जब उन्हें बता दिया गया तो उनसे कहा गया कि तुम चम्मटे हमारी बस्ती में इस तरह घूमोगे। तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई।
सुनीता की 25 जुलाई और 26 जुलाई की शिकायत में भी अलग-अलग बातें लिखी गई हैं। पहली शिकायत में जहाँ जाति का कोई जिक्र नहीं किया, वहीं अगले ही दिन इस मामले को जातिगत रंग दे दिया गया। जिसके आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया है।
इसके बाद हमने घटना से सम्बंधित वीडियो को देखा। इस वीडियो में,
- वीडियो में कुछ लोग एक युवक से पूछते हैं कि वह कहाँ से आया है और यहाँ क्या कर रहा है।
- लोग उसका नाम, गाँव, और आधार कार्ड पूछ रहे हैं जिससे यह पता चल सके कि वह कौन है।
- इस वीडियो से यह भी साफ़ है कि बच्चों को बांधकर रखा गया है, उनके माथे पर खून है। उनके साथ मारपीट पहले ही हो चुकी है। अब कुछ लोग उसे बचा रहे हैं। साथ ही उनके नाम और पहचान पूछी जा रही है यानि मारपीट के दौरान आरोपी बच्चों की ‘जाति-धर्म’ नहीं जानते थे। उनको पीटने के बाद उनसे उनकी पहचान पूछी गयी।
- वीडियो में लोग कह रहे हैं कि यदि वह स्थानीय है तो उसे छोड़ा जाएगा — बस वह आधार कार्ड दिखा दे।
- वीडियो में कहीं भी सीधे तौर पर जाति या धर्म का उल्लेख नहीं है।
अपनी पड़ताल में हमने नखासा थाना के एसएचओ रजनीश कुमार से भी सम्पर्क किया। उन्होंने बताया कि मुरादाबाद मंडल समेत प्रदेश भर में इन दिनों ड्रोन से चोरी-जासूसी की अफवाहें चल रही हैं। इस वजह से ग्रामीण अनजान लोगों को पकड़कर पीट रहे हैं। इन बच्चों को भी चोर समझकर पीटा गया था। उन्होंने बताया कि हमने युवकों की माँ की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है लेकिन इस प्रकरण में किसी तरह का जातीय एंगल नहीं है।
इसके बाद हमने ड्रोन से चोरी-जासूसी की अफवाहों की खबरों पर नजर डाली तो पता चला कि ड्रोन से चोरी-जासूसी की अफवाहों की खबरों पर नजर डाली तो पता चला कि लोगों ने रात भर जागकर पहरा देना शुरू कर दिया है। गांव-गांव युवाओं की टोलियां संदिग्धों की तलाश में घूम रही हैं। लोगों का मानना है कि ड्रोन के जरिए बदमाश लोगों की रेकी कर रहे हैं। इसके बाद चोरी की घटनाएँ अंजाम दी जाती हैं।
दलित युवक की पिटाई वाले संभल में ही कई गाँवों में लोग ड्रोन की दहशत में जाग रहे हैं। रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा और संभल में ड्रोन की अफवाहों से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। गांवों में रातभर पहरा दिया जा रहा है और बाहरी लोगों की पहचान पत्र देखकर ही एंट्री दी जा रही है। हापुड़ में ड्रोन से लोगों की जासूसी के आरोप में मानसिक बीमार को पीटा गया। हापुड़ में ही एक दूसरे युवक को ड्रोन उड़ाने के शक में पीटा गया, पुलिस ने 40 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मुरादाबाद में ड्रोन की दहशत में कुछ लोगों ने बिजली कर्मी और उनके भाई की पिटाई कर दी। इसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। पुलिस ने तहरीर के आधार पर 15 लोगों पर जानलेवा हमले में केस दर्ज कर लिया है। बरेली में अपनी प्रेमिका से मिलने गए युवक को ड्रोन वाला चोर समझकर पीटा गया।
दावा | संभल में कावंड यात्रा देखने की वजह से दलितों को पीटा गया। |
हकीकत | संभल में दलित युवकों के साथ मारपीट की घटना में जातिगत एंगल नहीं है। लोगों ने चोर की अफवाह की वजह से पीटा था। |