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12 Jan 2025, Sun

धीरेन्द्र शास्त्री ने भगवान श्रीराम को पांच पिता की संतान बताया? वायरल वीडियो एडिटेड है

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है। इस वीडियो में धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि रामजी के पांच बाप थे पांच, कितने? राम जी के पांच पिता जी हैं विचित्र बात है। स्वीकार करना बड़ा मुश्किल है, पर सत्य बात है। हालाँकि पड़ताल में पता चलता है कि उनका यह वीडियो एडिटेड है।

सपा नेता लोटन राम निषाद ने लिखा, ‘ढोंगी धीरेन्द्र शास्त्री बता रहा है कि राम जी के 5 बाप थे, क्या यह सनातन का अपमान नहीं है मनुपुत्रों!’

मफिजुल ने लिखा, ‘दिन रात जय श्रीराम जय श्रीराम करने वालों सुनलो जरा राम जी के पांच बाप थे.. तुम लोगों के बाबा क्या बोल रहे है’

नाजनीन अख्तर ने लिखा, ‘सुना है नि+यो+ग में पूरा मोहल्ला भाग ले सकता है खैर वो छोड़ो,,, ये देखो नया है’

इसके अलावा कीर्ति आजाद, हितेंद्र ने भी इस वीडियो को पोस्ट किया है।

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमें यह वीडियो बागेश्वर धाम सरकार नाम के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर मिला। 5 मिनट 52 सेकंड के इस वीडियो में 03:08 मिनट के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि राम जी के पहले पिता दशरथ थे क्योंकि उन्होंने राम जी को बड़ा किया था। दूसरे पिता अग्नि देव क्योंकि अग्निदेव के बीच से ही खीर प्रकट हुई।

(रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन रानियां थीं। कौशल्या, कैकई और सुमित्रा, राजा दशरथ ने संतान प्राप्ति के लिए गुरु वशिष्ठ के मार्गदर्शन में पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाया था। जिसे श्रृंगी ऋषि ने संपन्न किया। यज्ञ संपन्न हुआ तो यज्ञ कुंड से अग्निदेव स्वंय खीर का पात्र लेकर प्रकट हुए। इस खीर को उन्होंने तीनों रानियों को बांट दिया। खीर खाने के कुछ दिन बाद कौशल्या के गर्भ से भगवान श्रीराम, कैकई के गर्भ से भरत और सुमित्रा के गर्भ से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ। इसी संदर्भ से अग्नि देव राम जी के दूसरे पिता बताए गए हैं।)

पंडित धीरेन्द्र शास्त्री आगे कहते हैं कि राम जी के तीसरे पिता हैं विश्वामित्र जी। क्योंकि दशरथ जी ने जब राम को विश्वामित्र को सौंपा तब रामायण में गोस्वामी जी ने लिखा है – मेरे प्रान नाथ सुत दोऊ। तुम्ह मुनि पिता आन नहिं कोऊ, अर्थात दशरथ जी ने विश्वामित्र से कहा महाराज आज से हम राम को आपके पास छोड़ रहे हैं, राम और लक्ष्मण हमारे प्राण हैं। आज से आप और कोई नहीं राम-लक्षमण के पिता हैं। इसलिए तीसरे पिता हुए विश्वामित्र।

चौथे पिता हैं जनक जी क्योंकि ससुर रिश्ते में पिता ही होता है और पांचवे पिता हैं जटायू जी क्योंकि जटायू जी दशरथ जी के बड़े भाई हैं और दशरथ जी ने राम को जटायू को सौंप दिया था।

(इसी वीडियो की शुरुआत में राम कथा के दौरान पंडित धीरेन्द्र शास्त्री एक प्रसंग में बताते हैं कि क्यों दशरथ ने जटायू को अपना बड़ा भाई माना था। देवासुर संग्राम के दौरान दशरथ की जान जटायू ने बचाई थी। ऐसे में जटायू जी से प्रसन्न होकर दशरथ ने उन्हें अपना बड़ा भाई माना और पूछा कि बताओ हम तुम्हारी क्या मदद करें। तब राम जी नहीं हुए थे, जटायू चूंकि उस समय के सबसे बड़े ज्योतिषी थे तो उन्होंने दशरथ को बताया कि आपके घर चार पुत्र होंगे। साथ ही यह कहा कि हमें आपसे कुछ नहीं चाहिए बस आपका जो बड़ा बेटा होगा वो हमें दे देना उसपर हमारा अधिकार हो, हमें और कुछ नहीं चाहिए।)

धीरेन्द्र शास्त्री आगे कहते हैं कि और तो और राम जी ने अपने पुत्र होने का रिश्ता भी निभाया और अपने हाथों से जटायू का अंतिम संस्कार किया।

दावाभगवान श्रीराम के चार पिता थे।
हकीकतवायरल वीडियो एडिटेड है। असल वीडियो में धीरेन्द्र शास्त्री ने श्रीराम के पिता दशरथ के अलावा अन्य चार लोगों को पिता समान बताया है।

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