आगरा में मामूली झगड़े से शुरू होकर जातिये विवाद तक पहुंचे मामले में एक पूर्व फौजी की पत्नी को अपनी जान गंवानी पड़ी। आरोप है कि दूसरे पक्ष ने उसे जिंदा जला दिया। महिला और उसके पति के खिलाफ दर्ज एससी-एसटी एक्ट के मामले में समझौते के लिए 10 लाख रुपये मांगे गए थे, साथ ही महिला को पैर छुकर माफी मांगने को कहा गया था।
पुष्पांजलि ईको सिटी कॉलोनी निवासी सेना के रिटायर अनिल कुमार राजावत के 7 वर्षीय जुड़वां बच्चों पीयूष और आयुष का शुक्रवार शाम घर के बाहर खेल रहे थे।इस दौरान उनकी पत्नी संगीता दूध लेने गई थीं। खेलते हुए बच्चों का पड़ोसी भरत खरे के 10 वर्षीय बेटे बिट्टू के साथ झगड़ा हो गया और भरत के बेटे के सिर में चोट लग गई। बच्चे को चोट लगने पर गुस्साए भरत खरे ने ताजगंज थाने में एससी- एसटी एक्ट का मुकदमा लिखा दिया।
इस मामले में समझौते के लिए भरत खरे के घर मे पंचायत रखी गई थी। पंचायत में भरत खरे के एक दर्जन से ज्यादा रिश्तेदार मौजूद थे जिन्हें आसपास के क्षेत्रों से बुलाया गया। समझौता करने के एवज में भरत खरे ने अनिल कुमार से 10 लाख रुपये की मांग की और उनकी पत्नी संगीता से पैर छूकर माफी मांगने को भी कहा गया। लेकिन वो राजी नहीं हुई इस पर भरत पक्ष के लोग नाराज हुए तो संगीता वहां से उठ कर चली गयी। जिसके बाद पंचायत खत्म हो गयी और सभी लोग वहां से निकल गए।
फौजी अनिल इस सम्बन्ध में कॉलोनी के लोगों से बैठकर बातचीत करने लग गए। तभी अचानक उनकी पत्नी के चीखने की आवाज आई। लोग दौड़कर वहां पहुंचे। वह लपटों से घिरी हुई थीं। जैसे-तैसे लोगों ने आग बुझाई। पहले उन्हें मिलिट्री हास्पिटल ले गए। वहां से उन्हें दिल्ली गेट स्थित निजी अस्पताल में भेज दिया गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें बाद में दिल्ली के अस्पताल में भेजा गया, जहां पर उनकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद पूर्व फौजी ने पुलिस के पास एफआईआर दर्ज कराई है। थाने में दी तहरीर में फौजी अनिल ने लिखा है कि पंचायत में उन्हें बेइज्जत किया गया। 10 लाख रुपए की मांग की गई। मेरी पत्नी घर चली गई थी। तभी भरत खरे, उसकी पत्नी सुनीता, दीपक और सोनू सहित 10-12 लोग उसके पीछे चले गए। उन्होंने पकड़ कर संगीता पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। संगीता ने भी अस्पताल में भरत पक्ष पर आग लगाने का आरोप लगाया है।
बताया जा रहा है कि फौजी अनिल भरत खरे के बच्चे का पूरा इलाज कराने को तैयार थे। इस पर सहमति नहीं बनी तो 70 हजार रुपये तक देने को तैयार हो गए। कुछ कॉलोनी वासियों ने अपनी तरफ से दस-दस हजार रुपये देकर एक लाख रुपये तक देने को कह दिया लेकिन समझौता नहीं हो सका। कालोनी वालों ने सवाल किया आखिर 10 लाख रुपये किस बात के दिए जाएँ तो रिश्तेदारों ने जवाब में कहा कि एससी एसटी एक्ट में 5 लाख रूपये तो उन्हें सरकार ही दे देगी, इससे ऊपर ही समझौता होगा।
लोगों का कहना है कि फौजी ने तो पैर छू लिए लेकिन संगीता पैर छूने को तैयार नहीं हुईं। उन्होंने हाथ जोड़कर माफी मांगी।लोगों का कहना है कि एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनिल को चौकी में बिठाए रखा था। जब कालोनी के लोग संगीता के साथ पहुँचे तो दरोगा ने अभद्र व्यवहार किया। पुलिस ने अनिल को छोड़ते हुए कहा कि भरत से समझौता कर लो तभी बच पाओगे।
घटना के क्षेत्रवासियों में रोष है और वह आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने आरोपी दंपति सहित चार नामजद और 10-12 अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की गंभीरता को समझते हुए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
आगरा एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे का कहना है की परिवार के बयान दर्ज कर लिये है, साथ ही पुष्पांजलि सोसायटी के लोगों से बातचीत करते घटना की गहनता से जांच की जा रही है। जो भी इस कृत्य को अंजाम देने में का दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ सख्त एक्शन होगा। फिलहाल आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।