कई प्रमुख मीडिया संस्थानों ने नोबेल पुरस्कार समिति के डिप्टी लीडर एस्ले तोजे के हवाले से रिपोर्ट्स प्रकाशित की है जिसमें उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘नोबेल शांति पुरस्कार के सबसे बड़े दावेदार’ हैं। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि एस्ले तोजे के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
भाजपा नेता आदेश गुप्ता ने ट्वीट कर लिखा है कि मोदी आज नोबेल शांति पुरस्कार के सबसे बड़े दावेदार हैं। मोदी युद्ध रोकने के लिए सबसे भरोसेमंद नेता हैं और केवल वही शांति स्थापित कर सकते हैं। PM मोदी की नीतियों के कारण ही भारत अमीर-शक्तिशाली देश बन रहा है। असल तोजे , नोबेल शांति पुरस्कार समिति के उपनेता
मोदी आज नोबेल शांति पुरस्कार के सबसे बड़े दावेदार हैं।
मोदी युद्ध रोकने के लिए सबसे भरोसेमंद नेता हैं और केवल वही शांति स्थापित कर सकते हैं।
PM मोदी की नीतियों के कारण ही भारत अमीर-शक्तिशाली देश बन रहा है।
: असल तोजे , नोबेल शांति पुरस्कार समिति के उपनेता pic.twitter.com/Csxx6lGxqY
— Adesh Gupta (@adeshguptabjp) March 15, 2023
हिंदी समाचार बेबसाईट अमर उजाला एक रिपोर्ट में लिखा है कि नोबेल कमेटी के
डिप्टी लीडर असल तोजे ने भारत की जमकर तारीफ की। उन्होंने प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी को भी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सबसे मजबूत दावेदार
बताया।
इसके अलावा इकोनॉमिक टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया, बिजनेस स्टैंडर्ड, एशियानेट हिंदी, सीएनबीसी टीवी18 ने भी अपनी रिपोर्ट में यही दावा किया है।
क्या है हकीकत?: इस दावे की पड़ताल के दौरान हमे 4 मार्च को एस्ले तोजे को नई दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) में इंडिया सेंटर फाउंडेशन द्वारा आयोजित “Alternative Development Model & Peace” कार्यक्रम का वीडियो मिला। इस कार्यक्रम में डिप्टी लीडर एस्ले तोजे को आमंत्रित किया गया था।
इस दौरान उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए वैश्विक शांति पर जोर दिया। इस कार्यक्रम के बाद तोजे ने शांति के लिए वैश्विक सहयोग में भारत की भूमिका को लेकर मीडिया से भी बात की। हालाँकि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार मिलने जैसी कोई बात नहीं कही है
पड़ताल में हमे ABP न्यूज का वीडियो भी मिला, इस वीडियो में एस्ल तोजे ने बताया कि भारत से भी कई नॉमिनेशन मिल रहे हैं। रूस-यूक्रेन जंग रोकने में भी भारत का रोल बहुत जरूरी है। वीडियो में 3 मिनट 45 सेकेंड पर रिपोर्टर ने तोजे से पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी लीडरशिप के दम पर रूस-यूक्रेन जंग रोकने के काबिल हैं। इसके जवाब में तोजे ने कहा- आप पूछना चाह रहे हैं कि इससे क्या उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिल सकता है। तोजे ने आगे कहा- मैं उम्मीद करता हूं कि नोबेल पुरस्कार के लिए जो काम करने होते हैं, वो दुनिया के सभी राजनेता करने के लिए प्रेरित हों।
ABP न्यूज के इस 7 मिनट के वीडियो में भी तोजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार का दावेदार नहीं बताया है। असल में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नामांकन और चयन प्रक्रिया को लेकर बनाए गए नियमों के अनुसार एस्ले तोजे नॉर्वे की नोबेल पुरस्कार समिति के सदस्य होने के नाते सार्वजनिक रूप से नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित व्यक्तियों के नाम नहीं बता सकते हैं।
बीते साल कई लोगों ने दावा किया था कि भारत से फैक्ट चेकर प्रतीक सिन्हा और मोहम्मद जुबैर को नोबेल शांति पुरुस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है।
@free_thinker प्रतीक सिन्हा जी और @zoo_bear जी
— Narendra nath mishra (@iamnarendranath) October 5, 2022
नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में “अल्टन्यूज” के
मोहम्मद ज़ुबैर और प्रतिक सिन्हा भी… https://t.co/2vQLxJFdUq— punya prasun bajpai (@ppbajpai) October 5, 2022
हालाँकि यह दावा भी गलत था। नोबेल पुरस्कार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार पुरस्कार के लिए नामांकित व्यक्तियों और नामांकित करने वाले व्यक्तियों के नामों को 50 वर्षों तक जनता के सामने नहीं लाया जा सकता है। संस्था के मुताबिक नामांकित व्यक्तियों के बारे में अगर संस्था से बाहर कोई भी चर्चा होती है तो वह मात्र अफवाह है, झूठी खबर है या फिर आमंत्रित नामांकनकर्ताओं में से किसी ने जानकारी लीक की है। हालाँकि, जानकारी लीक का मामला कभी भी नहीं हुआ है।
www.nobelprize.org |
नोबेल पुरस्कार के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो भी मौजूद है, जिसमें पुरस्कार के लिए नामांकन और चयन प्रक्रिया के बारे में बताया गया है। इस वीडियो में एस्ले तोजे ही मौजूद हैं, जो कहते हैं कि नोबेल पुरस्कार के विजेता को सार्वजनिक रूप से घोषित किए जाने से एक घंटे पहले ही उनकी जीत के बारे में बताया जाता है।
Today is the announcement of the 2022 Nobel Peace Prize.
Ahead of the announcement watch our exclusive Q&A with Asle Toje, who helps to award the peace prize.#NobelPrize pic.twitter.com/idnDq4lqm6
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 7, 2022
निष्कर्ष: एस्ले तोजे ने प्रधानमंत्री मोदी को नोबेल शांति पुरस्कार का दावेदार नहीं बताया है। नोबेल कमेटी नतीजों से पूर्व किसी नामांकित व्यक्ति या विजेता का नाम सार्वजानिक नहीं करती है।
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