हरियाणा के नूंह में ब्रजमंडल जलाभिषेक शोभायात्रा पर हुए हमले के बाद भड़की हिंसा में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हिंसा में नूंह के नल्हड़ शिव मंदिर को भी निशाना बनाया गया था। सोशल मीडिया में इसी से जुड़ा एक वीडियो वायरल है, वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पुलिस के साथ कुछ गुंडे बंदूके लेकर खड़े हुए थे। हालाँकि पड़ताल में पता चलता कि यह दावा गलत है।
पत्रकार आसिफ मुजतबा ने वीडियो ट्वीट कर लिखा कि मेवात में पुलिस के सामने ऑटोमेटिक बंदूक के साथ। गुंडों को बचाने वाली पुलिस की भूमिका आप स्वयं तय करें।
A goon with an automatic gun right in-front of a policemen is said to be from the violence site today at #Mewat. Decide for yourself, the role of state police in protecting the goons. pic.twitter.com/sRx9gAycz0
— Aasif Mujtaba (@MujtabaAasif) July 31, 2023
इस्लामिस्ट हैंडल अली सोहरब ने लिखा कि हरयाणा – मेवात, 31 जुलाई को हिंदुओं द्वारा खुलेआम पुलिस सरंक्षण में राइफल से पुलिस के सामने फायर किया जा रहा था।
हरयाणा – मेवात, 31 जुलाई को हिंदुओं द्वारा खुलेआम पुलिस सरंक्षण में राइफल से पुलिस के सामने फायर किया जा रहा था।pic.twitter.com/6HUaXCz4gi
— Ali Sohrab (@007AliSohrab) August 5, 2023
हरयाणा – मेवात, 31 जुलाई रैली के दौरान राइफल से पुलिस के सामने फायर किया जा रहा था। pic.twitter.com/ZwdXef4cmT
— Kashif Arsalaan (@KashifArsalaan) August 5, 2023
इस्लामिस्ट हैंडल IND story’s ने लिखा कि ये भगवा #आतंकवादियों के पास कहां से आ गई #AK_47_guns..? क्या देश को #Manipur बनाने का इरादा है ? #Police_action क्यों नहीं ले रही.? खैर #बुलडोजर गरीब और पीड़ित के घर तोड़ने के लिए रखे हैं, #आतंकवादियों पर नहीं। सब याद रखा जायेगा.!
ये भगवा #आतंकवादियों के पास कहां से आ गई #AK_47_guns..?
क्या देश को #Manipur बनाने का इरादा है ? #Police_action क्यों नहीं ले रही.?
खैर #बुलडोजर गरीब और पीड़ित के घर तोड़ने के लिए रखे हैं, #आतंकवादियों पर नहीं।
सब याद रखा जायेगा.! @zoo_bear pic.twitter.com/feczRKY3Q7— IND Story’s (@INDStoryS) August 7, 2023
इसके अलावा इसी वीडियो को ट्विटर हैंडल @Shayarcasm, ताबिश खान ने भी शेयर किया है।
Hndus standing with Stain-Guns, Rifles + Police Protection.
Video : Near Nalhar mahadev temple – Nuh #Mewat pic.twitter.com/4DJqZzaDXV
— Let’s Viral It👇 (@Shayarcasm) July 31, 2023
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमे वायरल वीडियो का एक हिस्सा ट्विटर यूजर अंकुर सिंह की प्रोफाइल पर मिला। यह वीडियो दैनिक भास्कर का है, वीडियो के मुताबिक जब नल्हड़ शिव मंदिर पर हमला हुआ तो लोगों ने छुपकर अपनी जान बचाई। इसी दौरान सादा दर्दी में जवान AK-47 के साथ पहुंचे थे, उन्होंने जवाब में फायरिंग की इसके बाद उपद्रवी भाग गए।
Dainik Bhasker video shows Islamic Terrorists from hills were firing at Hindus and Police around Nalhar Mahadev Temple in Nuh.
Police had to fire back at Hills to save lives of Hindus.
There were many policemen in civil dress whom Liberals have branded as Bajrang Dal Goons. pic.twitter.com/Ql4YpIuqhQ
— Ankur Singh (@iAnkurSingh) August 3, 2023
इसके बाद हमे दैनिक भास्कर की बेबसाईट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी यह वीडियो मिला। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मंदिर के सेवादार अमरपाल और यात्रा में शामिल लोगों के मुताबिक दंगा भड़का तो मंदिर में 4 हजार से ज्यादा लोग फंसे हुए थे। मंदिर में फंसे लोगों ने बताया कि उपद्रव के दौरान मंदिर के अंदर भी गिने-चुने पुलिसकर्मी थे। दंगे भड़के तो आगे निकली यात्रा के लोग वापस मंदिर की तरफ भागे। यहां मौजूद पुलिसवाले स्थिति नहीं संभाल पा रहे थे। वे फोन पर अधिकारियों से मदद मांगते रहे, लेकिन फोर्स पहुंचने में कई घंटे लग गए। नलहरेश्वर मंदिर से जुड़े लोगों ने बताया कि यात्रा के वक्त मंदिर में फोर्स तैनात थी। यात्रा जैसे ही आगे बढ़ी, फोर्स भी आगे बढ़ गई। शहर के तिरंगा चौक पर दंगे के बाद यात्रा में शामिल लोग जान बचाकर वापस मंदिर आए, लेकिन उनके साथ फोर्स नहीं लौटी। 4 हजार लोगों को संभालने के लिए मंदिर के अंदर गिने-चुने पुलिसवाले थे। उपद्रवियों ने मंदिर को घेर लिया और फिर जमकर उपद्रव किया। फोर्स को मंदिर आने में घंटों लग गए।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट |
रिपोर्ट के मुताबिक तिरंगा पार्क के पास हिंसा शुरू होने के बाद मंदिर पर फायरिंग की जा रही थी, तब वहां मौजूद पुलिसवालों ने अफसरों से मदद मांगी। पुलिसवालों का मैसेज मिलने के बाद नूंह शहर में मौजूद अफसर तो शिव मंदिर तक नहीं पहुंच सके, लेकिन शिव मंदिर से नूंह शहर के बीच रास्ते में मौजूद क्राइम इन्वेस्टिगेशन टीम के कुछ जवान मंदिर तक पहुंच गए। ये जवान सादी वर्दी में थे। AK-47 राइफल्स से लैस जवानों ने पहाड़ों पर मौजूद जवाबी फायरिंग की, तब दंगाई पीछे हट गए।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि नूंह शिव मंदिर में हमले के दौरान हाथों में बंदूक थामे सादा वर्दी में पुलिस के जवान थे।
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