सोशल मीडिया में भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल का एक वीडियो वायरल है। इसमें उन्हें हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देते हुए सुना जा सकता है। लोग इस वीडियो को वायरल करते हुए भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। लोगों का कहना है कि बीजेपी नेता ने यह बयान दिया लेकिन पार्टी के नेताओं ने इसका विरोध नहीं किया।
नेहा सिंह राठौर ने लिखा, ‘व्हिस्की में विष्णु बसे… रम में श्री राम… जिन में माता जानकी.. ठर्रे में हनुमान.. सियावर राम चंद्र की जय… भाजपा के राज्य सभा सदस्य नरेश चंद्र अग्रवाल की इस कविता से हिन्दू धर्म का अपमान हुआ था या नहीं? भाजपा के कितने नेताओं का खून खौला था? सिर्फ़ जनता को ठगना आता है?’
“व्हिस्की में विष्णु बसे…
रम में श्री राम…
जिन में माता जानकी..
ठर्रे में हनुमान..सियावर राम चंद्र की जय…”
भाजपा के राज्य सभा सदस्य नरेश चंद्र अग्रवाल की इस कविता से हिन्दू धर्म का अपमान हुआ था या नहीं?
भाजपा के कितने नेताओं का खून खौला था?
सिर्फ़ जनता को ठगना आता है? pic.twitter.com/S09izKtAm1
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) July 3, 2024
मुनीश कुमार वर्मा ने लिखा, ‘बीजेपी सांसद नरेश अग्रवाल ने ये बात संसद में बोलकर हिंदू देवताओं का और हमारे आराध्य का अपमान किया था,,, उस वक्त इनको मोदी, अमित शाह,और राजनाथ सिंह ने भी नही विरोध किया।’
बीजेपी सांसद नरेश अग्रवाल ने ये बात
संसद में बोलकर हिंदू देवताओं का और हमारे
आराध्य का अपमान किया था,,,
उस वक्त इनको मोदी, अमित शाह,और राजनाथ सिंह ने भी नही विरोध किया।था pic.twitter.com/rvW0E59a3h— Munish Kumar Verma (@MunishKumarVe17) July 2, 2024
अतुल शर्मा ने लिखा, ‘बीजेपी सांसद नरेश अग्रवाल ने ये बात संसद में बोलकर हिंदू देवताओं का और हमारे आराध्य का अपमान किया था,,, तब खाकी चड्डी धारियों को कोई प्रॉब्लम नहीं हुआ, और ना ही उनकी इस स्पीच को हटाया गया’
बीजेपी सांसद नरेश अग्रवाल ने ये बात
संसद में बोलकर हिंदू देवताओं का और हमारे
आराध्य का अपमान किया था,,,तब खाकी चड्डी धारियों को कोई प्रॉब्लम नहीं हुआ, और ना ही उनकी इस स्पीच को हटाया गया, pic.twitter.com/QQfJhHsNtw
— Atul Sharma inc India (@Atulsharmainc) July 3, 2024
एक हैंडल ने लिखा, ‘यह है बीजेपी के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल, और यह हिंदू धर्म के बारे में किस तरह बोल रहे हैं , पर बीजेपी इनको कुछ नहीं बोलती क्योंकि पार्टी की बात है!’
यह है बीजेपी के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल,
और यह हिंदू धर्म के बारे में किस तरह बोल रहे हैं , पर बीजेपी इनको कुछ नहीं बोलती क्योंकि पार्टी की बात है! pic.twitter.com/QqzdRuZUZT— Dear Zindagi (@Dear___Zindagi_) July 3, 2024
क्या है हकीकत? पड़ताल में टोटल टीवी के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। 20 जुलाई 2017 के इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि सपा महासचिव नरेश अग्रवाल के बयान पर सदन में हंगामा मच गया और बीजेपी के भूपेंद्र यादव ने नरेश अग्रवाल से माफी की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि नरेश अग्रवाल का यह बयान हिंदू धर्म का अपमान है, उन्हें माफी मांगनी चाहिए। हंगामे के बाद उनका बयान राज्यसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है।
वहीं 19 जुलाई 2017 को एबीपी पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी ने नरेश अग्रवाल के बयान को हिन्दू देवी देवताओं का अपमान बताया। बीजेपी ने नरेश अग्रवाल से माफी की मांग की। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नरेश अग्रवाल अगर ये बयान सदन से बाहर देते तो उनके ऊपर मुकदमा तक दर्ज हो सकता था। क्या आप किसी अन्य धर्म को लेकर ऐसा बयान दे सकते हैं? इसके बाद नरेश अग्रवाल ने बयान पर खेद जताया। उन्होंने कहा कि बयान वापस लेता हूं।
नरेश अग्रवाल ने कहा, ”हर मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया। कार्यवाही से जैसे ही मेरे बयान को हटाया गया मैंने अपने शब्दों को वापस ले लिया। मेरी कभी इच्छा नहीं थी कि किसी की भावना ठेस पहुंचे।अगर राजनैतिक रूप से किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।”
इस सम्बन्ध में 19 जुलाई 2017 को एनडीटीवी की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने राज्य सभा में हिंदू भगवानों को एक शराब से जोड़ते हुए बयान दिया। जिसके बाद संसद में काफी बवाल हुआ है। नरेश अग्रवाल के इस बयान को राज्य सभा के रिकार्ड से हटा दिया गया। बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए खेद जताया। वहीं नरेश अग्रवाल ने मार्च 2018 में भाजपा की सदस्यता ली थी।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो साल 2017 का है। नरेश अग्रवाल उस वक्त बीजेपी में नहीं, समाजवादी पार्टी में थे। उनके बयान के बाद बीजेपी ने भारी विरोध किया था। इसके बाद उनका बयान राज्यसभा के रिकोर्ड से हटा दिया गया था। साथ ही नरेश अग्रवाल ने अपने बयान के लिए माफ़ी मांग ली थी।
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