मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल है, इस वीडियो एक समूह कुछ लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीट रहा है। लोगों का दावा है कि यह वीडियो मणिपुर का है, जहाँ बीजेपी नेताओं को पीटा गया है। हालंकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा गलत है।
समाजवादी पार्टी के नेता अनीस रजा ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि मणिपुर में भाजपा नेताओं का भव्य स्वागत।
मणिपुर में भाजपा नेताओं का भव्य स्वागत।@samajwadiparty pic.twitter.com/L9VVv7rGS7
— Anees Raja انیس راجا (@aneesrajasp) July 31, 2023
भील विनोद परमार ने लिखा कि मणिपुर मे भक्तो की तो निकल पड़ी है…ये लहर रुकनी नहीं चाहिए देशवासियो…
मणिपुर मे भक्तो की तो निकल पड़ी है…
ये लहर रुकनी नहीं चाहिए देशवासियो…🤣#आदिवासी_विरोधी_UCC pic.twitter.com/xjuMz08EMM— भील विनोद N परमार (@VNparmar23) July 1, 2023
क्या है हकीकत? वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें 6 अक्टूबर, 2017 को आउटलुक में छपी एक रिपोर्ट मिली। ऐसी ही एक रिपोर्ट 5 अक्टूबर 2017 को हिंदुस्तान टाइम्स ने भी प्रकाशित की है। इन रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना पश्चिम बंगाल के शहर दार्जिलिंग की है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष जब दशहरे के समारोह में हिस्सा लेने गए थे, तब दार्जिलिंग की स्थानीय पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के कार्यकर्ताओं ने उन पर और उनके साथियों पर हमला बोल दिया था।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट |
वहीं, दिलीप घोष ने इस हमले के तार सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से जुड़े होने का अंदेशा जताया था। घोष ने उस वक्त बयान दिया था, “इस हमले की योजना पहले से बनाई गई थी। मुझे लगता है कि इसकी जड़ें कोलकाता से जुड़ी हैं। प्रशासन और पुलिस सिर्फ मूकदर्शक बने रहे और हमारे समर्थकों को पीटा गया, मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया। घटना के लेकर मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।”
हमे NMF News नाम के एक यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो भी मिला। इस वीडियो को 6 अक्टूबर 2017 को अपलोड किया गया है। वीडियो के साथ बताया गया है कि दार्जिलिंग में पश्चिम बंगाल के तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के साथ धक्का-मुक्की हुई। साथ ही बताया गया है कि दिलीप घोष के साथ मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं को एक गुट ने पीट दिया था।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो के साथ गलत दावा किया गया है। बीजेपी नेताओं के साथ मारपीट का यह वीडियो मणिपुर का नहीं, बल्कि लगभग 6 साल पुराना पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग का है।
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