सोशल मीडिया में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का 53 सेकेंड्स का एक वीडियो वायरल है। दावा किया जा रहा है कि मोदी सरकार केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(सीआईएसएफ) का निजीकरण कर रही है हालाँकि यह दावा भ्रामक है।
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अमित शाह के 53 सेकेंड्स के वीडियो को साझा करते हुए लिखा है कि अब CISF को भी बंद करने की बारी। पूरे देश की सुरक्षा ही ठेके पर देंगे। ए मेरे देश, यही है झूठे राष्ट्रवाद का असली चेहरा।
अब #CISF को भी बंद करने की बारी !
पूरे देश की सुरक्षा ही ठेके पर देंगे !
ए मेरे देश, यही है झूठे राष्ट्रवाद का असली चेहरा! pic.twitter.com/vONwnXzMRN
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 1, 2022
हंसराज मीना ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा है कि समस्त देशवासी, CISF के निजीकरण करने की मोदी सरकार की मंशा का विरोध करें।
समस्त देशवासी, CISF के निजीकरण करने की मोदी सरकार की मंशा का विरोध करें। pic.twitter.com/gcyXqao3oI
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) August 2, 2022
हिम्मत सिंह ने लिखा है कि लो कर लो बात, अब #CISF को भी बंद करने की तैयारी कर रहा मोटा भाई। पुरे देश की सुरक्षा ही ठेके पर देंगे। हे साहेब मोदी जी क्या यहीं हैं आपका और आपकी पार्टी का झुठा राष्ट्रवाद का असली चेहरा।
लो कर लो बात..अब #CISF को भी बंद करने की तैयारी कर रहा मोटा भाई..
पुरे देश की सुरक्षा ही ठेके पर देंगे..
हे साहेब मोदी जी क्या यहीं हैं आपका और आपकी पार्टी का झुठा राष्ट्रवाद का असली चेहरा.! pic.twitter.com/3vfOGKNCeg— HIMMAT SINGH GURJAR -हिम्मत सिंह गुर्जर (@himmatsinghgur1) August 2, 2022
एक यूजर ने वीडियो ट्वीट कर लिखा है कि सीआईएसएफ खत्म टाटा बाय बाय गया, एक और विकेट गिरा।
CISF khatam tata bye bye gya😁
Ek Wicket Aur gira #cisf #privatisation pic.twitter.com/xJjVjrosMT
— Upsc Civil Services Exam (@UpscforAll) August 1, 2022
क्या है हकीकत: पड़ताल में पता चलता है कि सोशल मीडिया में वायरल 53 सेकेंड्स का यह वीडियो करीबन 5 माह पुराना है। 6 मार्च 2022 को अमित शाह यूपी के गाजियाबाद में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के 53वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। यहाँ अमित शाह ने समारोह का संबोधित किया जिसका 18 मिनट 55 सेकंड का वीडियो डीडी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है।
अपने भाषण में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा(11वें मिनट से) कि सीआईएसएफ के सामने भी ढेर सारी नई स्थिति आएँगी। ढाई ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी से 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की यात्रा में बहुत सारे प्राइवेट सेक्टर और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में बड़ी बड़ी इकाइयां स्थापित होंगी। डिफेंस सेक्टर, अंतरिक्ष और ड्रोन सहित हर क्षेत्र के अंदर बहुत सारा प्राइवेट औद्योगिक उत्पादन भी आने वाला है। मै सीआईएसएफ के डीजीपी को कहूँगा कि 5 साल का एक रोडमैप तैयार करना चाहिए जिसमें हम सीआईएसएफ को भविष्य के 25 साल के लिए तैयार करें। साथ ही 25 साल का एक रोडमैप तैयार किया जाए जिसके माध्यम से हम सीआईएसएफ को शताब्दी के वर्ष में सुसज्जित कर परिणाम देने वाली संस्था के रूप में देखें।
उन्होंने कहा कि देश में प्राइवेट सिक्योरिटी का काम बहुत तेजी से बढ़ रहा है। सरकार ने इसके लिए कानून और नियम भी बनाए हैं। क्या सीआईएसएफ़ उनकी ट्रेनिंग का जिम्मा ले सकता है। औद्योगिक इकाइयों की सुरक्षा करने वाली प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी की ट्रेनिंग का जिम्मा भी क्या सीआईएसएफ ले सकता है।
शाह ने कहा कि कुछ मॉडल्स बनाए जा सकते हैं जैसे एक हजार कर्मियों वाली उत्पादन इकाइयां 5000 और 10,000 कर्मियों वाली उत्पादन इकाइयां। कुछ चुनिंदा क्षेत्रों की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए उसके सुरक्षा का मॉडल। यह सभी कार्य कर प्राइवेट एजेंसियों की भी दक्षता बढ़ानी पड़ेगी क्योंकि सीआईएसएफ अकेला पूरे देश के औद्योगिक क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकता।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमें एक हाइब्रिड मॉडल खड़ा करना चाहिए जिसकी रणनीति तो सीआइएसएफ बनाए परंतु जिसमे प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियां और सीआईएसएफ दोनों हाइब्रिड मोड पर सुरक्षा का एक पूरा खाका तैयार कर सुरक्षा प्रदान करें और धीरे-धीरे उसे प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों को सौप दिया जाए।
इस सम्बन्ध में हिंदी अख़बार दैनिक जागरण ने ‘उद्योगों की सुरक्षा के लिए निजी एजेंसियों को तैयार करेगी सीआइएसएफ’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की है।
निजी क्षेत्र में पहले से जिम्मेदारी संभाल रही है सीआईएसएफ: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(सीआईएसएफ) की स्थापना 1969 में की गयी थी, सीआईएसएफ केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है। सीआईएसएफ का मुख्य कार्य सरकारी कारखानों एवं अन्य सरकारी उपक्रमों को सुरक्षा प्रदान करना है। इस बल का काम केंद्र सरकार के औद्योगिक परिसरों की निगरानी करना है, साथ ही विशिष्ट लोगों की सुरक्षा, मेट्रो, परमाणु संस्थान, ऐतिहासिक धरोहरों आदि की भी सुरक्षा करता है लेकिन 26 नबम्वर 2008 में मुंबई बम धमाकों के बाद सीआईएसएफ को निजी क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा भी सौंप दिया गया। इसके लिए तत्कालीन कांग्रेस की यूपीए सरकार ने सीआईएसएफ एक्ट में संशोधन किया गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 26/11 आतंकी हमले के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईबीएम, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो और ओबेरॉय होटल ग्रुप समेत 98 निजी क्षेत्र की कम्पनियों ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(सीआईएसएफ) सुरक्षा कवर के लिए सरकार से संपर्क किया था।
CISF to take over port security |
जुलाई 2009 में देश की प्रमुख आईटी कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलाजीज की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को सौंपा गया था, इन्फोसिस के परिसर में कुल 101 सीआईएसएफ जवानों की तैनाती की गयी थी। कॉरपोरेट जगत पर आतंकवादी हमले की आशंका के मद्देनजर यह फैसला लिया गया था।
वर्तमान में लगभग 1.64 लाख सुरक्षाकर्मियों से लैस सीआईएसएफ तेल, बिजली, सूचना प्रौद्योगिकी, नागरिक उड्डयन, दिल्ली मेट्रो, एयरोस्पेस और परमाणु ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों के कुल 354 सरकारी व निजी प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है। हाल ही में CISF के 230 कमांडोज ने रिलांयस जिओ वर्ल्ड सेन्टर की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली है।
निजी क्षेत्र में सीआईएसएफ की तैनाती |
मौजूदा मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया था कि वर्तमान में, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) राज्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सुरक्षा कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। सीआईएसएफ ने निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री (सीएपीएसआई) के साथ परामर्श किया है। मंत्रालय के मुताबिक सीआईएसएफ वर्तमान में 12 निजी क्षेत्र के संस्थानों / कंपनियों में तैनात है।
निष्कर्ष: अमित शाह अपने संबोधन में सीआईएसएफ के निजीकरण या उसे बंद करने की नहीं बल्कि
भविष्य की चुनौतियों के मद्देनजर सीआईएसएफ के निर्देशन में प्राइवेट
सिक्योरिटी एजेंसी को उसके जितनी कुशल बनाने की बात कर रहे हैं। सीआईएसएफ 2009 से निजी क्षेत्र में सुरक्षा देने का काम कर रही है।