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26 Jun 2025, Thu

न्यूजीलैंड में हिंदुओ की बढती आबादी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए?

सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में कुछ लोग विरोध प्रदर्शन करते हुए ‘हिंदू’ टाइटल वाला झंडा फाड़ते हैं। इस वीडियो के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि न्यूजीलैंड में हिन्दुओं की बढती आबादी के खिलाफ स्थानीय जनजाति के लोग हिंदुओ का विरोध कर रहे हैं।

रितेश देशमुख पैरोडी ने एक्स पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘न्यूज़ीलैंड में हिंदू आबादी के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ देशी माओरी जनजातीय समुदाय के सदस्य विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हिंदुत्व के झंडे फाड़ रहे है…’

Mr Haque ने लिखा, ‘न्यूज़ीलैंड के मूल निवासियों ने एक विरोध रैली मे क्रोध के साथ हिन्दु धार्मिक चिन्ह को जलाया’

मिशकत फातिमा ने लिखा, ‘न्यूज़ीलैंड में हिंदू आबादी के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ देशी माओरी जनजातीय समुदाय के सदस्य विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हिंदुत्व के झंडे फाड़ रहे हैं। इस तथाकथित संस्कारी समुदाय की शरारतों से हर कोई तंग है।’

इसके आलावा शिराज अहमद, मेहरीन मेहमूद मुफ्ती ने भी इस वीडियो को पोस्ट किया है

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमे इस सम्बन्ध में इंडिया टुडे और द इकोनोमिक्स टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक न्यूज़ीलैंड की राजधानी ऑकलैंड में Destiny Church के नेता ब्रायन टैमाकी ने “Faith, Flag, and Family” नामक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। इस विरोध प्रदर्शन में हिंदू, सिख, बौद्ध, इस्लामी झंडों सहित कई गैर‑ईसाई प्रतीकों को फाडकर पैरों तले कुचला गया। इसके बाद हाका प्रदर्शन हुआ, जो एक पारंपरिक माओरी युद्ध नृत्य है   

इस दौरान ब्रायन टैमाकी ने कहा कि गैर-ईसाई धर्मों का प्रसार अब नियंत्रण से बाहर हो गया है और कहा कि अब एक स्टैंड लेने का समय आ गया है। टैमाकी ने सिख और बौद्ध समुदायों पर भी निशाना साधते हुए तीखी टिप्पणी की। उन्होंने दावा किया कि सिख न्यूजीलैंड के व्यवसायों पर कब्जा कर रहे हैं और कीवी लोगों को नौकरी पर नहीं रख रहे हैं। वे अपने लोगों को नौकरी पर रखते हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि इस विरोध प्रदर्शन पर उप प्रधानमंत्री डेविड सेमोर ने टैमाकी के संदेश को ‘गैर-कीवी’ कहा। उन्होंने कहा, ‘कीवी होने का मतलब यह है कि लोग दुनिया भर से आते हैं, और जब तक वे बेहतर दुनिया बनाने के लिए शांतिपूर्वक आते हैं, तब तक उनका स्वागत है।’ वहीं पुलिस मंत्री मार्क मिशेल ने भी विरोध प्रदर्शन की निंदा की और कहा कि डेस्टिनी चर्च की ‘घृणित बयानबाजी और व्यवहार’ के लिए न्यूजीलैंड में कोई जगह नहीं है। उन्होंने नफरत फैलाने के लिए तायाहा (एक पारंपरिक माओरी हथियार) जैसी सांस्कृतिक रूप से पवित्र वस्तुओं के इस्तेमाल की आलोचना की। 

वहीं न्यूजीलैंड के इस्लामिक एसोसिएशन फेडरेशन, न्यूजीलैंड के संयुक्त सिख एसोसिएशन और न्यूजीलैंड बौद्ध परिषद सहित कई धार्मिक समूहों ने एक संयुक्त बयान जारी कर इस विरोध प्रदर्शन की निंदा की। 

पड़ताल में हमे ब्रायन टैमाकी के एक्स अकाउंट पर इस विरोध प्रदर्शन का पूरा वीडियो मिला। इस वीडियो में प्रदर्शनकारी हिंदू, सिख, इस्लाम समेत कई धार्मिक झंडों को फाड़ रहे हैं। ब्रायन टैमाकी ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि यह कुछ लोगों को आहत कर सकता है… लेकिन हम यहां भीड़ को खुश करने नहीं, बल्कि परमेश्वर की आज्ञा मानने आए हैं। आज हमने उन विदेशी विचारधाराओं और झूठे धर्मों के प्रतीकों को नष्ट किया जो न्यूजीलैंड में घुसपैठ कर रहे हैं।

ब्रायन टैमाकी ने आगे लिखा कि आज एक शक्तिशाली सार्वजनिक प्रदर्शन में, हमने उन विदेशी विचारधाराओं और झूठे धर्मों के प्रतीकों को नष्ट किया जो न्यूज़ीलैंड में घुसपैठ कर रहे हैं और हमारे देश को बदल रहे हैं। हमने निम्नलिखित झंडों और विचारधाराओं को नष्ट किया: इस्लाम, फिलिस्तीन, खालिस्तान, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म, संयुक्त राष्ट्र, विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO), वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF), नास्तिकता, रेनबो (LGBTQIA+). ट्रांसजेंडर झंडा और हमने यहीं पर रुकने का इरादा नहीं किया  जैसिंडा आर्डर्न का पोस्टर — जिसे हमने ‘वोक (woke) तानाशाही’ का चेहरा कहा, मुख्यधारा मीडिया जो इस देश को झूठ से भरने वाला असली आतंकवादी है  यह नफरत नहीं थी। यह ईश्वर द्वारा दिया गया निर्देश था इन धर्मों और विचारधाराओं का सामना करने के लिए। मेरे सिवा तू किसी अन्य ईश्वर की पूजा न करना।(निर्गमन 20:3)यह है वह क्षण…जब सत्य पलटवार करता है।

ब्रायन टैमाकी ने एक दूसरा पोस्ट करते हुए लिखा कि जब दुनिया बमों से लड़ रही है, हम उसके पीछे की आत्मिक शक्ति से लड़ रहे हैं। शनिवार का मार्च सिर्फ विरोध नहीं था, यह आत्मिक जगत में एक भविष्यवाणी भरा कदम था। हमने बम या बंदूक से नहीं, ऊपर से आई शक्ति से मुकाबला किया। इस्लाम और इसाई धर्म के बीच यह धर्मयुद्ध है। इस्लाम बनाम यहूदी धर्म, प्रकाश बनाम अंधकार, सत्य बनाम आतंक। अभी इसी समय, इज़राइल और ईरान के बीच पूर्ण युद्ध चल रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका भी इसमें शामिल है। लेकिन धोखा मत खाइए — असली खतरा सिर्फ ईरान की मिसाइलें नहीं हैं।  असल खतरा है — इस्लामिक स्टेट के मौलवी, जो इस पूरे अराजकता के पीछे की आध्यात्मिक ताकत हैं। हर आतंकवादी हमला सबसे पहले एक धार्मिक कृत्य होता है। सीरिया की राजधानी दमिश्क़ में हाल ही में एक आत्मघाती हमला हुआ जिसमें एक इसाई चर्च को निशाना बनाया गया और 25 लोग मारे गए। यही इस्लाम करता है। ये दुष्ट आत्माएँ सिर्फ मध्य पूर्व तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पश्चिमी देशों में भी छिपी हुई ।

उन्होंने आगे लिखा कि इस्लाम दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म है। यह नारे लगाता हैइज़राइल को मौत। अमेरिका को मौत। पश्चिम को मौत। इस्लाम पहले ही इन देशों पर कब्ज़ा कर चुका है ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, सीरिया, इराक, लीबिया, सोमालिया, यमन, सूडान, मॉरिटानिया, नाइजीरिया, सऊदी अरब, कतर, अल्जीरिया…और यह सूची लगातार बढ़ रही है। इन देशों में से कई में शरिया कानून लागू है। इनमें से हर एक देश महिलाओं को दबाता है, ईसाइयों पर अत्याचार करता है, बलात्कार को नजरअंदाज़ करता है, स्वतंत्रता की आवाज़ को कुचलता हैऔर मृत्यु की महिमा करता है। फिर भी, न्यूज़ीलैंड के नेता इस समस्या को लगातार देश में आयात कर रहे हैं। लेकिन हम कहते हैं अब और नहीं। मैं ईसाई धर्म के उस कट्टरपंथी पक्ष का प्रतिनिधित्व करता हूंजो इस घृणित धर्म का सामना करने से नहीं डरता।

दावान्यूजीलैंड में हिन्दुओं की बढती आबादी के खिलाफ स्थानीय जनजाति के लोग हिंदुओ का विरोध कर रहे हैं।
हकीकतयह प्रदर्शन सिर्फ हिन्दू धर्म के खिलाफ नहीं थे, Destiny Church के नेता ब्रायन टैमाकी ने गैर ईसाई धर्म जैसे इस्लाम, सिख, बौद्ध धर्म के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किये थे।

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