सोशल मीडिया पर ‘जी उत्तर प्रदेश उत्तराखंड’ न्यूज़ चैनल का एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में एक महिला अनामिका शुक्ला 25 विद्यालयों में पढ़ा रही थी और 1 करोड़ वेतन भी ले लिया। साथ ही, लोग इस प्रकरण में जातिगत रंग देते हुए यह भी लिख रहे हैं कि साढ़े तीन प्रतिशत ब्राह्मणों ने देश के हर संवैधानिक पद पर कब्जा कर लिया है।
यूपी कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘अनामिका शुक्ला नाम की महिला 25 जगहों पर सरकारी नौकरी कर लाखों का वेतन उठा रही थी। इस मामले में चल रही जांच में क़ई विभाग और उनके जिम्मेदार अपनी गर्दन बचाने की फिराक में लगे हुए हैं। ऐसे फर्जीवाड़े की जांच में भी चुप्पी साधे रहना केवल भाजपा राज में ही मुमकिन है। जांच इस बात की भी होनी चाहिए कि अनामिका को किसका-किसका वरदहस्त मिला हुआ था? हालांकि जिस सरकार में कोई सच्चाई सामने नहीं आती, उसमें क्या यह सच सामने आएगा?’
अनामिका शुक्ला नाम की महिला 25 जगहों पर सरकारी नौकरी कर लाखों का वेतन उठा रही थी। इस मामले में चल रही जांच में क़ई विभाग और उनके जिम्मेदार अपनी गर्दन बचाने की फिराक में लगे हुए हैं।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) April 3, 2025
ऐसे फर्जीवाड़े की जांच में भी चुप्पी साधे रहना केवल भाजपा राज में ही मुमकिन है। जांच इस बात की भी… pic.twitter.com/ra50iYrums
अजय प्रजापति ने लिखा, ‘अनामिका शुक्ला एक साथ 25 विद्यालयों मे पढा रही थी और 1 करोड़ रुपये वेतन भी ले लिया। अब और कितना विकास चाहिए वास्तव मे देश तरक्की कर रहा है!’
"अनामिका शुक्ला" एक साथ 25 विद्यालयों मे पढा रही थी और 1 करोड़ रुपये वेतन भी ले लिया।
— Ajay Prajapati, अजय प्रजापति (@AjaySPST) April 3, 2025
अब और कितना विकास चाहिए ❓ वास्तव मे देश तरक्की कर रहा है!! pic.twitter.com/ygcyB4zuGf
बृजेन्द्र सिंह ने लिखा, ‘ब्राह्मण अनामिका शुक्ला के कारनामें ? ब्राह्मण है तो उच्च पदों पर बैठे ब्राह्मण बचा लेंगे ? अंतिम रास्ता न्यायालय में ब्राह्मणवाद, परिवारवाद, जातिवाद, कोलोजियम से बने जज बचा देंगे।’
ब्राह्मण अनामिका शुक्ला के कारनामें ?
— BRIJENDRA SINGH (@brijendra20121) April 23, 2025
ब्राह्मण है तो उच्च पदों पर बैठे ब्राह्मण बचा लेंगे ?
अंतिम रास्ता न्यायालय में ब्राह्मणवाद, परिवारवाद, जातिवाद, कोलोजियम से बने जज बचा देंगे।https://t.co/p6PigKjngB
द वोईस ऑफ बहुजन ने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में “अनामिका शुक्ला” महिला 25 विद्यालयों में पढ़ा रही थी और 1 करोड़ वेतन भी ले लिया! 3.5% ब्राह्मणों ने देश के हर संवैधानिक पद पर कब्जा कर लिया क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री की कोई जवाबदारी नहीं है!’
उत्तर प्रदेश में "अनामिका शुक्ला" महिला 25 विद्यालयों में पढ़ा रही थी और 1 करोड़ वेतन भी ले लिया!
— THE VOICE OF BAHUJAN (@DayalalYad58514) July 19, 2025
3.5% ब्राह्मणों ने देश के हर संवैधानिक पद पर कब्जा कर लिया क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री की कोई जवाबदारी नहीं है! pic.twitter.com/OGtHFhWB0C
क्या है हकीकत? पड़ताल के दौरान हमे यह वीडियो ‘जी उत्तरप्रदेश उत्तराखंड’ न्यूज़ चैनल के यूट्यूब चैनल पर मिला। 18 मार्च 2025 के इस रिपोर्ट में बताया गया है कि अनामिका शुक्ला के नाम पर अलग अलग जिलों में नौकरी कर रहे हैं, इस मामले की जांच अब चार विभागों को सौंपी गयी है।
इसी सम्बन्ध में हमे दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक यूपी के गोंडा निवासी सुनील कुमार त्रिपाठी की शिकायत पर उत्तर प्रदेश सूचना आयोग ने कई अहम आदेश जारी किए हैं। अब भ्रष्टाचार निवारण संगठन, बेसिक शिक्षा विभाग और वित्त विभाग को इस घोटाले की तह तक जाने के लिए निर्देशित किया गया है। सुनील कुमार त्रिपाठी का कहना है कि इस घोटाले में प्रदेश भर में 20 से ज्यादा फर्जी शिक्षकों ने अनामिका शुक्ला की मार्कशीट का इस्तेमाल कर करोड़ों की सैलरी हड़प ली।
दैनिक भास्कर की इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि यह मामला साल 2020 में पहली बार सामने आया था, तब अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी करने वालों के खिलाफ गोंडा नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई थी। एसटीएफ ने कई लोगों को जेल भी भेजा लेकिन अभी भी कुछ जिलों में फर्जी शिक्षक वेतन उठा रहे हैं।
इसके बाद हमने साल 2020 की खबरों को खंगालना शुरू किया। 7 जून 2020 को न्यूज18 की रिपोर्ट में बताया गया है कि फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर अनामिका शुक्ला के नाम पर 25 जिलों में नौकरी करने वाली प्रिया जाटव को कासगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया। कासगंज में पकड़ी गई प्रिया जाटव के अनुसार, उसकी मुलाकात गोंडा के रघुकुल विद्यापीठ में बीएससी करते वक्त ही मैनपुरी निवासी राज नाम के व्यक्ति से हुई थी। उसने प्रिया को नौकरी की सलाह दी। एक लाख रुपये में दस्तावेज पर नौकरी लगवाने का वायदा किया, उसने ही अगस्त 2018 में इसे नियुक्ति पत्र भी दिला दिया था।
7 जून की दैनिक जागरण की रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग को चमका देकर बड़ा फर्जीवाड़ा करने वाली कासगंज की शिक्षिका का सही नाम ही पता नहीं चल पा रहा है। वह कासगंज में अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी कर रही थी। शनिवार को गिरफ्तारी के बाद उसने अपना नाम अनामिका सिंह बताया। इसके बाद प्रिया सिंह तथा बाद में सुप्रिया सिंह और प्रिया जाटव पर आ गर्ई। अभी तक उसका सही नाम पता नही चला है।
वहीं 8 जून 2020 को दैनिक जागरण की रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस ने फर्जी शिक्षिका प्रिया उर्फ सुप्रिया को रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, वहां से उसको 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इससे पहले आगरा एसटीएफ की टीम ने आकर उससे पूछताछ की है। अनामिका शुक्ला के नाम से राज्य के कई कस्तूरबा आवासीय विद्यालयों में विज्ञान की शिक्षिकाएं तैनात हैं।
प्रिया जाटव, प्रिया सिंह, अनामिका सिंह या सुप्रिया जाटव, असली नाम क्या?: न्यूज18 और दैनिक जागरण की रिपोर्ट में अलग अलग नामों का जिक्र है। एक जगह प्रिया सिंह, प्रिया जाटव बताया गया है, वहीं दूसरी जगह सुप्रिया सिंह या सुप्रिया जाटव। ऐसे में असल नाम के सम्बन्ध में एबीपी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कासगंज में गिरफ्तार शिक्षिका ने पूछताछ में अपना नाम अनामिका सिंह बताया। थोड़ी कड़ाई के बाद उसने अपना नाम प्रिया जाटव बताया और अंत में पता चला कि वो न तो अनामिका शुक्ला है, न अनामिका सिंह और न प्रिया जाटव। फर्जी शिक्षिका अनामिका शुक्ला का असली नाम सुप्रिया जाटव है, इस बात का खुलासा सुप्रिया के पिता महिपाल जाटव ने किया है। वो मूलरूप से यूपी के फर्रुखाबाद जनपद के कायमगंज की रहने वाली है।
पड़ताल में आगे ETV भारत के मुताबिक 14 जून 2020 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में अनामिका शुक्ला के नाम से नौकरी करने वाली बबली यादव को गिरफ्तार किया गया था। बबली कानपुर जिले के रसूलाबाद की रहने वाली है। मैनपुरी के पुष्पेंद्र जाटव ने तीन लाख रुपये लेकर बबली की नौकरी लगवाई थी। वहीं हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक 12 जून 2020 को यूपी पुलिस ने अनामिका शुक्ला बनकर अंबेडकर नगर के कस्तूरबा में नौकरी कर रही मैनपुरी की अनीता को गिरफ्तार किया था।
वहीं 16 जून 2020 को प्रकाशित प्रभात खबर के मुताबिक फर्जी दस्तावेजों के जरिये शिक्षक की नौकरी दिलाने के मामले में एसटीएफ ने तीन लोगों को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने इस मामले के मुख्य आरोपित मैनपुरी निवासी व फर्रुखाबाद में सहायक अध्यापक पुष्पेंद्र जाटव उर्फ राज, जौनपुर में बेसिक शिक्षा कार्यालय में जिला समन्वयक अधिकारी आनंद तथा लखीमपुर में बेसिक शिक्षा कार्यालय के प्रधान लिपिक रामनाथ को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार आरोपित राज उर्फ पुष्पेंद्र जाटव उर्फ गुरुजी ही गिरोह का सरगना है। पूछताछ में पुष्पेंद्र ने बताया कि वह सुशील पुत्र गुलाब चंद्र के नाम से फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त है।
इसके अलावा 16 जून 2020 को प्रकाशित ईटीवी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कन्नौज के एक स्कूल में तैनात प्रभारी प्रधानाध्यपक विभव उर्फ जसवंत जाटव को बर्खास्त कर दिया गया। जसवंत ने भाई पुष्पेंद्र उर्फ नीतू के साथ मिलकर फर्जी तरीके से सुप्रिया को नौकरी दिलाई थी। इसी तरह से जसवंत भी विभव के नाम से नौकरी कर रहा था।
कौन हैं असली अनामिका शुक्ला?: इस प्रकरण के सामने आने के बाद गोंडा के भुलईडीह की रहने वाली अनामिका शुक्ला बीएसए कार्यालय में उपस्थित हुईं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक अनामिका ने कहा कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में विज्ञान शिक्षक के लिए सुल्तानपुर, जौनपुर, बस्ती, मिर्जापुर व लखनऊ में आवेदन किया था लेकिन न तो काउंसिलिंग में शामिल हुईं और न ही कहीं नौकरी ही कर रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके अभिलेखों का दुरुपयोग करके कई लोग नौकरी कर रहे हैं।
अनामिका ने बताया कि उन्होंने कई जिलों में एप्लाई किया था। उसी की फोटो स्टेट प्रति से इसका दुरुपयोग किया गया है। अमानिका शुक्ला ने गोंडा कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराने के लिए लिखित तौर पर दिया है। वर्तमान में वह कहीं भी नौकरी नहीं कर रही हैं। जो भी उनके नाम से नौकरी कर रहा है वह उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग कर रहा है।
वहीं बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक गोंडा ज़िले के बेसिक शिक्षा अधिकारी इंद्रजीत प्रजापति ने बीबीसी को बताया कि अनामिका शुक्ला गोंडा की ही रहने वाली हैं और विभिन्न स्कूलों में पढ़ाने वाली जिन अनामिका शुक्ला के दस्तावेज़ सामने आए हैं, वो सभी दस्तावेज़ इन्हीं के हैं। इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि अपने नाम की चर्चा हर जगह होने की वजह से अनामिका शुक्ला अपने दस्तावेज़ लेकर ख़ुद उनसे मिलने आई थीं।
बीएसए इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि अनामिका शुक्ला गोंडा की ही रहने वाली हैं, यहीं की पढ़ी हुई हैं और यहीं उनकी शादी भी हुई है। हमने उनके सारे मूल प्रमाण पत्र देखे और उनके नाम पर दूसरे जगहों पर पढ़ाने वाली टीचरों के दस्तावेज़ से मिलान करने पर हूबहू वही मिले हैं। रोल नंबर, प्रमाण पत्र संख्या जैसी तमाम चीज़ों का मिलान किया गया है।
दावा | अनामिका शुक्ला नाम की महिला 25 जगहों पर सरकारी नौकरी कर लाखों का वेतन उठा रही थी। ब्राह्मणों ने उच्च पदों पर कब्जा कर लिया है। |
हकीकत | गोंडा निवासी अनामिका शुक्ला नहीं, बल्कि उनके दस्तावेजों का दुरुपयोग कर सुप्रिया जाटव, बबली यादव समेत फर्जी शिक्षक नौकरी कर रहे थे। |