सोशल मीडिया में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए हर अकाउंट में 15 लाख रुपए और हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा न निभाने का आरोप लगाया जा रहा है। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि पीएम मोदी ने इस तरह का कोई वादा नहीं किया था
पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने ट्वीट कर लिखा कि हर अकाउंट में ₹15 लाख.. हर साल 2 करोड नौकरी का वादा… सब का साथ सब का विकास, सभी का विश्वास.. “रघु कुल रीति सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई” ( निभाया जाये प्रधानसेवक जी )
हर अकाउंट में ₹15 लाख..
हर साल 2 करोड नौकरी का वादा…
सब का साथ सब का विकास, सभी का विश्वास..“रघु कुल रीति सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई”( निभाया जाये प्रधानसेवक जी )
— punya prasun bajpai (@ppbajpai) July 25, 2023
क्या है दो करोड़ रोजगार की हकीकत? हमने अपनी पड़ताल में भारतीय जनता पार्टी के मेनिफेस्टो को खंगाला, यहाँ हर साल दो करोड़ रोजगार देने का कोई जिक्र नहीं है।
इसके बाद हमे नवम्बर 2013 को समाचार बेबसाईट फर्स्टपोस्ट और इकोनॉमिक टाइम्स पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। भाजपा के उस वक्त के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की यूपी के आगरा रैली के बाद यह प्रकाशित हुई थी। इस खबर में दावा किया गया कि पीएम ने रैली में एक करोड़ रोजगार देने का वादा किया है।
हमने पीएम मोदी की आगरा रैली के वीडियो को खंगाला, 21 नवंबर 2013 को गुजरात के तत्कालीन सीएम और बीजेपी के पीएम पद के दावेदार मोदी की आगरा में रैली थी। अपने भाषण(नीचे वीडियो में 18 मिनट से) में पीएम मोदी ने रोजगार का जिक्र किया । पीएम मोदी ने कहा, ”दिल्ली में बैठी हुई कांग्रेस की सरकार ने वादा किया था कि सरकार बनेगी तो वे हर वर्ष एक करोड़ नौजवानों को रोजगार देंगे। भाइयों-बहनों आप मुझे जवाब देंगे, मैं आपसे सवाल पूछूं, आप जवाब देंगे। कांग्रेस ने लोकसभा के चुनाव में वादा किया था कि अगर हम सत्ता में आएंगे तो एक करोड़ लोगों को रोजगार देंगे। वादा किया था, पूरे ताकत से बोलो वादा किया था, कांग्रेस ने वादा किया था, वादा निभाया? आपमें कोई है भाई जिसको दिल्ली सरकार ने नौकरी दी हो। आपमें कोई है जिसको दिल्ली सरकार ने रोजगार दिया हो।
पड़ताल में हमे यह भी पता चला कि कांग्रेस ने 2004 लोकसभा चुनाव के दौरान अपने मेनिफेस्टो में ‘एक करोड़ रोजगार हर साल’ देने का वादा किया था। नरेंद्र मोदी ने इसी को लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा था,न कि उन्होंने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। आप इसकी पूरी पड़ताल यहाँ पढ़ सकते हैं
| Congress 2004 Manifesto | |
15 लाख रुपए देने की सच्चाई: पड़ताल में हमने देखा कि बीजेपी की ऑफिशियल वेबसाइट पर 2014 के चुनावी घोषणा पत्र में भी 15-15 लाख रुपये प्रत्येक भारतीय के खाते में डलवाने के वादे का कोई उल्लेख नहीं है।
नरेंद्र मोदी 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। चुनाव के प्रचार के दौरान छत्तीसगढ़ के कांकेर में 7 नवंबर, 2013, को नरेंद्र मोदी की सार्वजनिक रैली में ’15 लाख’ का सबसे पहला उल्लेख मिलता है। नरेन्द्र मोदी ने मंच से बोलते हुए (नीचे वीडियो में 17:55 से 19:05 मिनट तक) कहा कि पूरी दुनिया कहती है कि भारत में सभी चोर-लुटेरे अपना पैसा विदेशों में बैंकों में जमा करते हैं। विदेशों के बैंकों में काला धन जमा है। कांकेर के मेरे भाईयों और बहनों, मुझे बताओ, यह चोरी का पैसा वापस आना चाहिए या नहीं? यह काला धन वापस आना चाहिए या नहीं? क्या हम इन बदमाशों द्वारा जमा किए गए हर पैसे को वापस लेना चाहिए या नहीं? क्या इस धन पर जनता का अधिकार नहीं है? क्या इस धन का उपयोग जनता के लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए? अगर एक बार भी, विदेशों में बैंकों में इन चोर-लुटेरों द्वारा जमा किया गया धन, भले ही हम केवल वही वापस लाते हैं, तो हर गरीब भारतीय को 15-20 लाख रुपये मुफ्त में यूहीं मिल जाए। इतने रुपये हैं।
पड़ताल से स्पष्ट है है उनके उनके भाषण में उक्त राशि विदेशों में जमा काले धन की मात्रा का संदर्भ है, न कि 15 लाख रुपये हर खाते में जमा करवाने का चुनावी वादा है। खास बात यह भी है कि चुनाव में पैसा बांटना अपराध है, ऐसे में अगर नरेंद्र मोदी चुनावी रैली में इस तरह से 15-20 लाख रुपए बांटने का वादा करते तो चुनाव आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई करता। साथ ही विपक्षी राजनैतिक दलों ने भी इस रैली या उसके बाद से आज तक मोदी पर चुनाव में रुपए बांटने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत नहीं की है। इसकी पूरी पड़ताल यहाँ पढ़िए।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि पुण्य प्रसून वाजपेयी के दोनों ही दावे गलत है, पत्रकार फेक न्यूज फैला रहे हैं।
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