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25 Dec 2024, Wed

राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में ‘राष्ट्रपति, दलित, आदिवासी, मजदूर’ को लेकर राहुल गाँधी झूठ बोल रहे हैं

लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है और दो चरणों की वोटिंग भी संपन्न हो गई है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गाँधी अपनी सभाओं में अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अलग अलग दावे कर रहे हैं। राहुल गाँधी का कहना है कि प्राण प्रतिष्ठा में आदिवासी होने की वजह से राष्ट्रपति को जाने नहीं दिया गया। वहां दलित, आदिवासी को बुलाया नहीं गया। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है। 

सुप्रिया श्रीनेत ने राहुल गाँधी ने भाषण के वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, ‘मोदी ने 2 हिंदुस्तान बनाये हैं  आपने राम मंदिर के उद्धाटन में अमीर लोग देखे   लेकिन एक भी गरीब, किसान, मजदूर नहीं दिखा  यहां तक कि हमारी राष्ट्रपति जो एक आदिवासी समाज से आती हैं, उन्हें वहां जाने तक नहीं दिया गया’

मोदी ने 2 हिंदुस्तान बनाये हैं

आपने राम मंदिर के उद्धाटन में अमीर लोग देखे

लेकिन एक भी गरीब, किसान, मजदूर नहीं दिखा

यहां तक कि हमारी राष्ट्रपति जो एक आदिवासी समाज से आती हैं, उन्हें वहां जाने तक नहीं दिया गया@RahulGandhi
pic.twitter.com/uzENNtAgPX

— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) April 29, 2024

पीटीआई ने एक पोस्ट में बताया कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘राम मंदिर और संसद भवन के उद्घाटन में किसी भी दलित, आदिवासी को नहीं देखा गया। 90 प्रतिशत जनसंख्या इसे समझती हैं।‘

Not a single Dalit, tribal seen at Ram temple, Parliament building inauguration; 90 pc population understands this: Rahul Gandhi

— Press Trust of India (@PTI_News) April 24, 2024

राहुल गाँधी ने एक बयान में कहा, ‘राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में आपको OBC, दलित और आदिवासी वर्ग के लोग नहीं दिखे होंगे।   यानी देश के 73% लोग उस कार्यक्रम में दिखे ही नहीं। यह देश 73% लोगों का है, लेकिन BJP नहीं चाहती कि आप लोग देश को कंट्रोल कर सकें।’

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में आपको OBC, दलित और आदिवासी वर्ग के लोग नहीं दिखे होंगे।

यानी देश के 73% लोग उस कार्यक्रम में दिखे ही नहीं।

यह देश 73% लोगों का है, लेकिन BJP नहीं चाहती कि आप लोग देश को कंट्रोल कर सकें।

: @RahulGandhi जी

📍 उत्तर प्रदेश pic.twitter.com/2uBzvwrLkM

— Congress (@INCIndia) February 18, 2024

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमे आज तक पर प्रकाशित 4 जनवरी 2024 की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में नए राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मेहमानों को न्योते भेजे जा रहे हैं। मेहमानों की सूची में करीब 150 समुदायों से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है। इन सभी के पास अब न्योते मिलने की पुष्टि होने लगी है। ट्रस्ट ने दलित, आदिवासी, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवार और मंदिर निर्माण में जुटे श्रमिकों तक को बतौर मेहमान कार्यक्रम में बुलाया है।

हमें 21 जनवरी 2024 को प्रकाशित इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट के अनुसार, देश भर से विभिन्न जातियों और वर्गों के कुल 15 जोड़े अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान यजमान का कर्तव्य निभाएंगे। जोड़ों में दलित, आदिवासी, ओबीसी (यादव सहित) और अन्य जातियां शामिल होंगी।‘

इंडियन एक्सप्रेस ने आगे लिखा, ‘आदिवासी समुदाय से आने वाले खराड़ी उदयपुर के रहने वाले हैं। तीन यजमान पीएम नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से हैं. इनमें काशी के डोम राजा अनिल चौधरी भी शामिल हैं। सूची में अन्य नाम हैं असम के राम कुई जेमी, सरदार गुरु चरण सिंह गिल (जयपुर), कृष्ण मोहन (हरदोई, रविदासी समाज से), रमेश जैन (मुल्तानी), अदलारसन ( तमिलनाडु ), विट्ठलराव कांबले ( मुंबई ), महादेव राव गायकवाड़ (लातूर, घुमंतु समाज ट्रस्टी), लिंगराज वासवराज अप्पा ( कर्नाटक में कालाबुरागी ), दिलीप वाल्मिकी ( लखनऊ ), और अरुण चौधरी (हरियाणा में पलवल)।‘

पड़ताल में यह भी पता चलता है कि इस उद्घाटन कार्यक्रम में मजदूर भी शामिल हुए थे। यह सभी मंदिर के सामने प्रांगण में मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर निर्माण में लगे श्रमजीवियों का सम्मान किया और उनपर फूलों की बारिश की।

पीएम मोदी ने राम मंदिर के श्रमजीवियों पर फूल बरसाये#PMModi #RamMandirPranPrathistha #AyodhyaRamMandir #AaRaheHainRam #PranPratishtha #RamMandir #PMModi #RamMandirCeremony pic.twitter.com/BGbGDgH549

— India TV (@indiatvnews) January 22, 2024

इसके बाद हमे 12 जनवरी 2022 को प्रकाशित दैनिक जागरण की रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया गया था। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और आरएसएस नेता राम लाल ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर द्रौपदी मुर्मु को निमंत्रण पत्र दिया। 

हालाँकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल नही हुई थीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 22 जनवरी को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार कार्यक्रम में व्यस्त थीं। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने लोगों को भगवान राम के धैर्य, बड़ों का सम्मान, साहस, और संकट के समय में संयम के गुणों की याद दिलाई। उन्होंने बच्चों को भगवान राम के आदर्शों और रामायण के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने के लिए प्रोत्साहित किया।

प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अयोध्या धाम की यात्रा पर शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति ने इस पत्र में लिखा, प्राण प्रतिष्ठा के लिए आप विधिवत तपश्चर्या कर रहे हैं। उस पावन परिसर में आपके द्वारा संपन्न की जाने वाली अर्चना से हमारी अद्वितीय सभ्यतागत यात्रा का एक ऐतिहासिक चरण पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा, हम सभी का सौभाग्य है कि हम सब अपने राष्ट्र के पुनरुत्थान के एक नए कालचक्र के शुभारंभ के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि प्रभु श्री राम द्वारा साहस, करुणा और अटूट कर्तव्यनिष्ठा की प्रतिष्ठा की गई थी उन्हें इस भव्य मंदिर के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा सकेगा।

वहीं प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को उनकी शुभकामनाओं और स्नेह के लिए आभार जताया तथा कहा कि उन्होंने पत्र के हर शब्द में अपने करुणामयी स्वभाव और प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन पर असीम प्रसन्नता को व्यक्त किया। मोदी ने कहा कि जिस समय उन्हें यह पत्र मिला था उस वक्त वह एक अलग ही भाव यात्रा में थे और इस पत्र ने उन्हें उनके मन की भावनाओं को संभालने और उनमें सामंजस्य बिठाने में अपार सहयोग और संबल दिया।

दो दिन पूर्व मुझे आदरणीया राष्ट्रपति जी का एक बहुत ही प्रेरणादायी पत्र मिला था। मैंने आज अपनी कृतज्ञता पत्र के माध्यम से प्रकट करने का प्रयास किया है। pic.twitter.com/mVJJMgnM8C

— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024

इसके अलावा नई दुनिया और नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ से आदिवासी-दलित समाज के रामनामी समुदाय से जुड़े लोगों को भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया। हमे इंस्टाग्राम पर साझा की गई एक तस्वीर मिली, जिसमें दिखाया जा सकता है कि रामनामी समुदाय के लोग अयोध्या मंदिर में राम लला की दर्शन करने के लिए गए थे।

रामनामी संप्रदाय की शुरुआत उस दौर में हुई जब भारत में छुआछूत का असर बहुत ज्‍यादा था। दलित या अछूत मानी जाने वाली जातियों को मंदिरों में प्रवेश और पूजापाठ का अधिकार नहीं था। मंदिर में प्रवेश या पूजा करने पर सजा दी जाती थी। ऐसे दौर में एक दलित युवक परशुराम ने इस संप्रदाय की शुरुआत की।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में दलित, आदिवासी, मजदूर शामिल हुए थे। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।

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(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है तो पड़ताल के लिए हमारे व्हाट्सएप नंबर +917895085973 पर भेजें)

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