भारत के जम्मू और कश्मीर में कठुआ में जनवरी 2018 में 8 वर्षीय मासूम आसिफा बानो की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में सभी आरोपियों को सजा हो चुकी है। इस बीच सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल है, इस तस्वीर में आसिफा बानो के साथ अन्य आरोपियों को दिखाया गया है। इसमें विशाल जंगोत्रा, दीपक खजुरिया, सांजी राम, तिलक राज की तस्वीर बताई गयी है।
करिश्मा अजीज ने एक्स पर तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा, ‘सब छोड़ो दोस्तों एक नजर यहां डालो, ये मुस्लिम लड़की याद है या भूल गए…??’
सब छोड़ो दोस्तों एक नजर यहां डालो, ये मुस्लिम लड़की याद है या भूल गए…??#Asifa pic.twitter.com/owYqy8Ng5p
— Karishma Aziz (@Karishma_voice) February 6, 2025
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमे सबसे पहले टीवी9 भारतवर्ष की वेबसाईट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। 10 जून 2019 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने 7 में से 6 आरोपियों दीपक, प्रवेश, सांझी राम, आनंद दत्ता, तिलकराज और सुरेंद्र को दोषी करार दिया है वहीं, विशाल जंगोत्रा को बरी कर दिया। दीपक खजूरिया, सांझी राम और प्रवेश को 25 साल जेल यानि उम्रकैद की सज़ा दी गई जबकि आनंद दत्ता, तिलकराज और सुरेंद्र वर्मा को पांच साल जेल के साथ 50 हजार रुपए के जुर्माने की सज़ा सुनाई गई।
इसी सम्बन्ध में अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि कठुआ में 10 जनवरी 2018 को आठ साल की बच्ची का अपहरण करने के बाद हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने सांझीराम के बेटे विशाल जंगोत्रा के भी रेप-हत्या में शामिल होने की बात कहते हुए 17 मार्च 2018 को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन जांच में सामने आया कि विशाल मुजफ्फरनगर के मीरापुर में रहकर आकांक्षा कॉलेज से बीएससी एजी प्रथम वर्ष कर रहा था। उसकी नौ जनवरी से खतौली के केके जैन डिग्री कॉलेज में परीक्षाएं चल रही थीं। यूनिवर्सिटी ने बीएससी एजी का जो रिजल्ट जारी किया था, उसके मुताबिक विशाल ने नौ जनवरी 2018, 12 जनवरी, 15 जनवरी और 29 जनवरी तक की सभी नौ परीक्षाएं दी थीं। हालांकि विशाल फेल हो गया था। विशाल ने सारी परीक्षाएं हिंदी माध्यम से दी थीं। उसकी सारी कॉपियों में एक ही हैंडराइटिंग मिली थी। हस्ताक्षर उसने उपस्थिति पत्र और कॉपियों में अंग्रेजी में किए थे। ये हस्ताक्षर भी एक से ही थे। इससे साफ हो गया था कि सारी परीक्षाएं विशाल ने दीं, तो वह घटना के वक्त जम्मू में कैसे हो सकता था।
अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि मुज्जफरनगर में विशाल की मकान मालिक सुमन शर्मा ने बताया कि वर्ष 2017 में आकांक्षा कॉलेज में बीएससी कृषि प्रथम वर्ष में एडमिशन के बाद विशाल अपने दोस्तों के साथ यहां आया था। उसने ऊपर कमरा किराये पर लिया था। कठुआ की घटना के दौरान 10 जनवरी से 16 जनवरी तक विशाल यहां पर था। इस दौरान उसने खतौली में केके जैन डिग्री कॉलेज में परीक्षा भी दी थी।इस अवधि में 13 जनवरी को लोहड़ी पर्व तथा 14 जनवरी को मेरा और 16 जनवरी 2018 को पौत्री आस्था का जन्मदिन मनाया गया। इन समारोहों में विशाल शामिल रहा, जिसके फोटो मेरे मोबाइल फोन में थे। कठुआ कांड के बाद 17 मार्च 2018 को जम्मू एसआईटी उसे यहां गिरफ्तार करने पहुंची थी। विशाल को पकड़ने पर उसने उसे निर्दोष बताते हुए मोबाइल फोन की फोटो एसआईटी के इंस्पेक्टर अशफाक बानी को दिखाए थे, जिस पर उसने मोबाइल लेकर फोटो डिलीट कर दिए थे, मगर एक फोटो व्हाट्सअप की गैलरी में बच गया था। इसी बीच एक टीवी चैनल की पत्रकार ने सुमन से संपर्क किया।
सुमन ने उसे बताया कि घटना की अवधि के दौरान कमरे का किराया देने के लिए विशाल मीरापुर के एसबीआई और कारपोरेशन बैंक के एटीएम से रुपये निकालने गया था। इसके बाद बैंक से उसकी फुटेज निकलवाई गई। कोर्ट से समन आने पर सुमन शर्मा पिछले माह बयान देने पठानकोट गई। वहां 13 और 14 मई को उसने कोर्ट के समक्ष अपने बयान दिए तथा मोबाइल की फोटो और बैंक की फुटेज भी कोर्ट में प्रस्तुत की। उसके बयान की वीडियोग्राफी कराई गई। सुमन के बयान और प्रस्तुत किए गए साक्ष्य भी विशाल की बेगुनाही में अहम रहे।
इस सम्बन्ध में हमे जी न्यूज की रिपोर्ट भी मिली, इसके मुताबिक इस मामले में सीसीटीवी की एक फुटेज की बड़ी भूमिका रही। इसी के आधार पर विशाल को छोड़ा गया। जी न्यूज ने सबसे पहले इस फुटेज को दिखाते हुए कहा था कि वारदात के वक्त विशाल वहां मौजूद नहीं था।उसकी जगह वह मुजफ्फरनगर के मीरापुर में मौजूद था और वहां के एक एटीएम में पैसा निकाल रहा था। एटीएम में मौजूद सीसीटीवी की फुटेज से इसकी पुष्टि होती है।
वायरल तस्वीर विशाल जंगोत्रा की नहीं है
वहीं इस मामले में ‘The Statesman‘ की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि कठुआ की इस घटना में विशाल जंगोत्रा को आरोपी बनाया गया लेकिन सोशल मीडिया में लोगों ने कठुआ के ही विशाल शर्मा नाम के एक युवक की तस्वीर को वायरल कर दिया था। इस वजह से उसे अपना फेसबुक अकाउंट बंद करना पड़ा था।


रिपोर्ट के मुताबिक विशाल शर्मा एक स्कूल में कैंटीन चलाते हैं लेकिन माथे पर तिलक लगाए उनकी तस्वीर वायरल होने के बाद से विशाल शर्मा को कैंटीन जाना बंद कर दिया। विशाल के पिता ओमकार दास एक दिहाड़ी मजदूर हैं।
Photo of an innocent Vishal Sharma is being posted irresponsibly on social media as Vishal Jangotra the accused in #Kathua gang rape case pic.twitter.com/wnKYYEL1XZ
— ABP News (@ABPNews) April 25, 2018
उनके बेटे की फोटो वायरल होने के बाद वो टूट गए। फेसबुक पर लोगों की गलती की वजह से उन्हें अपने पैतृक स्थान पर गाली-गलौज और अपमान का सामना करना पड़ा। इस मामले में उन्होंने पुलिस से भी शिकायत की थी।
दावा | कठुआ बलात्कार और मर्डर मामले में चार दोषियों में एक विशाल जंगोत्रा है। |
हकीकत | इस घटना में विशाल जंगोत्रा निर्दोष साबित हुआ था। घटना के वक्त वो मुज्जफरनगर में परीक्षा दे रहा था, विशाल जंगोत्रा एटीएम के सीसीटीवी में भी कैद हुआ। साथ ही वायरल तस्वीर विशाल जंगोत्रा की नहीं, विशाल शर्मा की है। विशाल शर्मा का इस घटना से कोई लेना देना नहीं था, उसके फेसबुक अकाउंट से तस्वीर को वायरल किया गया था। |