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24 Dec 2024, Tue

नस्लीय टिप्पणी करने पर भारतीय लड़की की पिटाई का दावा गलत है

सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल है, इस वीडियो में अफ्रीकन मूल की कुछ लड़कियां एक दूसरी लड़की के साथ मारपीट करती हुई नजर आ रही है। वीडियो के साथ लोग दावा कर रहे हैं कि कि नस्लीय टिप्पणी करने के आरोप में एक भारतीय लड़की को अफ्रीकन मूल की रहने वाली लड़कियों ने पिटाई कर दी। हालंकि पड़ताल में पता चलता है कि यह दावा भ्रामक है।

एक हैंडल अजय चौहान ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि नीदरलैंड में एक भारतीय लड़की को अफ्रीकी लड़की को उसकी त्वचा के रंग पर टिप्पणी करना भारी पड़ गया जब जवाब में अफ्रीकी लड़कियों ने मिलकर भारतीय लड़की की बुरी तरह पिटाई कर दी।

नीदरलैंड में एक भारतीय लड़की को अफ्रीकी लड़की को उसकी त्वचा के रंग पर टिप्पणी करना भारी पड़ गया जब जवाब में अफ्रीकी लड़कियों ने मिलकर भारतीय लड़की की बुरी तरह पिटाई कर दी। pic.twitter.com/gQxVdzzJBq

— हम लोग We The People 🇮🇳 (@ajaychauhan41) September 7, 2023

वामपंथी इतिहासकार अशोक कुमार पाण्डेय ने लिखा कि यह जो जाति पाँति , भेदभाव, रंग का अहंकार माँ-बाप और समाज बच्चों को सिखाता है, दुनिया भर में उन्हें बेइज्जत करता है।

धर्मेन्द्र ने लिखा कि मैंने कितनी बार मना किया है विदेश में अपनी जाति मत लेकर जाया करो वहां केवल मानवता ही चलती है यह गंदगी विदेश में अच्छी नहीं होती है क्या जरूरत  जातिगत और नस्लीय टिप्पणी करने की देखो कहीं ना कहीं से तो शुरुआत होनी थी नीदरलैंड से शुरुआत हो गई है भारत में भी ऐसे ही होगा सुधरे नहीं तो

मैंने कितनी बार मना किया है विदेश में अपनी जाति मत लेकर जाया करो वहां केवल मानवता ही चलती है यह गंदगी विदेश में अच्छी नहीं होती है क्या जरूरत जातिगत और नस्लीय टिप्पणी करने की देखो कहीं ना कहीं से तो शुरुआत होनी थी नीदरलैंड से शुरुआत हो गई है भारत में भी ऐसे ही होगा सुधरे नहीं तो pic.twitter.com/nMgOKsc8cG

— Dharmendra sirwalia 🇮🇳 (@DR_Ambedkarji) September 7, 2023

क्या है हकीकत? पड़ताल में हमने वायरल वीडियो के अलग-अलग हिस्सों को गूगल पर रिवर्स सर्च किया तो यह वीडियो हमे HLN News बेबसाईट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट पर मिला। 5 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक बेवरन के पूर्वी फ़्लैंडर्स शहर में छात्राओं के दो गुट में विवाद हुआ था, इस मारपीट की इस घटना के बाद 7 लड़कियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

इस घटना से सम्बंधित एक रिपोर्ट हमे ‘The Brussels Times’ पर मिली। 5 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित इस रिपोर्ट मे बताया गया है कि स्कूली छात्राओं के बीच मारपीट की इस घटना में 14 से 16 साल युवतियां शामिल थीं।

निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो पिछले साल अक्टूबर 2022 का है, साथ ही यह मामला नस्लीय टिप्पणी का नहीं, छात्राओं के दो गुटों का विवाद था।

Fact Myths एक स्वतंत्र फैक्ट चेकिंग बेबसाईट है। हम सोशल मीडिया से लेकर मुख्य धारा की मीडिया में चल रही फर्जी खबरों, गलत सूचनाओं, हेट स्पीच और भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा के खिलाफ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस लड़ाई में हमे अपनी टीम का विस्तार करना हैं, इसके लिए हम पूरी तरह अपने पाठकों पर निर्भर हैं। आप हमे यहाँ सहयोग कर सकते हैं। Donate: FactMyths@unionbank   

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है तो पड़ताल के लिए हमारे व्हाट्सएप नंबर +917895085973 पर भेजें)

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