सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था। अदालत निर्वाचन आयोग को दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने का आदेश दिया। आदेश का पालन करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग को इलेक्शन बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी सौंप दी है। इसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि किस राजनैतिक दल को किस कंपनी से चंदा मिला था। इस बीच यूट्यूबर ध्रुव राठी ने गायों के साथ एक वीडियो बनाया, इस वीडियो में ध्रुव राठी ने कहा कि गाय और भैंस जैसे जानवर बहुत ही इमोशनली बुद्धिमान होते हैं, इसानों की तरह ही यह बहुत से इमोशंस महसूस कर सकते हैं।
ध्रुव राठी ने यह दावा किया कि बीफ निर्यात करने वाली शीर्ष कंपनी अलाना ग्रुप ने बीजेपी-शिवसेना को चंदा दिया। ध्रुव राठी ने इस वीडियो को गाय के साथ रिकॉर्ड किया, उन्होंने यह संदेश दिया कि बीजेपी-शिवसेना ने गाय का मांस निर्यात करने वाली कंपनी से चंदा लिया है।
Did you know? 🐄
🚩Electoral Bond data reveals that BJP received crores of money from India’s top beef exporting company? pic.twitter.com/r0cIPH1UiR
— Dhruv Rathee (@dhruv_rathee) April 11, 2024
क्या है हकीकत? पड़ताल में हमे 22 मार्च 2024 को ‘द क्विंट‘ पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक खुद को हलाल बोनलेस भैंस के मांस के सबसे बड़े उत्पादक और निर्यातक बताने वाली अल्लाना ग्रुप से जुड़ी कंपनियों ने साल 2019 में 6 और साल 2020 में 1 बॉन्ड खरीदा, जिसे शिवसेना और बीजेपी ने भुनाया है। क्विंट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस कंपनी ने बीजेपी और शिवसेना को चंदा दिया था।
इसके बाद हमने Allana Group की मांस निर्यात कंपनी Allanasons Private Limited की बेवसाईट को खंगाला। बेवसाईट के प्रोडक्ट सेक्शन में हमे गाय का मांस नहीं मिला। बेवसाईट के मुताबिक वर्ष 1865 में एलनासन्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना हुई। हमारे द्वारा उत्पाद श्रृंखला में जमे हुए भैंस के मांस, ठंडा वैक्यूम पैक भैंस के मांस, जमे हुए भैंस के ऑफल, जमे हुए और ठंडे मेमने के शव शामिल हैं। वहीं Allana Group की दूसरी कंपनी Frigerio Conserva के मुताबिक वो भी भैंस के मांस के प्रोडक्ट, डॉग फूड बेचती है।
Allana Group |
हमने ‘Allanasons Private Limited’ की बेवसाईट पर मौजूद नम्बर की मदद से कंपनी से सम्पर्क किया। कंपनी ने हमे बताया कि वो गाय का मांस नहीं बेचते हैं, महाराष्ट्र में वैसे भी इस पर प्रतिबन्ध हैं तो ऐसे आरोप जायज नहीं हैं।
पड़ताल में यह भी पता चलता है कि 1947 से 2018 तक भारतीय गाय की नस्लों के गोमांस निर्यात पर वर्ष-वार डेटा मांगने वाली 2019 की आरटीआई जांच के जवाब में यह स्पष्ट किया गया कि भारत गाय के मांस का निर्यात नहीं करता है। इसमें कहा गया, “सरकार द्वारा गोमांस (गाय का मांस) के निर्यात की अनुमति नहीं है/अनुमति नहीं है।
RTI Copy |
बीबीसी ने साल 2014 में प्रकाशित अपनी एक रिपोर्ट में भी बताया कि भारत से
होने वाले ‘बीफ’ के निर्यात को लेकर काफी हंगामा रहा है और मांग उठती रही
है कि इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाए लेकिन भारत से निर्यात होने वाला
बीफ़ दरअसल भैंस का मांस है, गोमांस नहीं।
BBC Report |
पाठक यह भी ध्यान दें कि जब बीफ की बात होती है तो इसका मतलब सिर्फ गोमांस नहीं होता। न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के मुताबिक अंग्रेजी में अलग-अलग तरह के मांस के लिए अलग शब्द हैं। जैसे भेड़ और बकरी के मांस के लिए मटन है, मुर्गे के मांस के लिए चिकन है इसी तरह से गाय के मांस के लिए बीफ शब्द इस्तेमाल होता है, जो फ्रेंच शब्द ब’अफ़ से लिया गया है लेकिन मटन की तरह भैंस, बैल और इस तरह के कई पशुओं के मांस को भी बीफ ही कहते हैं। एक बार फिर जान लीजिए कि सिर्फ गाय के मांस को बीफ नहीं कहा जाता। कई तरह के जानवरों के मांस को बीफ कहते हैं।
निष्कर्ष: पड़ताल से स्पष्ट है कि बीजेपी और शिवसेना को चंदा देने वाली Allana Group कंपनी गाय का मांस निर्यात नहीं करती है। भारत में गाय का मांस निर्यात करना प्रतिबंधित भी है।
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