पत्रकार आदेश ने लिखा, ‘मुज़फ़्फ़रनगर मे अनुभव शर्मा का अंतिम संस्कार मोहम्मद युनुस ने किया। जिस दिन धर्म के पाखंड को समझ जाओगे उसी दिन रेत की दीवार ढह जाएगी।’ आदेश
के ट्विट के स्क्रीनशॉट के पत्रकार रविश कुमार ने फेसबुक पर साझा किया है।
रविश ने इसे साझा करते हुए लिखा, ‘सोचिए समझिए और जागिए।’ हालाँकि बाद में
उन्होंने इसे डिलीट कर दिया।
कांग्रेस नेता और शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने लिखा, ”ये तस्वीर मुजफ्फरनगर से आई है अनुभव शर्मा की चिता को मुखाग्नि मोहम्मद यूनुस। ज़िंदाबाद यूनुस साहब।’ पत्रकार कासिफ ने तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘मुजफ्फरनगर के मोहम्मद यूनुस के दोस्त अनुभव शर्मा की कोविड से मौत हो गई। उसके परिजन अंतिम संस्कार को सामने नहीं आए तो आँख में आंसू लिए ये टोपी वाला दोस्त यूनुस ने चिता को मुखाग्नि दी। धर्म की राजनीति करने वाले को कोरोना बहुत महंगा पड़ रहा है।’
कासिफ के इस ट्विट को फैक्ट चेक बेबसाईट के पत्रकार मोहम्मद जुबेर ने रिट्विट किया है जिसे बाद में उन्होंने इसे हटा लिया।
पत्रकार बुशरा खानूम ने इस तस्वीर को साझा करते हुए लिखा, ‘ये तस्वीर मुज़फ़्फ़रनगर की है जी हाँ वही मुज़फ़्फ़रनगर जो 2013 में दंगों की आग में जला था। उसी मुज़फ़्फ़रनगर में अनुभव शर्मा के अंतिम संस्कार की रुसूमात अदा की मोहम्मद यूनुस ने। हमारा काम है मोहब्बत जहां तक पहुँचे। कांग्रेस नेता आबिद मीर ने लिखा, ‘मुजफ्फरनगर के मोहम्मद यूनुस चिता जिहाद करते हुए। उस अनुभव शर्मा की चिता को मुखाग्नि दे रहे है जिसके परिवार वालों ने उसे त्याग दिया। इन्सानियत ज़िन्दाबाद।’
कांग्रेस पार्टी के दलित कांग्रेस अकाउंट से इस तस्वीर को साझा करते हुए लिखा, ‘ये तस्वीर यूपी के मुजफ्फरनगर से आई है। अनुभव शर्मा की चिता को मोहम्मद युनुस ने मुखाग्नि दी। भाईचारे और आपसी रिश्तों जीती जागती मिशाल है। यही इंसानियत है। यही असली हिन्दुस्तान है। बस इसीलिए तो मुजफ्फरपुर को ‘मुहब्बत नगर’ कहते हैं।’ कांग्रेस नेता उदित राज के संगठन ऑल इंडिया परिसंघ ने लिखा, ये तस्वीर मुजफ्फरनगर से आई है। अनुभव शर्मा की चिता को मुखाग्नि देते मोहम्मद यूनुस। दोस्त के न रहने पर जब उसके परिजन अंतिम संस्कार को सामने नहीं आए तो आँख में आंसू लिए ये टोपी वाला दोस्त क्रिया कर्म को तैयार हुआ। ये हैं असली इंडिया।’
क्या है हकीकत?
मुज्जफरनगर के रहने वाले अनुभव शर्मा की पिछले दिनों मौत हो गयी थी। सोशल मीडिया में वायरल तस्वीर के सम्बन्ध में स्वराज्य की पत्रकार स्वाति गोयल ने अनुभव के बड़े भाई शरद शर्मा से बातचीत की। उन्होंने इस बातचीत का ऑडियो भी साझा किया है। शरद के अनुसार, “मोहम्मद यूनुस मेरे भाई के दोस्त हैं और हमारी गाड़ी चलाते हैं। वो एक सहयोगी की तौर पर अनुभव के अंतिम संस्कार में हमारे साथ थे लेकिन मेरे भाई का अंतिम संस्कार अपने हाथों से किया है। मैंने ही मुखाग्नि दी है, हमारा पूरा परिवार और हिन्दू समाज के लोग वहां मौजूद थे।”
Part 2 – Sharad tells me his family is hurt with the propaganda that they did not come forward or did not do last rites. In the end, I requested him to add Yunus on the line but the call did not go through. pic.twitter.com/jmtBcMweOj
— Swati Goel Sharma (@swati_gs) April 29, 2021
शरद शर्मा खुद भी एक रिपोर्टर हैं। वह ऑन ड्यूटी नाम की मैग्जीन चलाते हैं। उनका
कहना है कि इस खबर को सबसे पहले अमर उजाला ने प्रकाशित किया था। उन्होंने न
हमसे बात की, न ही यूनुस से। वह बताते हैं कि उनके भाई के दर्द उठा था, इसे इलाज के रेफर भी किया गया।
अनुभव के अंतिम संस्कार में मौजूद परिवार के सदस्य |
शरद पूछते हैं, “अगर मेरे भाई को कोरोना होता तो क्या प्रशासन इस प्रकार दाह संस्कार करने की अनुमति देता?” उनका कहना है कि अनुभव को कोरोना नहीं था और अंतिम संस्कार में परिवार के साथ न होने का दावा झूठा है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर |
तस्वीर वायरल होने पर उन्होंने कहा, “वह कोई तस्वीर खींचने वाला मौका नहीं था। हमें नहीं पता किसने यूनुस की तस्वीर खींची। लेकिन मुझे मालूम है जिसने फोटो ली, उसने मेरी और मेरे परिवार की भी ली होगी।
निष्कर्ष: वायरल तस्वीर से सम्बन्धित दावा फर्जी है। युवक की मौत के बाद उसका परिवार अंतिम संस्कार में साथ था। युवक के भाई ने ही शव का दाह संस्कार किया है।