उत्तर प्रदेश के कानपुर में मां-बेटी की मौत के बाद नेहा सिंह राठौर ने यूपी में ‘का बा पार्ट टू गाना इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया। इस को संज्ञान में लेकर कानपुर पुलिस ने गत दिनों नोटिस जारी किया। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि इसी गाने की वजह से उनके पति हिमांशु सिंह को आईएएस कोचिंग सेंटर ‘दृष्टि’ में अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है, वो बतौर शिक्षक संसंथान से जुड़े हुए थे।
अशोक कुमार पाण्डेय ने ट्वीट कर लिखा कि नेहा सिंह राठौर को मिले नोटिस के बाद दृष्टि IAS द्वारा उनके पति को नौकरी छोड़ने के लिए कहा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। नेचुरल जस्टिस के तहत पत्नी के अपराध के लिए पति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, यहाँ तो कोई अपराध सिद्ध भी नहीं हुआ। क्या IAS बनाने वाली संस्था सरकार के दबाव मे है?
जैकी यादव ने ट्वीट कर लिखा कि नेहा सिंह राठौर के पति हिमांशु सिंह DRISHTI IAS में नौकरी करते थे। नेहा सिंह वाला प्रकरण हुआ वैसे ही दृष्टि आईएएस ने हिमांशु सिंह को इस्तीफा देने को कहा। कुछ दिनों पहले विकास दिव्यकीर्ति सर पर इन्हीं BJP वालों ने बवाल काटा था, तब सभी ने इनका साथ दिया था। आज उसी BJP कहा मान रहे।
क्या है हकीकत?: नेहा सिंह के पति हिमांशु सिंह ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि ये बात तथ्यात्मक रूप से एकदम सही है कि मुझसे दृष्टि संस्थान की तरफ से दो दिन पहले इस्तीफा मांगा गया था और मैंने कल अपना इस्तीफ़ा दे दिया है पर इस बात का नेहा को नोटिस दिए जाने से शायद ही कोई संबंध हो। एक अध्यापक और एंप्लॉयर के रूप में विकास दिव्यकीर्ति सर का व्यवहार मेरे प्रति हमेशा स्नेहपूर्ण रहा है, और मैं बिल्कुल नहीं चाहता कि मेरे इस्तीफे को मुद्दा बनाकर उनकी छवि धूमिल की जाए। विनम्र निवेदन है, ऐसा मत कीजिए।
वहीं इस मामले में दृष्टि IAS ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि संस्थान ने अपने एक कर्मचारी हिमांशु सिंह को यूपी सरकार के दबाव में नौकरी से निकाला है। इस तरह के दावे पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं और इनके जरिए उसकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। संस्थान ने कहा है, ’21 फरवरी को दोपहर 12 बजे के आसपास श्री हिमांशु सिंह ऑफिस आकर उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी (डिप्टी सीईओ) से मिले। उन्होंने स्वयं स्वीकार किया कि वे निजी व्यस्तताओं के कारण ऑफिस को समय नहीं दे पा रहे हैं। उनसे आग्रह किया गया कि वे स्वयं इस्तीफ़ा दे दें। उन्होंने पूरी सहजता के साथ इस विकल्प को स्वीकार किया और अगले दिन तक इस्तीफ़ा सौंपने का समय मांगा। 21 फरवरी को ही संयोग से उत्तर प्रदेश पुलिस ने श्री हिमांशु सिंह की पत्नी श्रीमती नेहा सिंह राठौर को कानूनी नोटिस दिया। इस प्रकरण की जानकारी उस समय तक दृष्टि संस्थान में किसी को नहीं थी। बाद में इन दोनों घटनाओं को गलत मंशा से जान-बूझकर जोड़ा गया।’
प्रेस रिलीज |
दृष्टि IAS ने कहा, ‘संस्थान के कर्मचारियों के लिये एक घोषित सोशल मीडिया पॉलिसी है जो 27 मई, 2022 को संस्थान के मैनेजमेंट ग्रुप (वाट्सएप) पर जारी की गई थी। इसके तहत प्रत्येक कर्मी अपनी निजी हैसियत से सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति के लिये स्वतंत्र है। उनसे सिर्फ यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने प्रोफाइल पर स्पष्ट कर दें कि उनके द्वारा अभिव्यक्त विचार निजी हैं, उनका दृष्टि संस्थान की विचारधारा से कोई संबंध नहीं है। साथ ही, यह अपेक्षा की जाती है कि अभिव्यक्ति में भाषा की मर्यादा का ध्यान रखें। हमें गर्व है कि हमारी टीम में कई विरोधी विचारधाराओं के सदस्य एक साथ कार्य करते हैं। आज तक किसी भी सदस्य को उसकी विचारधारा के कारण कोई पुरस्कार या दंड नहीं दिया गया है। किसी कर्मचारी का पति या पत्नी सोशल मीडिया पर क्या विचारधारा रखता है, यह हमारी मैनेजमेंट के लिये विचार का विषय भी नहीं है। इस आधार पर निर्णय करना तो कल्पना के भी परे है। दृष्टि संस्थान राजनीतिक तटस्थता के साथ कार्य करता है। प्रत्येक कर्मचारी की अपनी विचारधारा हो सकती है, किंतु संस्थान किसी राजनीतिक विचारधारा के साथ नहीं जुड़ा है। हमारी मैनेजमेंट पर आज तक किसी भी राजनीतिक दल या सरकार ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से ऐसा दबाव नहीं बनाया है कि हम किसी कर्मचारी को संस्थान में रखें या नहीं। इसलिये हम इस आरोप का कड़े शब्दों में विरोध व भर्त्सना करते हैं।’
प्रेस रिलीज में आगे कहा गया है, ‘सभी जानकारियों के पुख्ता प्रमाण हमारे पास मौजूद हैं। यदि हमें यह विषय किसी अदालत में ले जाने की ज़रूरत महसूस होती है (या कोई अन्य पक्ष न्यायालय जाता है) तो हम बिना देरी के सभी प्रमाण उपलब्ध कराएंगे। यदि उपरोक्त जानकारियों में से एक भी बात गलत प्रमाणित हुई तो हम उपयुक्त कानूनी कार्रवाई को सहर्ष स्वीकार करेंगे।’
पड़ताल में हमे ‘द क्विंट’ की एक रिपोर्ट मिली, इस रिपोर्ट में हिमांशु ने बताया है कि “कुछ निजी कारण था। मैं थोड़ा अनियमित भी था वहां पर पर जैसे ही नोटिस मुझे यहां पर जारी हुआ, वहां से मुझे बुलाकर रिजाइन मांगा गया। मैं ये नहीं कहूंगा कि नोटिस की वजह से है।लेकिन संयोग ऐसा ही बना है। संयोग यही है कि जैसे ही नोटिस मिला है तुरंत मुझे बुलाकर रिजाइन मांग लिया गया है। थोड़ा तो वो है, लेकिन मैं थोड़ा अनियमित भी था और 10 दिनों से ऑफिस नहीं गया था। यही सब झंझट की वजह से। दोनों चीजें हैं।
निष्कर्ष: दृष्टि IAS ने अपनी प्रेस रिलीज में हिमांशु की लापरवाही के बारें में विस्तार से बताया है, साथ ही हिमांशु सिंह ने इस बात को माना है कि नौकरी के दौरान वो अनियमित थे, 10 दिनों से ऑफिस नहीं गए थे, नेहा को नोटिस के दौरान ही इस्तीफा माँगा गया, सयोंग ऐसा ही बना है।